NCERT Solutions for Class 7th: पाठ - 10 हम धरती के लाल (कविता) हिंदी दूर्वा भाग - II
पृष्ठ संख्या: 58
अभ्यास
1. कविता से
नीची लिखी पंक्तियाँ पढ़कर उत्तर दो।
क. "नया संसार बसाएँगे, नया इंसान बनाएँगे।"
तुम्हारे विचार से नया संसार बसाने और नया इंसान बनाने की जरूरत है या नहीं? कारण भी बताओ।
उत्तर
मेरे विचार से नया संसार बसाने और नया इंसान बनाने की जरूरत नहीं है। हमें खुद में बदलाव लाना होगा। नैतिक मूल्य, अच्छी बातें और ज्ञान अर्जित कर हम अच्छा इंसान बन सकते हैं जिससे हम बेहतर संसार का निर्माण कर सकते हैं।
ख. "रोज त्योहार मनाएँगे।" तुम्हारे विचार से क्या रोज त्योहार मनाना उचित है? क्यों?
उत्तर
मेरे विचार से रोज त्योहार मनाना उचित नहीं है चूँकि त्योहार में लोग अपने काम को छोड़ आनंद में मग्न रहते हैं। अगर हम रोज त्योहार मनाएँगे तो लोग काम नहीं कर पाएँगे और उनका समय बर्बाद होगा। लोगों के जीवन में धीरे-धीरे आनंद समाप्त हो जाएगा। रोज त्योहार मनाने से इनका महत्व भी खत्म हो जाएगा।
ग. "सौ-सौ स्वर्ग उतर आएँगे, सूरज सोना बरसाएँगे। दूध पूत के लिए बदल देंगे तारों की चाल"
क्या ऊपर लिखीं बातें संभव हों सकती हैं? कारण भी पता करो।
उत्तर
नहीं, ऊपर लिखीं बातें पूरी तरह से संभव नहीं हो सकती हैं चूँकि सूरज एक गैस का गोला है, उससे सोना नहीं बरस सकता है। अगर हम मेहनत करें तो हम धरती पर सौ स्वर्ग उतारने के जगह इसे स्वर्ग बना सकते हैं। हम तारों की चाल नहीं बदल सकते हैं।
घ. कवि 'हम धरती के लाल' ही क्यों कहना चाहते हैं?
उत्तर
कवि मनुष्य और धरती के सम्बन्ध को स्थापित करने के लिए हमें 'धरती का लाल' कहना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि हम धरती के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाएँ।
2. वाक्य बनाओ
'सुख-स्वपनों के स्वर गूँजेंगे।'
इसमें 'स' अक्षर बार-बार आया है।
तुम भी नीचे लिखे वर्णों से वाक्य बनाओ। ध्यान रखो कि उस वर्ण से शुरू होने वाले तीन शब्द तुम्हारे वाक्य में हों।
क. क ............................
ख. त ............................
ग. द ............................
उत्तर
क. कथनी और करनी में कितना फर्क था?
ख. तुम्हारी तबियत कब तक ठीक होगी?
ग. दस का दम देखा है मैंने।
पृष्ठ संख्या: 59
3. शब्द सज्जा
क. 'हम नया भूगोल बनाएँगे।'
ऊपर लिखी पंक्ति में भूगोल शब्द की जगह और कौन-कौन से शब्द आ सकते हैं?
नीचे दिए गए बॉक्स में से छाँटो और कुछ शब्द स्वयं सोचकर लिखो।
संसार, कल्पना, पौधा, चेतना, ज़माना, दुनिया, इतिहास
उत्तर
संसार, दुनिया, इतिहास, विश्व, देश
ख. नीचे लिखे शब्दों को तुम्हारे घर की भाषा में क्या कहते हैं?
