Extra Questions of Chapter 5 Akshron ka Mahtv Vasant Part I Class 6th
अर्थग्रहण सम्बन्धी प्रश्न -
(क) दुनिया में अब तक करोड़ों पुस्तकें छप चुकी हैं। हज़ारों पुस्तकें रोज़ छपती हैं। तरह-तरह के अक्षरों में हजारों की तादाद में रोज़ ही समाचार-पत्र छपते रहते हैं। इन सबके मूल में हैं अक्षर। हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि यदि आदमी अक्षरों को न जानता, तो आज इस दुनिया का क्या हाल होता।
1. दुनिया में अब तक कितनी पुस्तकें छप चुकी है ?
उत्तर
दुनिया में अब तक करोड़ों पुस्तकें छप चुकी हैं।
2. रोज़ कितनी संख्या में समाचार-पत्र छपते हैं ?
उत्तर
रोज़ हज़ारों संख्या में समाचार -पत्र छपते हैं |
3. किसे न जानने से दुनिया की हालत अजीब होती ?
उत्तर
अक्षर को न जानने से दुनिया की हालत अजीब होती |
लघु उत्तरीय प्रश्न -
1. पुस्तकों और समाचारों का छपना किस कारण संभव हो पाया है ?
उत्तर
पुस्तकों और समाचारों का छपना अक्षरों के ज्ञान के कारण ही संभव हो पाया है। यदि अक्षर न होते तो आज ये न छप पाते।
2. अक्षरों के बिना आज दुनिया का क्या हाल होता ?
उत्तर
यदि अक्षर न होते तो आज दुनिया के पास ज्ञान का अथाह भंडार नहीं होता। अक्षरों के बिना दुनिया की हालत बड़ी विचित्र होती।
3. हमारी धरती कितनी पुरानी है ? इस पर जीवन का विकास कब हुआ ?
उत्तर
हमारी धरती लगभग पाँच अरब वर्ष पुरानी है। दो-तीन अरब साल तक इस पर जीवों का विकास नहीं हुआ था। इसके बाद जीवन का विकास हुआ था |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न -
1. यदि आदमी अक्षरों की खोज नहीं करता तो क्या होता ?
उत्तर
यदि आदमी अक्षरों की खोज नहीं करता तो आज हम इतिहास को नहीं जान पाते। पिछले कुछ हजार सालों में आदमी किस प्रकार रहता था, क्या-क्या सोचता था, कौन-कौन राजा हुए आदि के बारे हमें कोई ज्ञान ही न होता।
2. आज हजारों पुस्तकें और समाचार-पत्र छपने लगे हैं। यह कैसे संभव हो पाया है ?
उत्तर
हमारे आसपास जो पुस्तकों का संसार है वह सब अक्षरों से बनी हैं। आज अनेक तरह की पुस्तकें हैं और तरह-तरह के अक्षर हजारों की संख्या में प्रतिदिन अखबार छापे जा रहे हैं। इन सबके मूल में है-अक्षर। अक्षर के बिना तो दुनिया की कल्पना करना भी असम्भव है।