NCERT Solutions of Science in Hindi for Class 10th: Ch 10 प्रकाश- परावर्तन तथा अपवर्तन विज्ञान
प्रश्नपृष्ठ संख्या 185
1. अवतल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए|
उत्तर
अवतल दर्पण पर मुख्य अक्ष के समांतर आपतित होती कुछ किरणें परावर्तित होकर दर्पण की मुख्य अक्ष के बिंदु पर मिलती हैं या प्रतिच्छेदी हैं| यह बिंदु अवतल दर्पण का मुख्य फोकस कहलाता है|
2. एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 cm है| इसकी फोकस दूरी क्या होगी?
उत्तर
वक्रता त्रिज्या = 20 cm
गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या = 2 × फोकस दूरी (f)
R = 2f
⇒ f = R/2 = 20/2 = 10
इस प्रकार गोलीय दर्पण की फोकस दूरी 10 cm होगी|
3. उस दर्पण का नाम बताइए जो बिंब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बना सके|
उत्तर
अवतल दर्पण|
4. हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं?
उत्तर
हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता देते हैं क्योंकि ये दर्पण वाहन के पार्श्व में लगे होते हैं तथा इनमें ड्राईवर अपने पीछे के वाहनों को देख सकते हैं जिससे वे सुरक्षित रूप से वाहन चला सकें| ये दर्पण सदैव सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं| इनका दृष्टि-क्षेत्र भी बहुत अधिक है क्योंकि ये बाहर की ओर वकृत होते हैं|
पृष्ठ संख्या 188
1. उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता-त्रिज्या 32 cm है|
उत्तर
वक्रता-त्रिज्या (R) = 32 cm
उत्तल दर्पण की वक्रता-त्रिज्या (R) = 2 × फोकस दूरी (f)
⇒ R = 2f
⇒ f = R/2 = 32/2 = 16
इस प्रकार उत्तल दर्पण की फोकस दूरी 16 cm होगी|
2. कोई अवतल दर्पण आमने सामने 10 cm दूरी पर रखें किसी बिंब का तीन गुणा आवर्धित (बड़ा) वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है| प्रतिबिंब दर्पण से कितनी दूरी पर है?
उत्तर
गोलीय दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन का संबंध व्यक्त किया गया है,
मान लें कि बिंब की ऊँचाई, h0 = h
प्रतिबिंब की ऊँचाई = h1 = -3h (बना हुआ प्रतिबिंब वास्तविक है)
वस्तु की दूरी, u = -10 cm
v = 3 × (-10) = -30 cm
इस प्रकार ऋणात्मक मान से यह ज्ञात होता है कि दिए गए अवतल दर्पण के सामने 30 cm की दूरी पर एक उलटा प्रतिबिंब बनता है|
पृष्ठ संख्या 194
1. वायु में गमन करती प्रकाश की एक किरण जल में तिरछी प्रवेश करती है| क्या प्रकाश किरण अभिलंब की ओर झुकेगी अथवा अभिलंब से दूर हटेगी?
उत्तर
प्रकाश किरण अभिलंब की ओर झुकेगी| जब प्रकाश की एक किरण प्रकाशिक विरल माध्यम से प्रकाशिक सघन माध्यम में प्रवेश करती है तो प्रकाश की किरण धीमी हो जाती है तथा अभिलंब की ओर झुक जाती है| चूँकि जल वायु से अधिक प्रकाशिक सघन होता है, इसलिए वायु से जल में प्रवेश करते समय प्रकाश की एक किरण अभिलंब की ओर झुकेगी|
2. प्रकाश वायु से 1.50 अपवर्तनांक की काँच की प्लेट में प्रवेश करता है| काँच में प्रकाश की चाल कितनी है? निर्वात में प्रकाश की चाल 3×108 ms-1 है|
उत्तर
माध्यम का अपवर्तनांक nm = निर्वात में प्रकाश की चाल/माध्यम में प्रकाश की चाल
निर्वात में प्रकाश की चाल c = 3×108 ms-1
काँच की अपवर्तनांक ng = 1.50
काँच में प्रकाश की चाल, v = निर्वात में प्रकाश की चाल/काँच की अपवर्तनांक
= c/ng
= 3 × 108/1.50 = 2×108 ms-1
3. सारणी 10.3 से अधिकतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को ज्ञात कीजिए| न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को भी ज्ञात कीजिए|
उत्तर
अधिकतम प्रकाशिक घनत्व = हीरा
न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व = वायु
एक माध्यम की प्रकाशिक सघनता सीधे उसके अपवर्तनांक से संबंधित होता है| एक माध्यम का अपवर्तनांक जितना अधिक होता है, वह माध्यम उतना ही अधिक प्रकाशिक सघन होता है, ठीक इसके विपरीत|
सारणी 10.3 से यह पता चलता है कि हीरा और वायु क्रमशः सबसे अधिक अपवर्तनांक तथा कम अपवर्तनांक वाला माध्यम है| इसलिए हीरा सबसे अधिक प्रकाशिक सघन है तथा वायु सबसे कम प्रकाशिक सघन है|
4. आपको किरोसिन, तारपीन का तेल तथा जल दिए गए हैं| इनमें से किसमें प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है? सारणी 10.3 में दिए गए आँकड़ों का उपयोग कीजिए|
उत्तर
किरोसिन तथा तारपीन के तेल की तुलना में जल में प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है क्योंकि जल का अपवर्तनांक किरोसिन तथा तारपीन के तेल की अपेक्षा कम है| प्रकाश की गति अपवर्तनांक की विपरीत आनुपातिक होती है|
5. हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है| इस कथन का क्या अभिप्राय है?