क. देश
► देश
ख. धरती
► पृथ्वी
ग. दूध
► दूध
घ. जनता
► लोग
ड़. त्योहार
► पर्व
च. इंसान
► मनुष्य
4. सोचो और बताओ
कवि एक नया संसार बसाना चाहता है जहाँ मानव की मेहनत पूजी जाए, जहाँ जनता में एकता हो, जहाँ सब समान हों, जहाँ सभी सुखी हों। तुम्हें अपने संसार में ऊपर लिखीं बातें नज़र आतीं हैं या नहीं? इन बातों के होने या ना होने का क्या कारण है?
उत्तर
नहीं, हमारे संसार में ऊपर लिखीं बातें पूरी तरह से नज़र नहीं आतीं। कई लोग मेहनत करने के बावजूद पीछे रह जाते हैं। यहाँ आपस में लोग झगड़ा कर रहे हैं। कोई व्यक्ति बहुत धनवान हो तो किसी को भोजन भी प्राप्त नहीं हो रहा है। यहाँ सभी लोग सुखी नहीं हैं इसलिए दंगे-फ़साद भी हो रहे हैं।
ख. तुम भी अपने संसार के बारे में कल्पनाएँ जरूर करते होंगे। अपने सपने की दुनिया के बारे में बताओ।
उत्तर
हाँ, मेरी भी अपने सपनों की दुनिया है। वह दुनिया पूरी तरह से प्रदुषण मुक्त है। चारों तरफ पेड़-पौधे लगे हैं। कोई व्यक्ति भूखा नहीं है और सभी लोग समान हैं।
5. कैसे
बताओ तुम ये काम कैसे करोगे? शिक्षक से भी सहायता लो।
क. समय को राह दिखाना
► हम अपने कामों की समय सारणी बनाकर तय वक्त में उस काम को खत्म कर सकते हैं। आने वाले वक्त की योजना बना सकते हैं। इस तरह हम समय को राह दिखा सकते हैं।
ख. जनता को एक करना
►हम लोगों को मिलजुलकर रहना सिखाकर जनता को एक कर सकते हैं।
ग. तारों की चाल बदल देना
► हम अपनी मेहनत से अपनी किस्मत बदल कर तारों की चाल सकते हैं।
घ. नया भूगोल बनाना
► लोगों को एकजुट कर विश्व की रेखा बदल देंगे जिससे एक नया भूगोल बनेगा।
ड़. नया इंसान बनाना
► अपनी बुरी आदतों को दूर कर तथा कमियों को पूरा कर हम एक नया इंसान बन सकते हैं।
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मेरे विचार से नया संसार बसाने और नया इंसान बनाने की जरूरत नहीं है। हमें खुद में बदलाव लाना होगा। नैतिक मूल्य, अच्छी बातें और ज्ञान अर्जित कर हम अच्छा इंसान बन सकते हैं जिससे हम बेहतर संसार का निर्माण कर सकते हैं।
ख. "रोज त्योहार मनाएँगे।" तुम्हारे विचार से क्या रोज त्योहार मनाना उचित है? क्यों?
उत्तर
मेरे विचार से रोज त्योहार मनाना उचित नहीं है चूँकि त्योहार में लोग अपने काम को छोड़ आनंद में मग्न रहते हैं। अगर हम रोज त्योहार मनाएँगे तो लोग काम नहीं कर पाएँगे और उनका समय बर्बाद होगा। लोगों के जीवन में धीरे-धीरे आनंद समाप्त हो जाएगा। रोज त्योहार मनाने से इनका महत्व भी खत्म हो जाएगा।
ग. "सौ-सौ स्वर्ग उतर आएँगे, सूरज सोना बरसाएँगे। दूध पूत के लिए बदल देंगे तारों की चाल"
क्या ऊपर लिखीं बातें संभव हों सकती हैं? कारण भी पता करो।
उत्तर
नहीं, ऊपर लिखीं बातें पूरी तरह से संभव नहीं हो सकती हैं चूँकि सूरज एक गैस का गोला है, उससे सोना नहीं बरस सकता है। अगर हम मेहनत करें तो हम धरती पर सौ स्वर्ग उतारने के जगह इसे स्वर्ग बना सकते हैं। हम तारों की चाल नहीं बदल सकते हैं।
घ. कवि 'हम धरती के लाल' ही क्यों कहना चाहते हैं?
