NCERT Solutions of Jeev Vigyan for Class 12th: Ch 7 विकास जीव विज्ञान
प्रश्नपृष्ठ संख्या 153
1. डार्विन के चयन सिद्धांत के परिप्रेक्ष्य में जीवाणुओं में देखी गई प्रतिजैविक प्रतिरोध का स्पष्टीकरण करें|
उत्तर
प्रतिजैविक की उपस्थिति में, जो जीवाणु इसके प्रति संवेदनशील होते हैं वे मर जाएँगे| जबकि यदि जनसंख्या में कोई उत्परिवर्तक है, तो वे किसी तरह इसके प्रभाव से बच सकते हैं, वे गुणित होंगे और उनकी संख्या में वृद्धि होगी| उसके बाद वे प्रतिजैविक प्रतिरोधी जीवाणु के रूप में रहेंगे|
2. समाचार पत्रों और लोकप्रिय वैज्ञानिक लेखों से विकास संबंधी नए जीवाश्मों और मतभेदों की जानकारी प्राप्त करें|
उत्तर
वैज्ञानिकों को मोरक्को में 60 करोड़ वर्ष पुराने प्राणियों के जीवाश्म मिले हैं, जो आधुनिक हाथी के पूर्वज खरगोश के आकार के थे| पैलेओंटोलॉजिस्ट एम्मानुएल ने कैसाब्लांका, मोरक्को से 60 मील (100 किलोमीटर) पूर्व में बेसिन में खरगोश के आकार के प्रोटो-हाथी के खोपड़ी के टुकड़े की खोज की| इथोपिया तथा तंजानिया से कुछ मानव जैसी अस्थियाँ के जीवाश्म प्राप्त हुए हैं| मिस्र desh में कैरो के पास सन् 1961 में एक पुरानी दुनिया का एक जीवाश्म प्राप्त हुआ है| इसमें 32 दाँत थे| 1858 में ओरियोपिथेकस का जीवाश्म इटली में एक कोयले की खान में इसका पूरा कंकाल प्राप्त हुआ|
3. ‘प्रजाति’ की स्पष्ट परिभाषा देने का प्रयास करें|
उत्तर
प्रजाति को जीवों के एक समूह के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो स्वाभाविक परिस्थितियों में अंतःप्रजनन से उत्पन्न हो सकते हैं और प्रजननक्षम संतति उत्पन्न कर सकते हैं|
4. मानव-विकास के विभिन्न घटकों का पता करें (संकेत- मस्तिष्क साइज़ और कार्य, कंकाल-संरचना, भोजन में पसंदगी आदि)|
उत्तर
नाम
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विशेषताएँ
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ड्रायोपिथिकस | वनमानुष जैसे, बड़े नुकीले दाँतों वाले, पैर और हाथ बराबर आकार के होते थे और मुलायम फल और पत्ते खाते थे| |
रामापिथिकस |
अधिक मनुष्यों जैसे, नुकीले दाँत छोटे जबकि दाढ़ बड़े, सीधे खड़े होते थे और बीज तथा नट्स खाते थे| |
ओस्ट्रालोपिथेसिन |
मनुष्यों जैसे, कैनाइन तथा कृन्तक छोटे, सीधे होकर चलते थे, पत्थर के हथियार से शिकार करते थे, फल खाते थे, दिमागी क्षमता 400-600 सीसी होती थी| |
होमो हैबिलस |
पहले मानव प्राणी जैसे, कैनाइन छोटे, हथियारों का निर्माण करने वाले प्रथम मानव, मांस नहीं खाते थे और दिमागी क्षमता 650-800 सीसी होती थी| |
होमो इरैक्टस |
शिकार के लिए पत्थरों तथा हड्डियों के हथियार का प्रयोग करते थे, मांस खाते थे और दिमागी क्षमता 900 सीसी होती थी| |
होमो नियंडरथैलेन्सिस | गुफा में रहने वाले, अपने शरीर की रक्षा के लिए खालों का इस्तेमाल करते थे, मृतकों को जमीन में गाड़ते थे और दिमागी क्षमता 1400 सीसी होती थी| |
होमो सैंपियंस | तीव्र बुद्धि वाले आधुनिक मानव, विकसित कला, संस्कृति, भाषा, खेती की गई फसलें तथा पालतू जानवर| |
