NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 1 - सत्ता की साझेदारी (Satta ki Sajhedari) Loktantrik Rajniti
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प्रश्नावली
प्रश्नावली
1. आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं?
उत्तर
आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के निम्नलिखित तरीके हैं-
→ सत्ता का क्षैतिज वितरण- सत्ता का बँटवारा शासन के विभिन्न, जैसे- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच रहता है। इस प्रकार की सत्ता के बँटवारे की व्यवस्था में सरकार के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी-अपनी शक्ति का उपयोग करते हैं। हर अंग एक दूसरे पर अंकुश रखता है और इससे विभिन्न संस्थाओं के बीच सत्ता का संतुलन बनता है।
→ सत्ता का उर्ध्वाधर वितरण- इस व्यवस्था में सरकार के बीच भी विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बँटवारा होता है। जैसे पूरे देश के लिए एक सामान्य सरकार हो और फिर प्रान्त या क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग सरकार रहे। भारत में, हम इन्हें केंद्र सरकार, राज्य सरकार, नगरपालिका, पंचायत आदि कहते हैं। संविधान में इस बात का उल्लेख है कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच सत्ता का बँटवारा होता है।
→ विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता का बँटवारा- सत्ता का बँटवारा विभिन्न सामाजिक समूहों, मसलन, भाषायी और धार्मिक समूहों के बीच भी हो सकता है। बेल्जियम में सामुदायिक सरकार इस व्यवस्था का एक अच्छा उदहारण है। भारत में प्रचलित आरक्षित चुनाव क्षेत्र वाली व्यवस्था इसका अगला उदहारण है। अल्पसंख्यक समुदायों को भी इसी तरीके से सत्ता में उचित हिस्सेदारी दी जाती है।
→ विभिन्न राजनीतिक पार्टियों, दबाव-समूहों और आंदोलनों के बीच सत्ता का बँटवारा- समकालीन लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में यह विकल्प विभिन्न पार्टियों के रूप में उपलब्ध होता है जिसमें पार्टियाँ सत्ता के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करती हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि सत्ता एक ही व्यक्ति या समूह के हाथ में न रहकर बारी-बारी से अलग-अलग विचारधारा और सामाजिक समूहों के बीच आती-जाती रहती है।
2. भारतीय सन्दर्भ में सत्ता की हिस्सेदारी का एक उदहारण देते हुए इसका एक युक्तिपरक और एक नैतिक कारण बताएँ।
उत्तर
युक्तिपरक कारण- सत्ता के बँटवारे से विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच टकराव का अंदेशा कम हो जाता है| इस प्रकार सत्ता का बँटवारा सामाजिक सामंजस्य और शांति के लिए जरूरी होता है। भारत में, कमजोर वर्गों के लिए सीट अरक्षित हैं। उदाहरण के लिए, अनुसूचित जाति और जनजाति जैसे कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण, उन्हें सरकार चलाने में हिस्सेदारी देती है।
नैतिक कारण- दरअसल सत्ता की साझेदारी या हिस्सेदारी लोकतंत्र की आत्मा है। एक अच्छे लोकतांत्रिक व्यवस्था का अर्थ है राजनीतिक सत्ता में नागरिकों की हिस्सेदारी। भारत में, जनता सरकार की नीतियों और निर्णयों पर बहस तथा उसकी आलोचना कर सकती है। इससे सरकार पर अपनी नीतियों और फैसलों पर दोबारा सोचने का दबाव बनता है।
3. इस अध्याय को पढ़ने के बाद तीन छात्रों ने अलग-अलग निष्कर्ष निकालें| आप इनमें से किससे सहमत हैं और क्यों? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में दें।
थम्मन- जिन समाजों में क्षेत्रीय, भाषायी और जातीय आधार पर विभाजन हो सिर्फ वहीँ सत्ता की साझेदारी जरूरी है।
मथाई- सत्ता की साझेदारी सिर्फ ऐसे बड़े देशों के लिए उपयुक्त है जहाँ क्षेत्रीय विभाजन मौजूद होते हैं|
औसेफ- हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होती है भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हों।
उत्तर
औसेफ की उक्ति सबसे अधिक तार्किक है और सहमति इसी पर होनी चाहिए। हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होती है भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हों। लोकतंत्र का मतलब ही होता है कि जो लोग इस शासन व्यवस्था के अंतर्गत हैं उनके बीच सत्ता को बाँटा जाए और ये लोग इसी ढर्रे से रहें| सत्ता की साझेदारी से न केवल विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच टकराव का अंदेशा कम हो जाता है बल्कि यह राजनीतिक व्यवस्था के स्थायित्व के लिए भी अच्छा है। सत्ता की साझेदारी से विभिन्न संस्थाओं के बीच सत्ता का संतुलन बनता है। किसी भी आकार के देश के व समाज के प्रकार के पृथक लोग ज्यादा संतुष्ट तब होंगे जब सरकार की विभिन्न नीतियों तथा निर्णयों में उनकी भागीदारी होगी।