उत्तर
कवि मनुष्य और धरती के सम्बन्ध को स्थापित करने के लिए हमें 'धरती का लाल' कहना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि हम धरती के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाएँ।
2. वाक्य बनाओ
'सुख-स्वपनों के स्वर गूँजेंगे।'
इसमें 'स' अक्षर बार-बार आया है।
तुम भी नीचे लिखे वर्णों से वाक्य बनाओ। ध्यान रखो कि उस वर्ण से शुरू होने वाले तीन शब्द तुम्हारे वाक्य में हों।
क. क ............................
ख. त ............................
ग. द ............................
उत्तर
क. कथनी और करनी में कितना फर्क था?
ख. तुम्हारी तबियत कब तक ठीक होगी?
ग. दस का दम देखा है मैंने।
पृष्ठ संख्या: 59
3. शब्द सज्जा
क. 'हम नया भूगोल बनाएँगे।'
ऊपर लिखी पंक्ति में भूगोल शब्द की जगह और कौन-कौन से शब्द आ सकते हैं?
नीचे दिए गए बॉक्स में से छाँटो और कुछ शब्द स्वयं सोचकर लिखो।
संसार, कल्पना, पौधा, चेतना, ज़माना, दुनिया, इतिहास
उत्तर
संसार, दुनिया, इतिहास, विश्व, देश
ख. नीचे लिखे शब्दों को तुम्हारे घर की भाषा में क्या कहते हैं?
क. देश
► देश
ख. धरती
► पृथ्वी
ग. दूध
► दूध
घ. जनता
► लोग
ड़. त्योहार
► पर्व
च. इंसान
► मनुष्य
4. सोचो और बताओ
कवि एक नया संसार बसाना चाहता है जहाँ मानव की मेहनत पूजी जाए, जहाँ जनता में एकता हो, जहाँ सब समान हों, जहाँ सभी सुखी हों। तुम्हें अपने संसार में ऊपर लिखीं बातें नज़र आतीं हैं या नहीं? इन बातों के होने या ना होने का क्या कारण है?
उत्तर
नहीं, हमारे संसार में ऊपर लिखीं बातें पूरी तरह से नज़र नहीं आतीं। कई लोग मेहनत करने के बावजूद पीछे रह जाते हैं। यहाँ आपस में लोग झगड़ा कर रहे हैं। कोई व्यक्ति बहुत धनवान हो तो किसी को भोजन भी प्राप्त नहीं हो रहा है। यहाँ सभी लोग सुखी नहीं हैं इसलिए दंगे-फ़साद भी हो रहे हैं।
ख. तुम भी अपने संसार के बारे में कल्पनाएँ जरूर करते होंगे। अपने सपने की दुनिया के बारे में बताओ।
उत्तर
हाँ, मेरी भी अपने सपनों की दुनिया है। वह दुनिया पूरी तरह से प्रदुषण मुक्त है। चारों तरफ पेड़-पौधे लगे हैं। कोई व्यक्ति भूखा नहीं है और सभी लोग समान हैं।
5. कैसे
बताओ तुम ये काम कैसे करोगे? शिक्षक से भी सहायता लो।
क. समय को राह दिखाना
► हम अपने कामों की समय सारणी बनाकर तय वक्त में उस काम को खत्म कर सकते हैं। आने वाले वक्त की योजना बना सकते हैं। इस तरह हम समय को राह दिखा सकते हैं।
ख. जनता को एक करना
►हम लोगों को मिलजुलकर रहना सिखाकर जनता को एक कर सकते हैं।
ग. तारों की चाल बदल देना
► हम अपनी मेहनत से अपनी किस्मत बदल कर तारों की चाल सकते हैं।
घ. नया भूगोल बनाना
► लोगों को एकजुट कर विश्व की रेखा बदल देंगे जिससे एक नया भूगोल बनेगा।
ड़. नया इंसान बनाना
► अपनी बुरी आदतों को दूर कर तथा कमियों को पूरा कर हम एक नया इंसान बन सकते हैं।
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