NCERT Solutions for Class 9th: पाठ 5 - हामिद खाँ संचयन भाग-1 हिंदी
एस. के. पोट्टेकाट
पृष्ठ संख्या: 40
बोध प्रश्न
1. लेखक का परिचय हामिद खाँ से किन परिस्थितियों में हुआ?
उत्तर
गर्मियों में लेखक तक्षशिला के खंडहर देखने गया था। गर्मी के कारण लेखक का भूख प्यास से बुरा हाल था। खाने की तलाश में वह रेलवे स्टेशन से आगे बसे गाँव की ओर चला गया। वहाँ तंग और गंदी गलियों से भरा बाज़ार था, वहाँ पर खाने पीने का कोई होटल या दुकान नहीं दिखाई दे रही थी और लेखक भूख प्यास से परेशान था। तभी एक दुकान पर रोटियाँ सेंकी जा रही थीं जिसकी खुशबू से लेखक की भूख और बढ़ गई। वह दुकान में चला गया और खाने के लिए माँगा। वहीं हामिद खाँ से परिचय हुआ।
2. 'काश मैं आपके मुल्क में आकर यह सब अपनी आँखों से देख सकता।' हामिद ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर
हामिद खाँ को पता चला कि लेखक हिंदू है तो उसने पूछा कि क्या वह मुसलमानी होटल में खाएँगे। तब लेखक ने बताया कि हिंदुस्तान में हिंदू-मुसलमान में कोई भेद नहीं होता है। अच्छा पुलाव खाने के लिए वे मुसलमानी होटल में ही जाते हैं। वहाँ हिंदू-मुसलमानों के बीच दंगे नहीं होते। सब बराबर हैं। हामिद को एकदम विश्वास नहीं हुआ क्योंकि उसके यहाँ ऐसा नही था। वह यह सब अपनी आँखों से देखना चाहता था इसलिए उसने उपर्युक्त कथन को कहा।
3. हामिद को लेखक की किन बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था?
उत्तर
लेखक ने हामिद को कहा कि वह बढ़िया खाना खाने मुसलमानी होटल जाते हैं। वहाँ हिंदू-मुसलमान में कोई फर्क नहीं किया जाता है। सभी प्रेम और सद्भाव से रहते हैं। हिंदू-मुसलमान दंगे भी न के बराबर होते हैं। लेखक की इन सब बातों पर उसे विश्वास नहीं हो रहा था।
उत्तर
गर्मियों में लेखक तक्षशिला के खंडहर देखने गया था। गर्मी के कारण लेखक का भूख प्यास से बुरा हाल था। खाने की तलाश में वह रेलवे स्टेशन से आगे बसे गाँव की ओर चला गया। वहाँ तंग और गंदी गलियों से भरा बाज़ार था, वहाँ पर खाने पीने का कोई होटल या दुकान नहीं दिखाई दे रही थी और लेखक भूख प्यास से परेशान था। तभी एक दुकान पर रोटियाँ सेंकी जा रही थीं जिसकी खुशबू से लेखक की भूख और बढ़ गई। वह दुकान में चला गया और खाने के लिए माँगा। वहीं हामिद खाँ से परिचय हुआ।
2. 'काश मैं आपके मुल्क में आकर यह सब अपनी आँखों से देख सकता।' हामिद ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर
हामिद खाँ को पता चला कि लेखक हिंदू है तो उसने पूछा कि क्या वह मुसलमानी होटल में खाएँगे। तब लेखक ने बताया कि हिंदुस्तान में हिंदू-मुसलमान में कोई भेद नहीं होता है। अच्छा पुलाव खाने के लिए वे मुसलमानी होटल में ही जाते हैं। वहाँ हिंदू-मुसलमानों के बीच दंगे नहीं होते। सब बराबर हैं। हामिद को एकदम विश्वास नहीं हुआ क्योंकि उसके यहाँ ऐसा नही था। वह यह सब अपनी आँखों से देखना चाहता था इसलिए उसने उपर्युक्त कथन को कहा।
3. हामिद को लेखक की किन बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था?
उत्तर
लेखक ने हामिद को कहा कि वह बढ़िया खाना खाने मुसलमानी होटल जाते हैं। वहाँ हिंदू-मुसलमान में कोई फर्क नहीं किया जाता है। सभी प्रेम और सद्भाव से रहते हैं। हिंदू-मुसलमान दंगे भी न के बराबर होते हैं। लेखक की इन सब बातों पर उसे विश्वास नहीं हो रहा था।
4. हामिद खाँ ने खाने का पैसा लेने से इंकार क्यों किया?
उत्तर
हामिद खां ने लेखक को मेहमान माना था। उसे गर्व था कि एक हिन्दू ने उसके होटल का खाना खाया था। इसलिए उसने खाने का पैसा लेने से इंकार किया।
5. मालाबार में हिंदू-मुसलमानों के परस्पर संबंधों को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर
मालाबार में हिंदू-मुसलमान मिलकर रहते हैं,उनमें आपसी दंगे भी नहीं होते हैं। दोनों के धर्मों में कोई भेदभाव नहीं होता है। बढ़िया खाना खाने के लिए हिंदू भी मुसलमानी होटल में खाने जाते हैं। वहाँ आपसी मेलजोल का माहौल है। मुसलमानों द्वारा भारत में स्थापित पहली मस्जिद भी इसी राज्य के 'कोडुंगल्लूर' नामक स्थान पर है।
6. तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में कौन-सा विचार कौंधा? इससे लेखक के स्वभाव की किस विशेषता का परिचय मिलता है?
उत्तर
तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में हामिद खां का विचार कौंधा जिसके होटल में उसने तक्षशिला भ्रमण के दौरान खाना खाया था। इससे लेखक के धार्मिक सहिष्णुता, हमदर्दी जैसे स्वभाव की विशेषता का परिचय मिलता है।
हामिद खाँ - पठन सामग्री और सार
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