उत्तर
हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है| इसका अर्थ है हीरे में प्रकाश की गति वायु में इसकी गति से 2.42 गुणा कम हो जाएगी|
दूसरे शब्दों में, हीरे में प्रकाश की गति, निर्वात में प्रकाश की गति की 1/2.42 गुणा है|
पृष्ठ संख्या 203
1. किसी लेंस की 1 डाइऑप्टर क्षमता को पारिभाषित कीजिए|
उत्तर
लेंस की क्षमता का SI मात्रक डाइऑप्टर (Dioptre) है| इसे अक्षर D द्वारा दर्शाया जाता है| 1 डाइऑप्टर उस लेंस की क्षमता है जिसकी फोकस दूरी 1 मीटर हो|
2. कोई उत्तल लेंस किसी सूई का वास्तविक तथा उलटा प्रतिबिंब उस लेंस से 50 cm दूर बनाता है| यह सूई, उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखी है, यदि इसका प्रतिबिंब उसी साइज़ का बन रहा है जिस साइज़ का बिंब है| लेंस की क्षमता भी ज्ञात कीजिए|
उत्तर
चूँकि प्रतिबिंब का आकार वास्तविक तथा समान है| प्रतिबिंब की स्थिति 2F पर होना चाहिए|
यह दिया गया है कि सूई का प्रतिबिंब उत्तल लेंस से 50 cm दूर बनाता है| इसलिए सूई को लेंस से 50 cm की दूरी पर रखा गया है|
वस्तु की दूरी, u = -50 cm
प्रतिबिंब की स्थिति, v = 50 cm
फोकस दूरी = f
लेंस के सूत्र के अनुसार,
लेंस की क्षमता, P = 1/f = 1/0.25 = +4D
3. 2 m फोकस दूरी वाले किसी अवतल लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिए|
उत्तर
अवतल लेंस की फोकस दूरी, f = 2 m
लेंस की क्षमता, P= 1/f = 1/(-2)= -0.5D
पृष्ठ संख्या 204
1. निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता?
(a) जल
(b) काँच
(c) प्लास्टिक
(d) मिट्टी
उत्तर
(d) मिट्टी
2. किसी बिंब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा बिंब से बड़ा पाया गया| वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए?
(a) मुख्य फोकस तथा वक्रता केंद्र के बीच
(b) वक्रता केंद्र पर
(c) वक्रता केंद्र से परे
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच
3. किसी बिंब का वास्तविक तथा समान साइज़ का प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए बिंब को उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखें?
(a) लेंस के मुख्य फोकस पर
(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
(c) अनंत पर
(d) लेंस के प्रकाशिक केंद्र तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर
(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
4. किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लेंस दोनों की फोकस दूरियाँ -15 cm हैं| दर्पण तथा लेंस संभवतः हैं-
(a) दोनों अवतल
(b) दोनों उत्तल
(c) दर्पण अवतल तथा लेंस उत्तल
(d) दर्पण उत्तल तथा लेंस अवतल
उत्तर
(a) दोनों अवतल
5. किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर खड़े हों, आपका प्रतिबिंब सदैव सीधा प्रतीत होता है| संभवतः दर्पण है-
(a) केवल समतल
(b) केवल अवतल
(c) केवल उत्तल
(d) या तो समतल अथवा उत्तल
उत्तर
(d) या तो समतल अथवा उत्तल
6. किसी शब्दकोष (dictionary) में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्न में से कौन-सा लेंस पसंद करेंगे?
