उपसर्ग - हिंदी व्याकरण Class 9th Course -'B'
उपसर्ग
जो शब्दांश किसी शब्द के पहले लगकर उसके अर्थ में विशेषता लाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं। जैसे - अप + व्यय = अपव्यय।
• उपसर्गों का स्वतंत्र रूप में कोई महत्व नहीं होता परन्तु जब ये किसी शब्द के आगे लगाए जाते हैं तो उनके अर्थ को विशेष रूप देते हैं।
• हिंदी में संस्कृत, हिंदी और उर्दू भाषा के उपसर्गों का प्रयोग होता है।
संस्कृत के उपसर्ग
जो शब्दांश किसी शब्द के पहले लगकर उसके अर्थ में विशेषता लाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं। जैसे - अप + व्यय = अपव्यय।
• उपसर्गों का स्वतंत्र रूप में कोई महत्व नहीं होता परन्तु जब ये किसी शब्द के आगे लगाए जाते हैं तो उनके अर्थ को विशेष रूप देते हैं।
• हिंदी में संस्कृत, हिंदी और उर्दू भाषा के उपसर्गों का प्रयोग होता है।
संस्कृत के उपसर्ग
उपसर्ग
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अर्थ
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शब्द
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अ | अभाव, नहीं, विपरीत, नहीं | अधर, अपलक, अटल, अमर, अचल |
आ | अभाव, नहीं, विपरीत, नहीं | आगमन, आजीवन, आमरण, आचरण |
अन् | निषेध | अनमोल, अनपढ़, अनजान, अनेक |
अधि | समीप, श्रेष्ठ, ऊपर | अधिकार, अधिसूचना, अधिपति, अधिकरण |
अप | अभाव, हीन, विपरीत, छोटा | अपयश, अपमान, अपशब्द, अपराध |
अति | ज्यादा, ऊपर | अतिरिक्त, अतिक्रमण, अत्याचार, |
अनु | क्रम, समान, पीछे | अनुक्रमांक, अनुकंपा, अनुज, अनुरूप, अनुपात |
अव | हीन, अनादर, नीचा | अवगत, अवधारणा, अवशेष, अवस्था |
अभि | समीप, ओर | अभियान, अभिज्ञान, अभिशाप, अभिभावक |
उप | छोटा, निकट, गौण, सहायक | उपकरण, उपनिवेश, उपकार, उपनाम |
उत् | श्रेष्ठ, ऊपर | उत्थान, उत्कर्ष, उत्पन्न, उत्तम |
चिर | बहुत, अनंत | चिरायु, चिरंतन, चिरंजीवी |
तत् | समान | तत्काल, तत्सम, तत्पर |
दुर् | बुरा, कठिन, दुष्ट | दुर्लभ, दुर्जन, दुर्बल, दुर्भाग्य, दुर्गुण |
नि | भीतर, निषेध, नीचे, अधिक | नियुक्त, निवास, निषेध, निदान, निबंध |
निर् | रहित, निषेध, बाहर | निर्वाह, निर्मूल, निर्दोष, निर्भय, निर्वास |
निस् | रहित, पूरा | निश्चित, निश्चल, निस्तार, निस्सार |
परा | उल्टा, नाश, अत्यधिक | पराजय, परामर्श, पराक्रम, पराधीन |
परि | चारों ओर, आसपास, पूर्ण | परिवार, परिणाम, परिभाषा, परिधि |
प्र | अधिक, ऊपर, आगे | प्रक्रिया, प्रवाह, प्रयत्न, प्रख्यात, प्रकाश |
प्रति | प्रत्येक, विरोध, सामने | प्रतिक्षण, प्रतिध्वनि, प्रतिकूल, प्रत्येक |
वि | भिन्न, विशेषता, असमान | विदेश, विकास, विवाद, विभाग |
सम् | संयोग, पूर्णता | संग्रह, संयोग, संस्कार, संहार |
सु | अच्छा, सुंदर, सहज | सुगम, सुयश, सुलभ, सुदूर |
स्व | अपना | स्वरोजगार, स्वतंत्र, स्वभाव |
हिंदी के उपसर्ग
उपसर्ग
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अर्थ
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शब्द
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अध | आधा | अधमरा, अधखिला, अधपका |
उ | अभाव, रहित | उदर, उजड़ा, उधर |
उन | एक कम | उन्नीस, उनचास, उनसठ |
औ | निषेध, हीनता | औसर, औगुन, औढर |
कु | हीन, बुरा | कुपुत्र, कुख्यात, कुकर्म, कुचाल |
दु | हीन, बुरा | दुसाध्य, दुबला, दुधारू |