5. इंटरनेट (अंतरजाल-तंत्र) या लोकप्रिय विज्ञान लेखों से पता करें कि क्या मानवेत्तर किसी प्राणी में आत्म संचेतना थी|
उत्तर
आत्म संचेतना को मानसिक संपर्क या व्यक्तिगत रूप से स्वयं के प्रति किसी की जागरूकता या स्वयं के अस्तित्व, क्रिया या सोच के रूप में पारिभाषित किया जा सकता है| मानव के अतिरिक्त डॉल्फिन, कौवा, तोता, चिम्पैंजी, गोरिल्ला आदि में आत्म संचेतना मौजूद है|
6. इंटरनेट (अंतरजाल-तंत्र) संसाधनों के उपयोग करते हुए आज के 10 जानवरों और उनके विलुप्त जोड़ीदारों की सूची बनाएँ (दोनों के नाम दे)|
उत्तर
जानवर
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विलुप्त जोड़ीदार
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मानव
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होमो सैंपियंस |
कुत्ता |
लेप्टोसिओन |
चिम्पैंजी | ड्रायोपिथिकस |
हाथी | मोरिथर्स |
घोड़ा | इओहिप्पस |
गोरिल्ला | ड्रायोपिथिकस |
ऊँट | प्रोटिलोपस |
व्हेल | प्रोटोसिटस |
कंगारू | प्रोटीथेरिया स्तनी |
ऑक्टोपस | बेलेमनाईट |
7. विविध जंतुओं और पौधों के चित्र बनाएँ|
उत्तर
अध्याय से विविध जंतुओं और पौधों के चित्र बनाएँ|
8. अनुकूलनी विकिरण के एक उदाहरण का वर्णन करें|
उत्तर
गैलापैगों द्वीप का डार्विन फिंच अनुकूलनी विकिरण का एक उदाहरण है| उनके एक ही पूर्वज थे, लेकिन समय बीतने के साथ वे विकसित होते गए तथा अपने आवास के अनुसार स्वयं को अनुकूलित किया|
9. क्या हम मानव विकास को अनुकूलनी विकिरण कह सकते हैं?
उत्तर
नहीं, मानव विकास को अनुकूलनी विकिरण नहीं कह सकते, क्योंकि अनुकूलनी विकिरण एक विकासीय प्रक्रिया है जिसमें एक जीव तेजी से वंश विविधीकरण द्वारा नई प्रजाति की उत्पत्ति करता है, जोकि मानव विकास के मामले में नहीं है|
10. विभिन्न संसाधनों जैसे कि विद्यालय का पुस्तकालय या इंटरनेट (अंतरजाल-तंत्र) तथा अध्यापक से चर्चा के बाद किसी जानवर जैसे कि घोड़े के विकासीय चरणों को खोजें|
उत्तर
घोड़े का विकासीय चरण :
इओहिप्पस- यह इओसीन काल में लगभग 52 करोड़ वर्ष पूर्व प्रकट हुआ| यह लगभग 30 से.मी. ऊँचा तथा लोमड़ी के आकार का था| इसके सिर तथा गर्दन काफी छोटे थे| इसके अगले पैरों में चार क्रियात्मक पादांगुलियाँ थीं किंतु पिछले पैरों में केवल तीन पादांगुलियाँ थीं|
मीसोहिप्पस- मीसोहिप्पस लगभग 40 करोड़ वर्ष पूर्व आलीगोसीन काल में प्रकट हुए, जो इओहिप्पस से लगभग 0.06 मी. बड़े आकार के थे| इसकी अगली तथा पिछली टाँगों में तीन-तीन अंगुलियाँ थीं|
मेरिचिप्पस- इसके आगे तथा पीछे की दोनों टाँगों में तीन-तीन पादांगुलियाँ थीं लेकिन इनमें से केवल बीच वाली ही पृथ्वी तक पहुँचती थीं| एक अंगुली के कारण यह तेज दौड़ सकता था|
प्लियोहिप्पस- पिलोसीन काल में लगभग 12 करोड़ वर्ष पूर्व आधुनिक घोड़ा प्लीयोहिप्पस विकसित हुआ| इनमें एक ही क्रियात्मक पादांगुली होती थी|
इक्कस- प्लियोहिप्पस ने आधुनिक घोड़े इक्कस को जन्म दिया| इनके दोनों टाँगों में एक-एक अँगूठे थे| घास काटने के लिए कृन्तक तथा भोजन चबाने के लिए दाढ़ होते थे|