पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - नए इलाके में ... खुशबू रचते हैं हाथ क्षितिज भाग - 1
पाठ का सार
(1) नए इलाके में
इस कविता में एक ऐसे दुनिया में प्रवेश का आमंत्रण है, जो एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है। यह इस बात का बोध कराती है कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं होता। इस पल-पल बनती-बिगड़ती दुनिया में स्मृतियों के भरोसे नहीं जिया जा सकता। कवि कहता है कि वह नए बसते इलाकों तथा नए-नए बनते मकानों के कारण रोज अपने घर का रास्ता भूल जाता है। वह अपने घर तक पहुँचने रास्ते में पड़ने वाले निशानों को याद रखता हुआ आगे बढ़ता है लेकिन उसे वे निशान नहीं मिलते। वह हर बार एक या दो घर आगे चला जाता है। इसलिए वह कहता है कि यहाँ स्मॄतियों का कोई भरोसा नहीं । यह दुनिया एक दिन में ही पुरानी पड़ जाती है। अब घर ढूँढने का एक ही रास्ता है कि वह हर एक घर का दरवाजा खटखटाकर पूछे कि क्या उसका घर यही है? पर इसके लिए भी समय बहुत कम है। कहीं इतने समय में ही फिर कोई बदलाव न हो जाए। फिर उसके मन में एक आशा जगती है कि शायद उसका कोई जाना-पहचाना उसे भटकते हुए देखकर ऊपरी मंजिल से उसे पुकार कर कह दे कि वह रहा तुम्हारा घर।
(2) खुशबू रचते हैं हाथ
कवि परिचय
अरुण कमल
इनका जन्म बिहार के रोहतास जिले के नासरीगंज में 15 फ़रवरी 1954 को हुआ। ये पटना विश्वविद्यालय में प्राध्यापक भी रह चुके हैं। इन्हें अपनी कविताओं के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।
प्रमुख कार्य
कविता संग्रह – अपनी केवल धार, सबूत नए इलाके में,पुतली में संसार।
कठिन शब्दों के अर्थ
• इलाका- क्षेत्र
• अकसर – प्रायः
• ताकता – देखता
• ढहा – गिरा हुआ
• ढहा – गिरा हुआ
• ठकमकाता – डगमगाते हुए
• स्मॄति – याद
• स्मॄति – याद
• वसंत – एक ऋतु
• पतझड – एक ऋतु जिसमें पेड़ों के पत्ते झड़ते हैं
• वैसाख – चैत के बाद आने वाला महीना
• भादों – सावन के बाद आने वाला महीना
• अकास - गगन
• कूड़ा-करकट – रद्दी या कचरा• पतझड – एक ऋतु जिसमें पेड़ों के पत्ते झड़ते हैं
• वैसाख – चैत के बाद आने वाला महीना
• भादों – सावन के बाद आने वाला महीना
• अकास - गगन
• टोले – छोटी बस्ती
• जख्म – घाव
• जख्म – घाव
• मुल्क – देश
• खस – पोस्ता
• रातरानी – एक सुगंधित फूल
• रातरानी – एक सुगंधित फूल
• मशहूर - प्रसिद्ध
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