NCERT Solutions for Class 11th: पाठ 5 - प्राकृतिक वनस्पति भारत भौतिक पर्यावरण (Prakritik Vanspati) Bharat Bhautik Paryavaran
पृष्ठ संख्या: 69अभ्यास
1. निम्नलिखित चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनें:
(i) चंदन वन किस तरह के वन के उदाहरण हैं-
(क) सदाबहार वन
(ख) डेल्टाई वन
(ग) पर्णपाती वन
(घ) काँटेदार वन
► (ग) पर्णपाती वन
(ii) प्रोजेक्ट टाईगर निम्नलिखित में से किस उद्देश्य से शुरू किया गया है-
(क) बाघ मारने के लिए
(ख) बाघ को शिकार से बचाने के लिए
(ग) बाघ को चिड़ियाघर में डालने के लिए
(घ) बाघ पर फिल्म बनाने के लिए
► (ख) बाघ को शिकार से बचाने के लिए
(iii) नंदा देवी जीव मंडल निचय निम्नलिखित में से किस प्रांत में स्थित है-
(क) बिहार
(ख) उत्तराखंड
(ग) उत्तर प्रदेश
(घ) ओडिशा
► (ख) उत्तराखंड
(iv) निम्नलिखित में से कितने भारत के जीव मंडल निचय यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त हैं?
(क) एक
(ख) तीन
(ग) दो
(घ) चार
► (घ) चार
(v) वन नीति के अनुसार वर्तमान में निम्नलिखित में से कितना प्रतिशत क्षेत्र, वनों के अधीन होना चाहिए?
(क) 33
(ख) 55
(ग) 44
(घ) 22
► (क) 33
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:
(i) प्राकृतिक वनस्पति क्या है? जलवायु की किन परिस्थितियों में उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन उगते हैं?
उत्तर
प्राकृतिक वनस्पति से अभिप्राय उसी पौधा समुदाय से है, जो लंबे समय तक बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के उगता है और इसकी विभिन्न प्रजातियाँ वहाँ पाई जाने वाली मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों में यथासंभव स्वयं को ढाल लेती हैं|
उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन उन उष्ण और आर्द्र प्रदेशों में पाए जाते है, जहॉ वार्षिक वर्षा 200 सेंटीमीटर से अधिक होती है और औसत वार्षिक तापमान 22° सेल्सियस से अधिक रहता है|
(ii) जलवायु की कौन-सी परिस्थितियाँ सदाबहार वन उगने के लिए अनुकूल हैं?
उत्तर
सदाबहार वन उन उष्ण और आर्द्र प्रदेशों में पाए जाते है, जहॉ वार्षिक वर्षा 200 सेंटीमीटर से अधिक होती है और औसत वार्षिक तापमान 22° सेल्सियस से अधिक रहता है|
(iii) सामाजिक वानिकी से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर
सामाजिक वानिकी का अर्थ है पर्यावरणीय, सामाजिक व ग्रामीण विकास में मदद के उद्देश्य से वनों का प्रबंध और सुरक्षा तथा ऊसर भूमि पर वनरोपण|
(iv) जीवमंडल निचय को पारिभाषित करें| वन क्षेत्र और वन आवरण में क्या अंतर है?
उत्तर
जीव मंडल निचय (आरक्षित क्षेत्र) विशेष प्रकार के भौमिक और तटीय परिस्थितिक तंत्र है जिन्हें यूनेस्को (UNESCO) के मानव और जीव मंडल प्रोग्राम (MAB) के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है|
• वन क्षेत्र राजस्व विभाग के अनुसार अधिसूचित क्षेत्र है, चाहे वहाँ वृक्ष हों या न हों, जबकि वन आवरण प्राकृतिक वनस्पति का झुरमुट है और वास्तविक रूप में वनों से ढका है|
• वन क्षेत्र राज्यों के राजस्व विभाग से प्राप्त होता है, जबकि वन आवरण की पहचान वायु चित्रों और उपग्रह से प्राप्त चित्रों से की जाती है|
• इंडिया स्टेट फॉरेस्ट रिपोर्ट 2011 के अनुसार वास्तविक वन आवरण केवल 21.05 प्रतिशत है| उनमें से 1129 प्रतिशत भाग पर सघन बन और 8.75 प्रतिशत पर विवृत वन पाए जाते हैं|
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 125 शब्दों में दें:
(i) वन संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
उत्तर
वन संरक्षण के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं :
• सामाजिक वानिकी का अर्थ है पर्यावरणीय, सामाजिक व ग्रामीण विकास में मदद के उद्देश्य से वनों का प्रबंध और सुरक्षा तथा ऊसर भूमि पर वनरोपण| राष्ट्रीय कृषि आयोग (1976-79) ने सामाजिक वानिकी को तीन वर्गों में बाँटा है- शहरी वानिकी, ग्रामीण वानिकी और फार्म वानिकी|
• शहरी वानिकी : शहरों और उनके इर्द-गिर्द निजी व सार्वजनिक भूमि, जैसे- हरित पट्टी, पार्क, सड़कों के साथ जगह, औद्योगिक व व्यापारिक स्थलों पर वृक्ष लगाना और उनका प्रबंध शहरी वानिकी के अंतर्गत आता है|
• ग्रामीण वानिकी : ग्रामीण वानिकी में कृषि वानिकी और समुदाय कृषि वानिकी को बढ़ावा दिया जाता है|
• कृषि वानिकी : कृषि वानिकी का अर्थ है कृषियोग्य तथा बंजर भूमि पर पेड़ और फसलें एक साथ लगाना|
• समुदाय वानिकी : समुदाय वानिकी में सार्वजनिक भूमि, जैसे- गाँव-चरागाह, मंदिर- भूमि, सड़कों के दोनों ओर, नहर किनारे, रेल पट्टी के साथ पटरी और विद्यालयों में पेड़ लगाना शामिल है|
• फार्म वानिकी : फार्म वानिकी के अंतर्गत किसान अपने खेतों में व्यापारिक महत्त्व वाले या दूसरे पेड़ लगाते हैं|
(ii) वन और वन्य जीव संरक्षण में लोगों की भागीदारी कैसे महत्वपूर्ण है?
उत्तर
सरकार वन और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए नीतियाँ बना सकती है, लेकिन लोगों की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है| इसमें ज्यादातर स्थानीय लोग हैं, जो जानबूझकर या अनजाने में अपने फायदे के लिए पर्यावरण को नुकसान पहुँचाते हुए अवैध गतिविधियों में भाग लेते हैं| वनों की कटाई, अवैध शिकार आदि के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को आम लोगों के सहयोग की जरूरत है| यह इस प्रकार महत्त्वपूर्ण है :
• स्थानीय लोगों की एक नियमित बैठक आयोजित कर, उन्हें वन और वन्यजीव संरक्षण के लाभ से अवगत कराना|
• सरकारी अधिकारी उन्हें सरकार की विभिन्न नीतियों के बारे में बता सकते हैं कि वे किस प्रकार संरक्षण का हिस्सा बन सकते हैं|
• अच्छे कार्यों के लिए प्रोत्साहन : सरकार स्थानीय लोगों को वन तथा वन्यजीवों की सुरक्षा में स्थानीय लोगों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान कर जो दूसरों को यही काम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है| धीरे-धीरे, यह बड़े पैमाने पर फैल जाएगा|
• कई गैर सरकारी संस्थाएँ भी अपने विशेषज्ञों के माध्यम से वन और वन्यजीवों के संरक्षण में लोगों को कौशल प्रदान करके इस गतिविधि में मदद कर सकते हैं|
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