बिन | निषेध | बिनदेखा, बिनबोया, बिनखाया |
भर | ठीक, पूरा | भरपूर, भरपेट, भरमार |
पर | दूसरा, बाद का | परलोक, परोपकार, परहित |
उर्दू के उपसर्ग
उपसर्ग
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अर्थ
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शब्द
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अल | निश्चित | अलग़रज़, अलबत्ता |
कम | थोड़ा | कमजोर, कमउम्र, कमबख्त |
खुश | अच्छा | खुशनसीब, खुशहाल, खुशकिस्मत, खुशदिल |
गैर | निषेध | गैरहाजिर, गैरक़ानूनी, गैरसरकारी |
दर | में | दरकार, दरबार, दरमियान |
ना | अभाव | नालायक, नासमझ, नाबालिग |
बद | बुरा | बदतर, बदनाम, बदकिस्मत |
बर | बाहर, ऊपर | बरखास्त, बरदाश्त, बरबाद |
बे | बिना | बेवक्त, बेझिझक, बेवकूफ, बेइज्जत |
ला | बिना | लाजवाब, लापता, लाचार, लावारिस |
हर | प्रत्येक | हरदम, हरवक्त, हरपल, हरदिन |
हम | समान | हमसफ़र, हमदर्द, हमशक्ल |
पाठ्य-पुस्तक 'स्पर्श-I' में प्रयुक्त उपसर्ग वाले शब्द
धूल
• प्रसाधन = प्र + साधन
• अभिजात = अभि + जात
• संसर्ग = सम् + सर्ग
• दुर्भाग्य = दुर् + भाग्य
• दुर्लभ = दुर् + लभ
• निर्द्वंद्व = निर् + द्वंद्व
• उपमान = उप + मान
• अमर = अ + मर
• संचालन = सम् + चालन
• अटूट = अ + टूट
• प्रवास = प्र + वास
• संस्कृति = सम् + कृति
• अनावश्यक = अन् + आवश्यक
दुःख का अधिकार
• विभिन्न = वि + भिन्न
• परिस्थिति = परि + स्थिति
• अनुभूति = अनु + भूति
• बेहया = बे + हया
• निर्वाह = निर् + वाह
• विश्राम = वि + श्राम
• परलोक = पर + लोक
• संभ्रांत = सम् + भ्रांत
• वियोग = वि + योग
• अधिकार = अधि + कार
एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा
• अभियान = अभि + यान
• दुर्गम = दुर् + गम
• विशेष = वि + शेष
• विचित्र = वि + चित्र
• अवसाद = अव + साद
• उपनेता = उप + नेता
• अवगत = अव + गत
• अनियमित = अ + नियमित
• अनुकूल = अनु + कूल
• अव्यवस्थित = अ + व्यवस्थित
• संपूर्ण = सम् + पूर्ण
• प्रतिदिन = प्रति + दिन
• आरोही = आ + रोही
• अस्थायी = अ + स्थायी
• उपयोग = उप + योग
• अभियांत्रिक = अभि + यांत्रिक
• सुपुत्री = सु + पुत्री
• परिचय = परि + चय
• प्रत्येक = प्रति + एक
• अत्यंत = अति + अंत
• सुरक्षा = सु + रक्षा
• आरोहण = आ + रोहण
• आपूर्ति = आ + पूर्ति
• सपाट = स + पाट
• संसार = सम् + सार
तुम कब जाओगे, अतिथि
• अतिथि = अ + तिथि
• निस्संकोच = निस् + संकोच
• विगत = वि + गत
• संभावना = सम् + भावना
• अज्ञात = अ + ज्ञात
• आशंका = आ + शंका
• बावजूद = बा + वजूद
• आग्रह = आ + ग्रह
• सत्कार = सत् + कार
• प्रदान = प्र + दान
• आघात = आ + घात
• अप्रत्याशित = अ + प्रत्याशित
• अनुमान = अनु + मान
• विश्वास = वि + श्वास
• निर्मूल = निर् + मूल
• स्वरुप = स्व + रूप
• अदृश्य = अ + दृश्य
• सपरिवार = स + परिवार
• उपवास = उप + वास
• संक्रमण = सम् + क्रमण
• आगमन = आ + गमन
वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन्
• विराट = वि + राट
• असंख्य = अ + संख्य
• उपस्थित = उप + स्थित
• प्रकृति = प्र + कृति
• सशक्त = स + शक्त
• विज्ञान = वि + ज्ञान
• बेचैन = बे + चैन
• सुयोग्य = सु + योग्य
• उपकरण = उप + करण
• आधार = आ + धार
• विदेशी = वि + देशी
• परिवर्तन = परि + वर्तन
• परिमाण = परि + माण
• समान = स + मान
