NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 3 बस की यात्रा हिंदी वसंत भाग- III
- हरिशंकर परसाई
पृष्ठ संख्या: 17प्रश्न अभ्यास
कारण बताएं
1. "मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा।"
• लेखक के मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा क्यों जग गई ?
उत्तर
लेखक के मन में बस कंपनी के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा इसलिए जाग गई कि वह इतनी खटारा बस को चलाने का साहस जुटा रहा था। कंपनी का हिस्सेदार अपनी पुरानी बस की खूब तारीफ़ कर रहा था| ऐसे व्यक्ति के प्रति श्रद्धा भाव ही उमड़ता है।
• लोगों ने यह सलाह क्यों दी ?
उत्तर
लोगों ने लेखक को यह सलाह इसलिए दी क्योंकि इस बस का कोई भरोसा नहीं है कि यह कब और कहाँ रूक जाए, शाम बीतते ही रात हो जाती है और रात रास्ते में कहाँ बितानी पद जाए, कुछ पता नहीं रहता। उनके अनुसार यह बस डाकिन की तरह है।
उत्तर
लोगों ने लेखक को यह सलाह इसलिए दी क्योंकि इस बस का कोई भरोसा नहीं है कि यह कब और कहाँ रूक जाए, शाम बीतते ही रात हो जाती है और रात रास्ते में कहाँ बितानी पद जाए, कुछ पता नहीं रहता। उनके अनुसार यह बस डाकिन की तरह है।
3. "ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।"
• लेखक को ऐसा क्यों लगा ?
उत्तर
जब बस का इंजन स्टार्ट हुआ तब सारी बस झनझनाने लगी। लेखक को ऐसा प्रतीत हुआ कि पूरी बस ही इंजन है। मानो वह बस के भीतर न बैठकर इंजन के भीतर बैठा हुआ हो।
4.''गज़ब हो गया। ऐसी बस अपने आप चलती है।''
• लेखक को यह सुनकर हैरानी क्यों हुई?
उत्तर
लेखक को बस की स्थिति देखकर लग रहा था की बस नही चल पाएगी परन्तु जब उसने बस के हिस्सेदार से पूछा तो उसने कहा चलेगी ही नही, अपने आप चलेगी। एक तो खास्ता-हालत बस ऊपर से अपने आप आप इस कारण लेखक को हैरानी हुई।
5. "मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था।"
उत्तर
लेखक को पेड़ों से डर लग रहा था कि कहीं उसकी बस किसी पेड़ से टकरा न जाए। एक पेड़ निकल जाने पर वह दूसरा पेड़ का इंतज़ार करता था कि बस कहीं इस पेड़ से न टकरा जाए। यही वजह है कि लेखक को हर पेड़ अपना दुश्मन लग रहा था।
पाठ से आगे
1. 'सविनय अवज्ञा आंदोलन' किसके नेतृत्व में, किस उद्देश्य से तथा कब हुआ था? इतिहास की उपलब्ध पुस्तकों आधार पर लिखिए।
उत्तर
'सविनय अवज्ञा आंदोलन' गांधीजी के नेतृत्व में, भारत को पूर्ण स्वाधीनता दिलाने के लिए 1930 ई. में हुआ था।
पृष्ठ संख्या: 18
भाषा की बात
1.बस, वश, बस तीन शब्द हैं-इनमें बस सवारी के अर्थ में, वश अधीनता के अर्थ में, और बस पर्याप्त (काफी) के अर्थ में प्रयुक्त होता है, जैसे-बस से चलना होगा। मेरे वश में नहीं है। अब बस करो।
• लेखक को यह सुनकर हैरानी क्यों हुई?
उत्तर
लेखक को बस की स्थिति देखकर लग रहा था की बस नही चल पाएगी परन्तु जब उसने बस के हिस्सेदार से पूछा तो उसने कहा चलेगी ही नही, अपने आप चलेगी। एक तो खास्ता-हालत बस ऊपर से अपने आप आप इस कारण लेखक को हैरानी हुई।
5. "मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था।"
• लेखक पेड़ों को अपना दुश्मन क्यों समझ था ?
उत्तर
लेखक को पेड़ों से डर लग रहा था कि कहीं उसकी बस किसी पेड़ से टकरा न जाए। एक पेड़ निकल जाने पर वह दूसरा पेड़ का इंतज़ार करता था कि बस कहीं इस पेड़ से न टकरा जाए। यही वजह है कि लेखक को हर पेड़ अपना दुश्मन लग रहा था।
पाठ से आगे
1. 'सविनय अवज्ञा आंदोलन' किसके नेतृत्व में, किस उद्देश्य से तथा कब हुआ था? इतिहास की उपलब्ध पुस्तकों आधार पर लिखिए।
उत्तर
'सविनय अवज्ञा आंदोलन' गांधीजी के नेतृत्व में, भारत को पूर्ण स्वाधीनता दिलाने के लिए 1930 ई. में हुआ था।
पृष्ठ संख्या: 18
भाषा की बात
1.बस, वश, बस तीन शब्द हैं-इनमें बस सवारी के अर्थ में, वश अधीनता के अर्थ में, और बस पर्याप्त (काफी) के अर्थ में प्रयुक्त होता है, जैसे-बस से चलना होगा। मेरे वश में नहीं है। अब बस करो।
उत्तर
(i) हमारी स्कूल बस हमेशा सही वक्त पर आती है।
(ii) 507 नंबर बस ओखला गाँव जाती है।
(2) वश - अधीन
(i) मेरे क्रोध पर मेरा वश नहीं चलता।
(ii) सपेरा अपनी बीन से साँप को वश में रखता है।
(3) बस - पर्याप्त (काफी)
(i) बस, बहुत हो चुका।
(ii) तुम खाना खाना बस करो।
2. ''हम पाँच मित्रों ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें। पन्ना से इसी कंपनी की बस सतना के लिए घंटे भर बाद मिलती है।''
• कहानी में से दोनों प्रकार के चार वाक्यों को चुनिए।
उत्तर
(i) बस कंपनी के एक हिस्सेदार भी उसी बस से जा रहे थे।
(ii) बस सचमुच चल पड़ी और हमें लगा कि यह गाँधी जी के असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलनों के वक्त अवश्य चलती होगी।
(iii) यह समझ में नहीं आता था कि सीट पर हम बैठे हैं।
(iv) ड्राइवर ने तरह-तरह की तरकीबें की पर वह नहीं चली।
3. ''हम फ़ौरन खिड़की से दूर सरक गए। चाँदनी में रास्ता टटोलकर वह रेंग रही थी।''
उत्तर
► रफ्तार - बस की रफ्तार बहुत ही तेज़ थी।
► गुज़रना - वह उस रास्ते से गुज़र रहा है।
5. भाषा की दृष्टि से देखें तो हमारी बोलचाल में प्रचलित अंग्रेजी शब्द फर्स्ट क्लास में दो शब्द हैं-फर्स्ट और क्लास। यहाँ क्लास का विशेषण है फर्स्ट। चूँकि फर्स्ट संख्या है, फर्स्ट क्लास संख्यावाचक विशेषण का उदाहरण है।
उत्तर
(i) गुणवाचक विशेषण - हरी घास, छोटा आदमी
(ii) संख्यावाचक विशेषण - चार संतरे, दूसरी बिल्ली
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