Study Material of Ch 1 Two Gentlemen of Verona (Summary, Character Sketch and Word Meanings) in Hindi
यह कहानी वेरोना के एक शहर पर आधारित है| यह त्याग, प्रेम, निःस्वार्थ कार्य, आशावादी प्रकृति और शिकायत के बिना जीवन व्यतीत करने के विषय पर आधारित है | कहानी से यह सन्देश मिलता है कि लोगों को भविष्य या अतीत की चिंता न कर अपने वर्तमान पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए | एक व्यक्ति का सकारात्मक चरित्र दूसरों के जीवन को भी प्रभावित करता है तथा प्रेरित करता है |कहानी के चरित्र (Characters Sketches):
निकोला: निकोला 13 वर्ष का बड़ा भाई है जो अपनी जिम्मेदारी जानता है | वह ध्यान रखने वाला एक प्यारा सा मासूम लड़का है जो बहुत कम उम्र में ही गंभीर है | वह पैसे कमाने के लिए बहुत परिश्रम करता है | वह हमेशा अपने भाई-बहन का ख्याल रखता है | वह स्वाभिमानी है तथा अपनी गरीबी के लिए दूसरों से शिकायत नहीं करता है| वह अपनी बहन का इलाज करने के लिए निष्ठा के साथ काम करता है |
जैकोपो: जैकोपो निकोला का छोटा भाई है जो 12 वर्ष का है | वह अपने भाई की ही तरह परिश्रमी है | वह अपने भाई के नौकरी तथा जीवन के हर संघर्ष में मदद करता है | वह भी एक प्यारा और मासूम-सा लड़का है | वह अपने भाई के साथ मिलकर बड़ी बहन लुसिआ के इलाज की जिम्मेदारी उठाने में मदद करता है |
कथाकार: कथाकार एक अच्छा समीक्षक है | वह बहुत दयालु तथा मददगार है | वह बहुत ही संवेदनशील है तथा दोनों भाईयों की मदद करना चाहता है लेकिन उनके स्वाभिमान को ठेस नहीं पहुँचाना चाहता है | वह एक सज्जन व्यक्ति है तथा भाई-बहन के निजी जिंदगी में दखल नहीं देता, हालाँकि वह मदद करना चाहता है | वह दूसरों के दुःख और सुख को समझता है |
लुईगी: लुईगी एक होशियार चालक है | वह बहुत ही अभिमानी है | उसने वर्णनकर्ता को दोनों लड़कों से स्ट्रॉबेरी खरीदने से मना किया क्योंकि उसे उन पर संदेह था | उसने वर्णनकर्ता को कहा कि शहर में इससे अच्छे स्ट्रॉबेरी मिल जाएँगे |
लुसिआ: वह दोनों भाईयों की बहन है | वह लगभग 20 वर्ष की है | उसकी आँखें भावुक तथा संवेदनशील थीं | वह एक गायक बनने के लिए प्रशिक्षण ले रही थी लेकिन युद्ध ने उसका यह सपना तोड़ दिया | वह टीबी से पीड़ित थी |
कहानी का सारांश (Summary in Hindi)
यह कहानी दो लड़कों के बारे में है जो कथाकार के अनुसार वेरोना के सज्जन थे | एक दिन कथाकार वेरोना की निचली पहाड़ियों को पार कर रहे थे | दो लड़कों ने उन्हें रोक लिया जो स्ट्रॉबेरी बेच रहे थे | वे सभ्य और आकर्षक थे लेकिन उन्होंने गंदे कपड़े पहन रखे थे | हालाँकि उनके ड्राईवर ने उनसे स्ट्रॉबेरी खरीदने से मना किया लेकिन वर्णनकर्ता ने एक बड़ी टोकरी स्ट्रॉबेरी खरीदी |
अगली सुबह, उन्हें सार्वजनिक चौक पर जूते पोलिश का काम करते हुए देखा गया | कथाकार के पूछने पर उन्होंने बताया कि वे पैसे कमाने के लिए ऐसे अनेक छोटे-छोटे काम करते हैं | दोनों लड़कों का स्वभाव प्रभावशाली था | वे सज्जनों की तरह व्यवहार करते थे तथा हमेशा खुश दिखाई देते थे | लेकिन उनमें गंभीरता नजर आती थी |
एक दिन कथाकार ने उन्हें सुनसान और हवादार स्क्वायर में न बिके हुए अखबार के साथ बैठा हुआ पाया | वे पडुआ से अंतिम बस का अखबार बेचने के लिए इन्तजार कर रहे थे |
एक दिन, कथाकार ने उनसे पूछा कि क्या वह उनकी किसी तरह मदद कर सकते हैं | छोटे भाई ने दोनों भाईयों को वहाँ से 30 किमी. दूर पोलेटा ले जाने को कहा | उन्होंने कहा कि वे हर इतवार को उस जगह जाते हैं | कथाकार इस बात के लिए सहमत हो गया | वह उन्हें अपनी कार से वहाँ ले गया |
वहाँ एक बड़े लाल छत वाला विला था जो ऊँचे पत्थर की दीवार से घिरा हुआ था | दोनों लड़कों ने वर्णनकर्ता को एक घंटा इन्तजार करने को कहा | वर्णनकर्ता ने जिज्ञासा के साथ उनका पीछा किया |
वहाँ उसे एक नर्स मिली | उसने उस नर्स से उन दोनों लड़कों के बारे में पूछा | नर्स ने उनके बारे में सब कुछ बताया| वे दोनों अपनी बहन लुसिआ से मिलने आते थे | उनके पिता जो एक गायक थे, की युद्ध में मौत हो गई थी | उनके घर भी युद्ध में नष्ट हो गये थे |
कई महीनों तक उन्होंने ठंडी शर्द ऋतु में अपने आप को एक शरणस्थली में जीवित रखा | वे जर्मनी से नफरत करते थे और उन्होंने जर्मनी के विरूद्ध प्रतिरोधी आन्दोलन में भाग लिया |
युद्ध की समाप्ति पर वे अपनी बहन लुसिआ के पास वापस आ गये जो टीबी से पीड़ित थी | दोनों भाई 12 महीनों से अस्पताल की फीस चुकाने के लिए पैसे कमा रहे हैं | कथाकार अपनी कार में दोनों भाईयों का इन्तजार कर रहा था | उसने उन दोनों से इस बारे में कुछ नहीं कहा | उन्हें लगा कि वे इसे गुप्त ही रखना चाहते हैं | दोनों लड़के मानवता के उदाहरण तथा वेरोना के असल सज्जन थे |