• परिणाम = परि + णाम
• प्रमाण = प्र + माण
• सम्मान = सम् + मान
• अक्षुण्ण = अ + क्षुण्ण
• प्रसिद्धि = प्र + सिद्धि
• प्रदर्शन = प्र + दर्शन
• परिहास = परि + हास
• संस्थान = सम् + स्थान
• अनुसंधान = अनु + संधान
• प्रचार = प्र + चार
• प्रसार = प्र + सार
• संपादन = सम् + पादन
• विभिन्न = वि + भिन्न
कीचड़ का काव्य
• उत्तम = उत् + तम
धर्म की आड़
• उबल = उ + बल
• उत्साह = उत् + साह
• दुरूपयोग = दुर् + उपयोग
• सुगम = सु + गम
• बेचारा = बे + चारा
• उद्योग = उत् + योग
• निःसंदेह = निस् + संदेह
• संग्राम = सम् + ग्राम
• प्रपंच = प्र + पंच
• उत्पात = उत् + पात
• आचरण = आ + चरण
• सदाचार = सत् + आ + चार
• लामज़हब = ला + मज़हब
शुक्रतारे के समान
• परिचय = परि + चय
• अनुभव = अनु + भव
• अत्याचार = अति + चार
• निडर = नि + डर
• बेजोड़ = बे + जोड़
• संपादक = सम् + पादक
• विवरण = वि + वरण
• आग्रह = आ + ग्रह
• विवाद = वि + वाद
• अनुवाद = अनु + वाद
• उसाँस = उ + साँस
• प्रवचन = प्र + वचन
• प्रतिनिधि = प्रति + निधि
• संगठन = सम् + गठन
• उपकारी = उप + कारी
• अनवरत = अन् + वरत
• प्रसंग = प्र + संग
• अकाल = अ + काल
पाठ्य-पुस्तक 'संचयन-I' में प्रयुक्त उपसर्ग वाले शब्द
गिल्लू
• सघन = स + घन
• विचित्र = वि + चित्र
• अवतीर्ण = अव + तीर्ण
• अवमानना = अव + मानना
• प्रयुक्त = प्र + युक्त
• सुलभ = सु + लभ
• परिचारिका = परि + चारिका
• विवेचन = वि + वेचन
• निश्चेष्ट = निस् + चेष्ट
• उपचार = उप + चार
• अतिरिक्त = अति + रिक्त
• अपवाद = अप + वाद
• प्रयुक्त = प्र + युक्त
• प्रभात = प्र + भात
• प्रयुक्त = प्र + युक्त
• विश्वास = वि + श्वास
स्मृति
• प्रारंभ = प्र + आरंभ
• आशंका = आ + शंका
• प्रकोप = प्र + कोप
• प्रतिवर्ष = प्रति + वर्ष
• सजीव = स + जीव
• प्रतिध्वनि = प्रति + ध्वनि
• संसार = सम् + सार
• दुधारी = दो + धारी
• संकल्प = सम् + कल्प
• निर्भर = निर् + भर
• विश्वास = वि + श्वास
• प्रतीक्षा = प्रति + ईक्षा
• प्रतिद्वंदी = प्रति + द्वंदी
• समकोण = सम् + कोण
• सम्मुख = सम् + मुख
• आक्रमण = आ + क्रमण
• विचार = वि +चार
• असंभावना = अ + संभावना
• बेहाल = बे + हाल
कल्लू कुम्हार की उनाकोटी
• विक्षिप्त = वि + क्षिप्त
• प्रकृति = प्र + कृति
• अवैध = अ + वैध
• असाधारण = अ + साधारण
• प्रवास = प्र + वास
• असंतोष = अ + संतोष
• सफल = स + फल
• बहुधार्मिक = बहु + धार्मिक
• उन्नीस = उन् + नीस
• प्रसिद्ध = प्र + सिद्ध
• अनुरोध = अनु + रोध
• निरक्षर = निर् + अक्षर
• अछूत = अ + छूत
• प्रवेश = प्र + वेश
• सुरक्षा = सु + रक्षा
• आकृष्ट = आ + कृष्ट
• निर्यात = निर् + आयात
मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय
• प्रतिशत = प्रति + शत
• संकलन = सम् + कलन
• सुसज्जित = सु + सज्जित
• नासमझ = ना + समझ
• परिश्रम = परि + श्रम
• अनुपात = अनु + पात
• अनिच्छा = अन् + इच्छा
• नापसंद = ना + पसंद
• विक्रेता = वि + क्रेता
• पुनर्जीवन = पुनः + जीवन
हामिद खाँ
• बदबू = बद + बू
• अलमस्त = अल + मस्त
• अधेड़ = अ + धेड़
• बेखटके = बे + खटके
• निर्माण = निर् + माण
दिए जल उठे
• संक्षिप्त = सम् + क्षिप्त
• प्रतिक्रिया = प्रति + क्रिया
• अभिव्यक्त्ति = अभि + व्यक्ति
• उल्लेख = उत् + लेख
• स्वागत = स्व + आगत
• स्वराज = स्व + राज