NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 4 - दीवानों की हस्ती हिंदी वसंत भाग- III
- भगवतीचरण वर्मा
पृष्ठ संख्या: 21प्रश्न अभ्यास
कविता से
1. कवि ने अपने आने को 'उल्लास' और जाने को 'आंसू बनकर बह जाना' क्यों कहा है?
उत्तर
2.भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?
उत्तर
उत्तर
3. कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?
उत्तर
कविता में कवि का जीवन के प्रति दृष्टिकोण अच्छा लगा। ऐसी दृष्टिकोण रखनेवाला व्यक्ति ही सुखी रह सकता है।
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अनुमान और कल्पना
1. • एक पंक्ति में कवि ने यह कहकर अपने अस्तित्व को नकारा है कि "हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले।" दूसरी पंक्ति में उसने यह कहकर अपने अस्तित्व को महत्त्व है कि "मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले।" यह फाकामस्ती का उदाहरण है। अभाव में भी खुश रहना फाकामस्ती कही जाती है। कविता में इस प्रकार की अन्य पंक्तियाँ भी हैं उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कविता में परस्पर विरोधी बातें क्यों की गई हैं ?
उत्तर
(i) आए बनकर उल्लास अभी,
आँसू बनकर बह चले अभी।
(यहाँ उल्लास भी है और आँसू भी है)
(ii) हम भिखमंगों की दुनिया में,
स्वच्छंद लुटाकर प्यार चले।
(यहाँ भिखमंगों का उल्लेख है और लुटाना भी है)
(iii) हम स्वयं बँधे थे और स्वयं,
हम अपने बंधन तोड़ चले।
(यहाँ स्वयं बंधकर फिर स्वयं अपने बंधनो को तोड़ने की बात की गई है।)
भाषा की बात
1. संतुष्टि के लिए कवि ने 'छककर' 'जी भरकर' और 'खुलकर' जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। इसी भाव को व्यक्त करनेवाले कुछ और शब्द सोचकर लिखिए, जैसे- हँसकर, गाकर।
उत्तर
(ii) मुस्कराकर
(iii) देकर
(iv) मस्त होकर
(v) सराबोर होकर
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