पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - पाठ 3 - आलो आँधारि (Aalo Aandhir) वितान भाग - 1 NCERT Class 11th Hindi Notes
सारांशप्रस्तुत रचना लेखिका बेबी हालदार की आत्मकथा है| उन्होंने बहुत कम आयु में ही अपने परिवार की जिम्मेदारी अकेले ही सँभाल लिया था| वह अपने पति से अलग तीन बच्चों के साथ किराए के मकान में अकेले ही रहती थी| वह काम की तलाश में इधर-उधर भटकती रहती थी| किसी के घर में नौकरानी का भी मिलता तो मजदूरी बहुत कम होती थी| इस कारण महीने के अंत में किराए की चिंता लगी रहती थी| आस-पास के लोग भी उससे तरह-तरह के सवाल पूछते थे कि वह अपने पति के साथ क्यों नहीं रहती| काम से देर से लौटने पर मकान-मालिक भी सवाल करता कि वह कौन-सा काम करती है| सुनील नाम के युवक की मदद से उसे एक घर में नौकरी मिल गई| वहाँ के मालिक एक सज्जन व्यक्ति थे| लेखिका को वह अपनी बेटी की तरह मानते थे| प्यार से लेखिका उन्हें तातुश कहती थीं|
तातुश को जब यह पता चला कि लेखिका को पढ़ने-लिखने का शौक है तो वे उसे पढ़ने के लिए उत्साहित करने लगे| उन्होंने लेखिका को कुछ किताबें दीं और समय निकाल कर पढ़ने के लिए कहा| उन्होंने लेखिका को अपनी जीवन-कहानी भी लिखने के लिए प्रेरित किया| लेखिका को किराए के घर में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता था| वहाँ पानी और बाथरूम की असुविधा थी| किसी-किसी दिन उसे घर पहुँचने में देर हो जाती तो मकान-मालिक की पत्नी हजारों सवाल करती कि जब उसका पति नहीं है तो किसके साथ घूमती रहती है| आस-पास के लोग भी कानाफूसी करते रहते कि यह औरत अकेली ही अपने बच्चों के साथ क्यों रहती है| इसका पति साथ क्यों नहीं रहता है| लेखिका को अकेली देखकर कुछ लोग छेड़खानी करना चाहते और कुछ तो घर में जबरदस्ती घुस आते| तातुश के घर जाते ही लेखिका इन बातों को भूल जाती थी क्योंकि वे लेखिका से उसकी पढ़ाई के बारे में पूछते| तातुश अपने मित्रों को लेखिका की पढ़ाई-लिखाई के बारे में बताते रहते थे|
एक दिन लेखिका ने काम से वापस आने पर अपने घर को टूटा हुआ पाया| इस मुसीबत में उनके दोनों भाइयों ने पास रहते हुए भी कोई सहायता नहीं की| तातुश को जब यह बात पता चली तो उन्होंने अपने घर का एक कमरा लेखिका के लिए खाली करवा दिया| तातुश उसका और उसके बच्चों का बहुत ख्याल रखते थे| तातुश ने उसके बेटे का भी पता लगा लिया और उसे बेबी से मिलवाया| लेखिका तातुश को अपने पिता के समान मानती थी| तातुश ने लेखिका के द्वारा लिखे गए लेख अपने मित्रों को भी दिखाया| वे और उनके मित्र हमेशा लेखिका को लिखने के लिए प्रोत्साहित करते थे| तातुश के एक मित्र ने लेखिका से उसकी कहानी को एक मोड़ तक पहुँचाने के लिए चिट्ठी लिखी ताकि उसकी रचना को किसी पत्रिका में छापा जा सके| तातुश के एक मित्र जिसे लेखिका जेठू कहती थी, लेखन के लिए बहुत प्रोत्साहित करते थे| उन्होंने आशापूर्णा देवी का उदाहरण देकर लेखिका का हौसला बढ़ाया| लेखिका चिट्ठियों के माध्यम से तातुश के मित्रों के साथ संपर्क में रहने लगी| उसके लिखे रचनाओं को लोग पसंद करने लगे| तातुश के कारण लेखिका की जीवन दिशा ही बदल गई| आखिरकार वह दिन भी आया जब लेखिका की लिखी रचना पत्रिका में छप गई| पत्रिका में उनकी रचना का शीर्षक था आलो-आँधारि, बेबी हालदार| लेखिका अत्यंत प्रसन्न हुई और तातुश के प्रति उनका मन कृतज्ञता से भर गया| उसने तातुश के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया|
कठिन शब्दों के अर्थ
• आलो आँधारि - अँधेरे का उजाला
• मा - माँ
• दादा - बड़े भाई
• दरकार - जरूरत
• पाड़े - मोहल्ला
• वयस - उम्र
• दीदिमा - नानी
• अभिधान - शब्दकोश
• जेठू - पिता के बड़े भाई
NCERT Solutions of पाठ 3 - आलो आँधारि