(a) 50 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(b) 50 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
(c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(d) 5 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
उत्तर
(c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
7. 15 cm फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिंब का सीधा प्रतिबिंब बनाना चाहते हैं| बिंब का दर्पण से दूरी का परिसर (range) क्या होना चाहिए? प्रतिबिंब की प्रकृति कैसी है? प्रतिबिंब बिंब से बड़ा है अथवा छोटा? इस स्थिति में प्रतिबिंब बनने का एक किरण आरेख बनाइए|
उत्तर
बिंब का दर्पण से दूरी का परिसर =
प्रतिबिंब की प्रकृति = दर्पण से
8. निम्न स्थितियों में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए|
(a) किसी कार का अग्र-दीप (हैड-लाइट)
(b) किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण
(c) सौर भट्टी
अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए|
उत्तर
(a) अवतल दर्पण- इसका कारण यह है कि जब प्रकाश स्रोत अवतल दर्पण के मुख्य फोकस पर रखा जाता है तो प्रकाश का शक्तिशाली समांतर किरण पुंज प्राप्त होता है|
(b) उत्तल दर्पण- इसका दृष्टि-क्षेत्र बहुत अधिक होता है|
(c) अवतल दर्पण- ऐसा इसलिए है क्योंकि यह मुख्य फ़ोकस पर सूर्य के समानांतर किरणों को केंद्रित करता है।
9. किसी उत्तल लेंस का आधा भाग काले कागज से ढक दिया गया है| क्या यह लेंस किसी बिंब का पूरा प्रतिबिंब बना पाएगा? अपने उत्तर की प्रयोग द्वारा जाँच कीजिए| अपने प्रेक्षणों की व्याख्या कीजिए|
उत्तर
उत्तल लेंस किसी बिंब का पूरा प्रतिबिंब बना पाएगा, भले ही उसका आधा भाग काले कागज से ढक दिया गया हो|
इसे निम्नलिखित दो स्थितियों से समझा जा सकता है:
स्थिति 1: जब लेंस के ऊपरी हिस्से को ढक दिया जाता है|
इस स्थिति में, बिंब से आने वाली प्रकाश की किरण लेंस के निचले आधे हिस्से से अपवर्तित हो जाएगी| दिए गए बिंब का प्रतिबिंब बनाने के लिए अपवर्तित किरणें लेंस के दूसरी तरफ मिलती हैं, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है|
स्थिति 2: जब लेंस के निचले हिस्से को ढक दिया जाता है|
इस स्थिति में, बिंब से आने वाली प्रकाश की किरण लेंस के ऊपरी आधे हिस्से से अपवर्तित हो जाएगी| दिए गए बिंब का प्रतिबिंब बनाने के लिए अपवर्तित किरणें लेंस के दूसरी तरफ मिलती हैं, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है|
10. 5 cm लंबा कोई बिंब 10 cm फोकस दूरी के किसी अभिसारी लेंस से 25 cm दूरी पर रखा जाता है| प्रकाश किरण-आरेख खींचकर बनने वाले प्रतिबिंब की स्थिति, साइज़ तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए|
उत्तर
प्रतिबिंब की ऊँचाई h0= 5 cm
अभिसारी लेंस से किसी बिंब की दूरी, u = -25 cm
अभिसारी लेंस की फोकस दूरी, f = 10 cm
लेंस सूत्र का प्रयोग करने पर,
इस प्रकार प्रतिबिंब उल्टा तथा लेंस से पीछे 16.7 cm की दूरी पर बनता है| प्रतिबिंब की ऊँचाई 3.3 cm है| प्रकाश किरण-आरेख नीचे दिया गया है|
11. 15 cm फोकस दूरी का कोई अवतल लेंस किसी बिंब का प्रतिबिंब लेंस से 10 cm दूरी पर बनाता है| बिंब लेंस से कितनी दूरी पर स्थित है? किरण आरेख खींचिए|
उत्तर
अवतल लेंस की फोकस दूरी = (OF1), f = -15 cm
प्रतिबिंब की दूरी, v = -10 cm
लेंस सूत्र के अनुसार,
u के ऋणात्मक मान से यह ज्ञात होता है कि बिंब को लेंस के सामने 30 cm की दूरी पर रखा गया है| यह निम्नलिखित किरण-आरेख में दर्शाया गया है|
12. 15 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण से कोई बिंब 10 cm दूरी पर रखा है| प्रतिबिंब की स्थिति तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए|
उत्तर
उत्तल दर्पण की फोकस दूरी, f = +15 cm
बिंब की दूरी, u = -10 cm
लेंस सूत्र के अनुसार,
प्रतिबिंब अवतल दर्पण की दूसरी तरफ 6 cm की दूरी पर बनता है|
आवर्धन का मान धनात्मक तथा 1 से कम है जिससे यह ज्ञात होता है कि बना हुआ प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा छोटा है|
13. एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन +1 है| इसका क्या अर्थ है?
