NCERT Solutions for Class 6th: पाठ 3 - नादान दोस्त (कहानी) हिंदी वसंत भाग-I
प्रेमचंद
पृष्ठ संख्या: 24
प्रश्न अभ्यास
कहानी से
उत्तर
केशव और श्यामा के मन में अंडों को देखकर तरह-तरह के सवाल इसलिए उठते होगें क्योंकि उन्होंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था। वे अंडों के बारे में जानना चाहते थे।
उत्तर
उत्तर
माँ के पूछने पर श्यामा ने कहा कि भइया ने अंडों को छेड़ा था क्योंकि उसे लगा भइया ने ही शायद अंडों को इस तरह रख दिया कि वह नीचे गिर पड़े। इसकी उसे सजा मिलनी चाहिए।
4. पाठ के आधार पर बताओ कि अंडे गंदे क्यों हुए और उन अंडों का क्या हुआ?
4. पाठ के आधार पर बताओ कि अंडे गंदे क्यों हुए और उन अंडों का क्या हुआ?
उत्तर
पृष्ठ संख्या: 25
5. सही उत्तर क्या है?
अंडों की देखभाल के लिए केशव और श्यामा धीरे से बाहर निकले क्योंकि -
(क) वे माँ की नींद नहीं तोड़ना चाहते थे।
(ख) माँ नहीं चाहती थीं कि वे चिड़ियों की देखभाल करें।
(ग) माँ नहीं चाहती थीं कि वे बाहर धूप में घूमें।
(ख) माँ नहीं चाहती थीं कि वे चिड़ियों की देखभाल करें।
(ग) माँ नहीं चाहती थीं कि वे बाहर धूप में घूमें।
► (ग) माँ नहीं चाहती थीं कि वे बाहर धूप में घूमें।
उत्तर
केशव और श्यामा ने चिड़िया और अंडों की देखभाल के लिए उनके आराम का, धूप से बचाने का और खाने का ध्यान रखा। आराम के लिए कपड़ा बिछाया, धूप से बचाने के लिए टोकरी से ढक दिया और खाने के लिए पास में दान और पानी की प्याली रखी।
उत्तर
कार्निस पर अंडों को देखकर केशव और श्यामा के मन में जो कल्पनाएँ आईं और उन्होंने चोरी-चुपके जो कुछ कार्य किए, वे अनुचित थे। वे मदद तो करना चाहते थे परन्तु उनके पास जानकारियों का अभाव था इसलिए उन्होंने जितने भी कार्य किये, वो गलत थे।
उत्तर
कहानी से आगे
उत्तर
माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में चिड़िया के अंडो के लिए टोकरी और दाना-पानी रखने के लिए बाहर निकल आए। बताने पर उन्हें पिटाई का डर था इसलिए माँ के पूछने पर भी दोनों में से किसी ने किवाड़ खोलकर दोपहर में बाहर निकलने का कारण नहीं बताया।
उत्तर
'नादानी'
पृष्ठ संख्या: 26
भाषा की बात
एक दिन दीपू और नीलु यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनद ले रहे थे? तभी उन्होंने देखा कि एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा ''मैं भूख से मरा जा रहा हूँ? क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते है?''
उत्तर
एक दिन दीपू और नीलु यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनद ले रहे थे? तभी उन्होंने देखा कि एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा ''मैं भूख से मरा जा रहा हूँ? क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते है?''
पृष्ठ संख्या: 27
मसालेदार सब्जी
बड़ा अंडा
इसमें रेखांकित शब्द क्रमश: बच्चे, सब्जी और अंडा की विशेषता यानी गुण बता रहे हैं इसलिए ऐसे विशेषणों को गुणवाचक विशेषण कहते हैं। इसमें व्यक्ति या वस्तु के अच्छे-बुरे हर तरह के गुण आते हैं। तुम चार गुणवाचक विशेषण लिखो और उनसे वाक्य बनाओ।
उत्तर
अच्छा - दीपक एक अच्छा लड़का है।
कीमती - यह गाडी बहुत कीमती है।
बड़ा - यह बक्सा बड़ा है।
लम्बा - यह रास्ता लम्बा है।
1. अंडे कितने बडे होंगे?