4. बेल्जियम में ब्रूसेल्स के निकट स्थित शहर मर्चटेम के मेयर ने अपने यहाँ के स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर लगी रोक को सही बताया है। उन्होंने कहा कि इससे डच भाषा न बोलने वाले लोगों को इस फ्लेमिश शहर के लोगों से जुड़ने में मदद मिलेगी। क्या आपको लगता है कि यह फैसला बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था की मूल से मेल खाता है? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में लिखें।
उत्तर
नहीं, यह फैसला बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था की मूल से मेल नहीं खाता है। सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था ऐसी हो जिससे फ्रेंच और डच भाषी समुदायों के बीच शांति कायम रह सके। मेयर के फ्रेंच बोलने पर रोक नागरिकों में अशांति का कारण बनेगा। शहर के स्कूलों में दोनों भाषाओँ को स्वीकृति मिलनी चाहिए। द्विभाषी शिक्षण प्रणाली शहर के लोगों को एकीकृत करने का बेहतर तरीका है।
5. नीचे दिए गए उद्धरण को गौर से पढ़े और इसमें सत्ता की साझेदारी के जो युक्तिपरक कारण बताए गए हैं उनमें से किसी एक का चुनाव करें।
“महात्मा गाँधी के सपनों को साकार करने और अपने संविधान निर्माताओं की उम्मीदों को पूरा करने के लिए हमें पंचायतों को अधिकार देने की जरूरत है। पंचायती राज ही वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना करता है| यह सत्ता उनलोगों के हाथों में सौंपता है जिनके हाथों में इसे होना चाहिए। भ्रष्टाचार कम करने के और प्रशासनिक कुशलता को बढ़ाने का एक उपाय पंचायतों को अधिकार देना भी है। जब विकास की योजनाओं को बनाने और लागू करने में लोगों की भागीदारी होगी तो इन योजनाओं पर उनका नियंत्रण बढ़ेगा। इससे भ्रष्ट बिचौलियों को खत्म किया जा सकेगा। इस प्रकार पंचायती राज लोकतंत्र की नींव को मजबूत करेगा।”
उत्तर
दिए गए उद्धरण में से सत्ता की साझेदारी के युक्तिपरक कारण है वो है कि भ्रष्टाचार कम करने के और प्रशासनिक कुशलता को बढ़ाने का एक उपाय पंचायतों को अधिकार देना भी है।
6. सत्ता के बँटवारे के पक्ष और विपक्ष में कई तरह के तर्क दिए जाते हैं। इनमें से जो तर्क सत्ता के बँटवारे के पक्ष में हैं उनकी पहचान करें और नीचे दिए कोड से अपने उत्तर का चुनाव करें।
सत्ता की साझेदारी:
(क)विभिन्न समुदायों के बीच टकराव को कम करती है।
(ख)पक्षपात का अंदेशा कम करती है।
(ग)निर्णय लेने की प्रक्रिया को अटका देती है।
(घ)विविधताओं को अपने में समेत लेती है।
(ङ)अस्थिरता और आपसी फूट को बढ़ाती है।
(च)सत्ता में लोगों की भागीदारी बढ़ाती है।
(छ)देश की एकता को कमजोर करती है।
(सा) | क | ख | घ | च |
(रे) | क | ग | ङ | च |
(गा) | क | ख | घ | छ |
(मा) | ख | ग | घ | छ |
उत्तर
(सा) | क | ख | घ | च |
7. बेल्जियम और श्रीलंका की सत्ता में साझेदारी की व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित बयानों पर विचार करें।
(क) बेल्जियम में डच-भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच-भाषी अल्पसंख्यकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया।
(ख) सरकार की नीतियों ने सिंहली-भाषी बहुसंख्यकों का प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास किया।
(ग) अपनी संस्कृति और भाषा को बचाने तथा शिक्षा तथा रोजगार में समानता के अवसर के लिए श्रीलंका के तमिलों ने सत्ता को संघीय ढांचे पर बाँटने की माँग की।
(घ) बेल्जियम में एकात्मक सरकार की जगह संघीय शासन व्यवस्था लाकर मुल्क को भाषा के आधार पर टूटने से बचा लिया गया।
ऊपर दिए गये बयानों में से कौन-से सही हैं?
(सा) क,ख,ग और घ
(रे) क,ख और घ
(गा) ग और घ
(मा) ख, ग और घ
उत्तर
(मा) ख, ग और घ
8. सूची 1 [सत्ता के बँटवारे के स्वरुप] और सूची 2 [शासन के स्वरुप] में मेल कराएँ और नीचे दिए गए कोड का उपयोग करते हुए सही जवाब दें:
सूची 1
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सूची 2
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1. | सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा | (क) सामुदायिक सरकार |
2. | विभिन्न स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों का बँटवारा | (ख) अधिकारों का वितरण |
3. | विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी | (ग) गठबंधन सरकार |
4. | दो या अधिक दालों के बीच सत्ता की साझेदारी | (घ) संघीय सरकार |
1 | 2 | 3 | 4 | |
(सा) | घ | क | ख | ग |
(रे) | ख | ग | घ | क |
(गा) | ख | घ | क | ग |
(मा) | ग | घ | क | ख |
उत्तर
(गा) | ख | घ | क | ग |
9. सत्ता की साझेदारी के बारे में निम्नलिखित दो बयानों पर गौर करें और नीचे दिए कोड के आधार पर जवाब दें:
(अ) सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र के लिए लाभकर है।
(ब) इससे सामाजिक समूहों के टकराव का अंदेशा घटता है।
इन बयानों में कौन सही है और कौन गलत?
(क) अ सही है लेकिन ब गलत है। |
(ख) अ और ब दोनों सही है। |
(ग) अ और ब दोनों गलत है। |
(घ) अ गलत है लेकिन ब सही है। |
उत्तर
(ख) अ और ब दोनों सही है| |
Notes of पाठ 1 - सत्ता की साझेदारी
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