उत्तर
धनात्मक मान का अर्थ है कि समतल दर्पण में बना प्रतिबिंब आभासी तथा सीधा है| चूँकि आवर्धन का मान 1 है तो इसका अर्थ है कि प्रतिबिंब का आकार बिंब के आकार के बराबर है|
14. 5.0 cm लंबाई का कोई बिंब 30 cm वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण के सामने 20 cm दूरी पर रखा गया है| प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति तथा साइज़ ज्ञात कीजिए|
उत्तर
बिंब की दूरी, u = -20 cm
बिंब की ऊँचाई, h = 5 cm
वक्रता त्रिज्या, R = 30 cm
वक्रता त्रिज्या = 2×फोकस दूरी
R = 2f
f = 15 cm
दर्पण के सूत्र के अनुसार,
v के मान में धनात्मक चिन्ह से यह ज्ञात होता है कि प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है|
आवर्धन, m = -प्रतिबिंब की दूरी/बिंब की दूरी = -8.57/-20 = 0.428
आवर्धन के मान में धनात्मक चिन्ह से यह ज्ञात होता है कि प्रतिबिंब आभासी है|
आवर्धन, m = (प्रतिबिंब की ऊँचाई)/(बिंब की ऊँचाई) = h0/h
h' = m×h = 0.428×5 = 2.14 cm
प्रतिबिंब की ऊँचाई के धनात्मक मान से यह ज्ञात होता है कि प्रतिबिंब सीधा है|
इस प्रकार प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा आकार में छोटा बनता है|
15. 7.0 cm साइज़ का कोई बिंब 18 cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 27 cm दूरी पर रखा गया है| दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखें कि उस वस्तु का स्पष्ट फोकसित प्रतिबिंब प्राप्त किया जा सके| प्रतिबिंब का साइज़ तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए|
उत्तर
बिंब की दूरी, u = -27 cm
बिंब की ऊँचाई, h = 7 cm
फोकस दूरी, f = -18 cm
दर्पण के सूत्र के अनुसार,
परदे को दिए गए दर्पण के सामने 54 cm की दूरी पर रखा जाना चाहिए|
आवर्धन, m = -(प्रतिबिंब की दूरी)/(बिंब की दूरी ) = -54/27 = -2
आवर्धन के मान में ऋणात्मक चिन्ह से यह ज्ञात होता है कि बना प्रतिबिंब वास्तविक है|
आवर्धन, m = (प्रतिबिंब की ऊँचाई)/(बिंब की ऊँचाई) = hi/h
h' = 7×(-2) = -14 cm
प्रतिबिंब की ऊँचाई माके मान में ऋणात्मक चिन्ह से यह ज्ञात होता है कि बना प्रतिबिंब उलटा है|
16. उस लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी क्षमता -2.0 D है| यह किस प्रकार का लेंस है?
उत्तर
लेंस की क्षमता, P = 1/f
P= -2D
f= -1/2 = -0.5 m
एक अवतल लेंस की फोकस दूरी ऋणात्मक होती है| इसलिए यह एक अवतल लेंस है|
17. कोई डॉक्टर +1.5 D क्षमता का संशोधक लेंस निर्धारित करता है| लेंब्स की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए| क्या निर्धारित लेंस अभिसारी है अथवा अपसारी?
उत्तर
लेंस की क्षमता, P =1/f
लेंस की क्षमता, P =1/f
P= 1.5D
f= 1/1.5 = 10/15 = 0.66 m
एक उत्तल लेंस की फोकस दूरी धनात्मक होती है| इसलिए यह एक उत्तल लेंस अथवा अभिसारी लेंस है|