► अंडे बड़े होंगे।
► अंडे बड़े होंगे।
2. किस रंग के होंगे?
► उनके रंग बताओ।
3. कितने होगें?
► उनकी संख्या बताओ।
4. क्या खाते होंगे?
► उनका खाना बताओ।
5. उनमें से बच्चे किस तरह निकल आएँगे?
► उनमें से बच्चे निकलेंगे।
6. बच्चों के पर कैसे निकलेंगे?
► बच्चों के पर निकलेंगे।
7. घोंसला कैसा है?
► घोसलों के बारे में बताओ।
(ख) केशव रोनी सूरत बनाकर बोला...
(ग) केशव घबराकर उठा..
(घ) केशव ने टोकरी को एक टहनी से टिकाकर कहा...
(ड) श्यामा ने गिड़गिड़ाकर कहा...
ऊपर लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखो। ये शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण का काम कर रहे हैं क्योंकि ये बताते हैं कि कहने, बोलने और उठने की क्रिया कैसे हुई। 'कर' वाले शब्दों के क्रियाविशेषण होने की एक पहचान यह भी है कि ये अकसर क्रिया से ठीक पहले आते हैं। अब तुम भी इन पाँच क्रियाविशेषणों का वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर
(क) झुँझलाकर - श्याम ने झुँझलाकर बैट फेंक दी।
(ख) बनाकर - उसने कागज़ का हवाई जहाज़ बनाकर उड़ाया।
(ग) घबराकर - मोहित घबराकर भाग गया।
(घ) टीकाकर - सुमित बैट को घुटनों से टिकाकर बातें करने लगा।
(ड़) गिड़गिड़ाकर - भिखारी गिड़गिड़ाकर भीख माँगने लगा।
5. नीचे प्रेमचंद की कहानी 'सत्याग्रह' का एक अंश दिया गया है। तुम इसे पढ़ोगे तो पाओगे कि विराम चिहों के बिना यह अंश अधूरा-सा है। तुम आवश्यकता के अनुसार उचित जग़हों पर विराम चिन्ह लगाओ -
उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखार्इ दिया 11 बज चुके थे चारों तरफ़ सन्नाटा छा गया था पंडित जी ने बुलाया खोमचेवाले खोमचेवाला कहिए क्या दूँ भूख लग आर्इ न अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है हमारा आपका नहीं मोटेराम अबे क्या कहता है यहाँ क्या किसी साधू से कम हैं चाहें तो महीने पड़े रहें और भूख न लगे तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि ज़रा अपनी कुप्पी मुझे दे देखूँ तो वहाँ क्या रेंग रहा है मुझे भय होता है
(ख) बनाकर - उसने कागज़ का हवाई जहाज़ बनाकर उड़ाया।
(ग) घबराकर - मोहित घबराकर भाग गया।
(घ) टीकाकर - सुमित बैट को घुटनों से टिकाकर बातें करने लगा।
(ड़) गिड़गिड़ाकर - भिखारी गिड़गिड़ाकर भीख माँगने लगा।
5. नीचे प्रेमचंद की कहानी 'सत्याग्रह' का एक अंश दिया गया है। तुम इसे पढ़ोगे तो पाओगे कि विराम चिहों के बिना यह अंश अधूरा-सा है। तुम आवश्यकता के अनुसार उचित जग़हों पर विराम चिन्ह लगाओ -
उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखार्इ दिया 11 बज चुके थे चारों तरफ़ सन्नाटा छा गया था पंडित जी ने बुलाया खोमचेवाले खोमचेवाला कहिए क्या दूँ भूख लग आर्इ न अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है हमारा आपका नहीं मोटेराम अबे क्या कहता है यहाँ क्या किसी साधू से कम हैं चाहें तो महीने पड़े रहें और भूख न लगे तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि ज़रा अपनी कुप्पी मुझे दे देखूँ तो वहाँ क्या रेंग रहा है मुझे भय होता है
उत्तर
Notes and Summary of पाठ 3 - नादान दोस्त (कहानी)