पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - कीचड़ का काव्य स्पर्श भाग - 1
पाठ का सारप्रस्तुत लेख 'कीचड़ का काव्य' में लेखक ने कीचड़ का महिमामंडन किया है। उन्होंने बताया है की कोई भी कवि या लेखक अपने कृतियों में कीचड़ का वर्णन नही करते हैं, जबकि लेखक को कीचड़ में कम सौंदर्य नजर नही आता। कीचड़ का रंग बहुत व्यक्तियों को पसंद आता है जैसे पुस्तक के गत्तों पर, घरों की दीवालों पर, मिटटी के बर्तनो के लिए तथा फोटो लेते समय।
कीचड के सौंदर्य का वर्णन करते हुए लेखक ने कहा है की जब ये नदी के किनारे सुख कर टूट जाते हैं, उनमे दरारे पड़ जाती हैं तब वे सुखाये खोपड़े जैसे दिखाई पड़ते हैं। जब उसपर छोटे-बड़े पक्षी के पदचिन्ह अंकित हो जाते हैं तो हमें उस रास्ते कारवां ले जाने की इच्छा होती है। फिर जब कीचड़ ज्यादा सुखकर जमीन ठोस हो जाती है तथा गाय, भैंस, बैल, बकरे आदि के पदचिन्ह अंकित हो जाते हैं है जिसकी शोभा कुछ और ही है। जब दो पांडे अपने सींगो द्वारा कीचड़ को रौंदकर आपस में लड़ते हैं तो उनके अंकित चिन्ह महिषकुल के युद्ध का वर्णन करते हैं।
अगर हमें कीचड़ के विशाल रूप को देखना है तो गंगा किनारे या सिंधु के किनारे जाना चाहये या फिर सीधे खम्भात पहुंचना चाहिए जहाँ हमारी नजर जहाँ तक जायेगी वहां सर्वत्र कीचड़ ही मिलेगा। लेखक के अनुसार अगर मनुष्य को ये याद रहे की उनका अन्न कीचड़ की ही दें है तो वह इसका तिरस्कार न करे। हमारे कवि मल के द्वारा उत्पन्न शब्द का उपयोग शान से करते हैं परन्तु मल को स्थान नही देते। इस विषय पर चर्चा कवियों से चर्चा न करना ही उत्तम है।
लेखक परिचय
काका कालेलकर
इनका जन्म महराष्ट्र के सतारा नगर में सन 1885 में हुआ। काका की मातृभाषा मराठी थी, उन्हें गुजराती, हिंदी, बांग्ला और अंग्रेजी का भी अच्छा ज्ञान था। गांधीजी के साथ राष्ट्रभाषा प्रचार में जुड़ने के बाद काका हिंदी में लेखन करने लगे। आजादी के बाद काका जिंदगी भर गांधीजी के विचार और साहित्य के प्रचार-प्रसार में जुटे रहे।
प्रमुख कार्य
कृतियाँ - हिमालयोन प्रवास, लोकमाता (यात्रा वृत्तांत), स्मरण यात्रा (संस्मरण), धर्मोदय (आत्मचरित), जीवननो आनंद, अवारनवार (निबंध संग्रह)।
कठिन शब्दों के अर्थ
• आकर्षक - सुन्दर
• शोभा -सुंदरता
• उत्तर - उत्तर दिशा
• कमाल - अद्भुत चमत्कारिक क्रिया
• पुनि - धूनी हुई रुई की बड़ी बत्ती जो सूत काटने के लिए बनाई जाती है।
• जलाशय - तालाब
• तठस्था - निष्पक्षता
• कलाभिज्ञ - कला का जानकार
• ठीकरा - खोपडे का टुकड़ा
• विज्ञ - जानकार
• अंकित - चिन्हित
• कारवां - देशान्तर जाने वाले यात्रियों का झुण्ड
• मदमस्त - मस्त
• पाड़े - भैंस के नर बच्चे
• महिषकुल - भैंसो का परिवार
• कर्दम - कीचड़
• भास - प्रतीत
• अलोपक्ति - थोड़ा कहना
• तिरस्कार - उपेक्षा
• युक्तिशून्य - विचारहीन
• वृति - तरीका
पाठ 6 - कीचड़ का काव्य अन्य परीक्षापयोगी प्रश्न और उत्तर
View NCERT Solutions of कीचड़ का काव्य• शोभा -सुंदरता
• उत्तर - उत्तर दिशा
• कमाल - अद्भुत चमत्कारिक क्रिया
• पुनि - धूनी हुई रुई की बड़ी बत्ती जो सूत काटने के लिए बनाई जाती है।
• जलाशय - तालाब
• तठस्था - निष्पक्षता
• कलाभिज्ञ - कला का जानकार
• ठीकरा - खोपडे का टुकड़ा
• विज्ञ - जानकार
• अंकित - चिन्हित
• कारवां - देशान्तर जाने वाले यात्रियों का झुण्ड
• मदमस्त - मस्त
• पाड़े - भैंस के नर बच्चे
• महिषकुल - भैंसो का परिवार
• कर्दम - कीचड़
• भास - प्रतीत
• अलोपक्ति - थोड़ा कहना
• तिरस्कार - उपेक्षा
• युक्तिशून्य - विचारहीन
• वृति - तरीका
पाठ 6 - कीचड़ का काव्य अन्य परीक्षापयोगी प्रश्न और उत्तर