Notes of Science in Hindi for Class 9th: Ch 3 परमाणु एवं अणु विज्ञान
विषय-वस्तु- रासायनिक संयोजन के नियम
- द्रव्यमान संरक्षण का नियम
- स्थिर अनुपात का नियम
- डाल्टन का परमाणु सिद्धांत
- परमाणु, अणु तथा उनके गुणधर्म
- आयन
- विभिन्न यौगिकों के रासायनिक सूत्र लिखना
- आण्विक द्रव्यमान एवं मोल संकल्पना
रासायनिक संयोजन के नियम
• किन्हीं दो उया उससे अधिक पदार्थों के बीच रासायनिक अभिक्रिया कुछ सिद्धांतों पर आधारित होती है| इन सिद्धांतों को रासायनिक संयोजन के नियम कहते हैं|
रासायनिक संयोजन के निम्नलिखित दो नियम प्रतिपादित किए-
• द्रव्यमान संरक्षण का नियम: इस नियम के अनुसार किसी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो सृजन किया जा सकता है न ही विनाश|
• स्थिर अनुपात का नियम: कोई भी यौगिक दो या दो से अधिक तत्वों से निर्मित होता है| इस प्रकार प्राप्त यौगिकों में, इन तत्वों का अनुपात स्थिर होता है चाहे इसे किसी स्थान से प्राप्त किया गया हो अथवा किसी ने भी इसे बनाया हो|
डाल्टन का परमाणु सिद्धांत
डाल्टन का परमाणु सिद्धांत के अनुसार सभी द्रव्य चाहे तत्व, यौगिक या मिश्रण हो, सूक्ष्म कणों से बने होते हैं जिन्हें परमाणु कहते हैं| डाल्टन के परमाणु सिद्धांत की विवेचना निम्न प्रकार से की जा सकती है :
• सभी द्रव्य परमाणुओं से निर्मित होते हैं|
• परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो सृजित होते हैं और न ही उनका विनाश होता है|
• दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म समान होते हैं|
• भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म भिन्न-भिन्न होते हैं|
• भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर छोटी पूर्ण संख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक निर्मित करते हैं|
• किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं|
परमाणु
• परमाणु किसी भी तत्व का वह सूक्ष्मतम भाग है जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में बिना अपने रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्मों को बदले, उस अभिक्रिया में प्रयुक्त होता है|
• परमाणु तत्व के सूक्ष्मतम भाग है जिन्हें किसी भी शक्तिशाली सूक्ष्मदर्शी से भी देखा नहीं जा सकता|
• परमाणु द्रव्यमान- किसी भी तत्व के एक परमाणु का द्रव्यमान, उसका ‘परमाणु द्रव्यमान’ कहलाता है|
अणु
• साधारणतया अणु ऐसे दो या दो से अधिक परमाणुओं का समूह होता है जो आपस में रासायनिक बंध द्वारा जुड़े होते हैं अथवा वे परस्पर आकर्षण बल के द्वारा कसकर जुड़े होते हैं|
• अणु, तत्वों को छोड़कर किसी भी पदार्थ की वह सूक्ष्मतम इकाई है जो स्वतंत्र रूप से रह सकता है और यह उस पदार्थ के सारे गुणधर्मों को प्रदर्शित कर सकता है|
अणुओं को दो भागों में बाँटा जा सकता है :
• एक तरह के परमाणुओं से निर्मित अणु- किसी तत्व के अणु एक ही प्रकार के परमाणुओं द्वारा संरचित होते हैं| आर्गन (Ar), हीलियम (He) इत्यादि जैसे अनेक तत्वों के अणु उसी तत्व के केवल एक परमाणु द्वारा निर्मित होते हैं|
• यौगिकों के अणु- भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु एक निश्चित अनुपात में परस्पर जुड़कर यौगिकों के अणु निर्मित करते हैं| जैसे- H2O, CO2, NaCl, CaCO3 इत्यादि|
आयन
आयन, एक परमाणु या परमाणुओं का समूह होता है जिस पर कुछ आवेश (धनात्मक या ऋणात्मक) अवश्य उपस्थित रहता है|
धनावेशित आयन – Na+, K+, Ca2+, Al3+
ऋनावेशित आयन – Cl- , S2- , OH-, SO42-
रासायनिक सूत्र
• किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र उसके संघटक का प्रतीकात्मक निरूपण होता है| इसके लिए हमें तत्वों के प्रतीकों एवं उनकी संयोजन क्षमताएँ ज्ञात होनी चाहिए|
• संयोजन क्षमता- किसी तत्व की संयोजन शक्ति (अथवा क्षमता) उस तत्व की संयोजन क्षमता कहलाती है|
• रासायनिक सूत्र लिखने के नियम:
• सबसे पहले तत्वों के परमाणुओं के चिन्हों को लिखा जाता है|
• अब इन चिन्हों के नीचे इनकी संयोजकताओं को लिखा जाता है|
• अब संयोजित परमाणुओं की संयोजकताओं को क्रास करते हैं|
• परिणामस्वरूप, पहला परमाणु दूसरे परमाणु की संयोजकता ग्रहण करता है तथा दूसरा परमाणु पहले वाले परमाणु की संयोजकता को ग्रहण करता है|
• संयोजकताओं को क्रास करके रासायनिक सूत्र तैयार हो जाता है|
उदाहरण
1. हाइड्रोजन क्लोराइड का सूत्र
अतः हाइड्रोजन क्लोराइड का रासायनिक सूत्र HCl है|
2. हाइड्रोजन सल्फाइड का सूत्र
अतः हाइड्रोजन सल्फाइड का रासायनिक सूत्र H2S है|
3. कार्बन टेट्राक्लोराइड का सूत्र
अतः कार्बन टेट्राक्लोराइड का सूत्र CCl4 है|
आण्विक द्रव्यमान तथा मोल संकल्पना
• आण्विक द्रव्यमान – किसी पदार्थ का आण्विक द्रव्यमान उसके सभी संघटक परमाणुओं के द्रव्यमानों का योग होता है| इस प्रकार यह अणु का वह सापेक्ष द्रव्यमान है जिसे परमाणु द्रव्यमान इकाई (u) द्वारा व्यक्त किया जाता है|
• मोल-संकल्पना – किसी स्पीशीज (परमाणु, अणु, आयन अथवा कण) के एक मोल में मात्राओं की वह संख्या है जो ग्राम में उसके परमाणु अथवा आण्विक द्रव्यमान के बराबर होती है| किसी पदार्थ के एक मोल में कणों की संख्या निश्चित होती है जिसका मान 6.022 ×1023 होता है|
• मोलर द्रव्यमान – मोलर द्रव्यमान किसी भी पदार्थ के एक मोल कणों के द्रव्यमानों का जोड़ होता है|