Extra Questions of Chapter 4 Chand se thodi si Gappen Vasant Part I Class 6th
अर्थग्रहण सम्बन्धी प्रश्न -
(क) गोल हैं खूब मगर
आप तिरछे नज़र आते हैं ज़रा।
आप पहने हुए हैं कुल आकाश
तारों-जड़ा;
सिर्फ़ मुँह खोले हुए हैं अपना
गोरा-चिट्टा
गोल मटोल,
अपनी पोशाक को फैलाए हुए चारों सिम्त।
1. चाँद कैसा है ?
उत्तर
चाँद खूब गोल है |
2. चाँद ने क्या पहना हुआ है ?
उत्तर
चाँद ने तारों से जड़े समस्त आकाश को पहना हुआ है।
3. चाँद का मुँह कैसा है ?
उत्तर
चाँद का मुँह खुला हुआ है । वह गोरा-चिट्टा और गोल-मटोल है।
लघु उत्तरीय प्रश्न –
1. कवि लड़की के माध्यम से चाँद पर क्या कटाक्ष करता है ?
उत्तर
तुम्हें घटने-बढ़ने की बीमारी है -घटते हो तो घटते ही चले जाते हो और बढ़ते हो तो बढ़ते ही चले जाते हो|
2. लड़की चाँद के संबंध में क्या सझती है ?
उत्तर
लड़की समझती है कि चाँद को कोई बीमारी है इसलिए वह तिरछा दिखाई देता है |
आप तिरछे नज़र आते हैं ज़रा।
आप पहने हुए हैं कुल आकाश
तारों-जड़ा;
सिर्फ़ मुँह खोले हुए हैं अपना
गोरा-चिट्टा
गोल मटोल,
अपनी पोशाक को फैलाए हुए चारों सिम्त।
1. चाँद कैसा है ?
उत्तर
चाँद खूब गोल है |
2. चाँद ने क्या पहना हुआ है ?
उत्तर
चाँद ने तारों से जड़े समस्त आकाश को पहना हुआ है।
3. चाँद का मुँह कैसा है ?
उत्तर
चाँद का मुँह खुला हुआ है । वह गोरा-चिट्टा और गोल-मटोल है।
लघु उत्तरीय प्रश्न –
1. कवि लड़की के माध्यम से चाँद पर क्या कटाक्ष करता है ?
उत्तर
तुम्हें घटने-बढ़ने की बीमारी है -घटते हो तो घटते ही चले जाते हो और बढ़ते हो तो बढ़ते ही चले जाते हो|
2. लड़की चाँद के संबंध में क्या सझती है ?
उत्तर
लड़की समझती है कि चाँद को कोई बीमारी है इसलिए वह तिरछा दिखाई देता है |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न -
1. कवि ने चाँद के घटने-बढ़ने को क्या माना है और क्यों ?
उत्तर
चंद्रमा के घटने बढ़ने को देखकर बालिका ने इसे एक लाइलाज बीमारी माना है क्योंकि कितनी भी परिस्थितियाँ बदलती रहें, लेकिन चाँद के इस बढ़ने - घटने में कोई परिवर्तन नहीं आता|