रक्त और हमारा शरीर वसंत भाग - 1 (Summary of Rakt aur Hmara Sharir Vasant)
यह पाठ में लेखक डॉ० यतीश अग्रवाल ने शरीर में रक्त की भूमिका के बारे में बताया है। अनिल अपनी छोटी बहन दिव्या को लेकर जाँच करवाने डॉक्टर के पास गया था। अस्पताल में डॉक्टर ने दिव्या को खून की कमी के बारे में बताया और उसे डॉक्टर दीदी के पास जाँच कराने भेज दिया। डॉक्टर ने दिव्या की उँगली से खून लेकर उन्हें रिपोर्ट के लिए कल आने को कहा।
अगले दिन जब अनिल रिपोर्ट लेने गया तब डॉक्टर दीदी ने बताया कि दिव्या को अनीमिया है। अनिल ने डॉक्टर से पूछा कि अनीमिया क्या है? डॉक्टर दीदी ने कहा अनीमिया को जानने से पहले तुम्हें रक्त के बारे में जानना होगा जो लाल द्रव के समान दिखता है| इस द्रव के दो भाग प्लाज्मा और प्लेटलेट्स होते हैं। प्लाज्मा तरल भाग है लेकिन प्लेटलेट्स में लाल, सफ़ेद और बेरंग कण होते हैं। डॉ० दीदी ने सूक्ष्मदर्शी के द्वारा रक्त को अनिल को भी दिखाया। अनिल को लाल रक्त कण एक बालूशाही की भाँति दिखाई दिए। अनिल के पूछने पर डॉक्टर दीदी ने बताया कि लाल कण बनावट में बालूशाही के समान होते हैं जो गोल और दोनों तरफ़ से अवतल होते हैं। रक्त की एक बूंद में लाल कणों की संख्या लाखों में होती है। एक मिलीलीटर रक्त में चालीस से पचपन लाख लाल कण होते हैं। ये लाल कण शरीर के हर हिस्से में ऑक्सीजन पहुँचाते हैं। इनका जीवन काल लगभग चार महीने का होता है। पुराने कण के नष्ट हो जाने पर नए लाल कण बनते रहते हैं।
रक्त कणों का निर्माण हड्डियों के मध्य भाग मज्जा में बहुत-से कारखाने प्रोटीन, लौहतत्व और विटामिन रूपी कच्चे माल के द्वारा करते हैं। हमारे देश में अनीमिया होने का प्रमुख कारण पौष्टिक आहार की कमी है| एक और कारण है पेट में कीड़ों का हो जाना। डॉ० दीदी ने कहा कि इस रोग से बचने हेतु साफ़-स्वच्छ भोजन खाना चाहिए। शौचालय का प्रयोग करना चाहिए।
डॉ० दीदी ने कहा कि सफेद कण शरीर के वीर सिपाही हैं, जो रोगाणुओं से डटकर मुकाबला करते हैं उन्हें शरीर के अंदर नहीं आने देते। प्लेटलेट्स चोट लगने पर रक्त जमाव क्रिया में मदद करता है। यदि खून की कमी हो तो खून भी देना पड़ सकता है। सभी का खून एक समान नहीं होता। जाँच करने पर ही किसी का खून चढ़ाया जा सकता है। आपातकालीन स्थिति में ब्लड-बैंक से रक्त मिल सकता है। अनिल के पूछने पर कि क्या वह रक्तदान कर सकता है। डॉ० दीदी ने बताया कि 18 वर्ष की आयु से अधिक स्वस्थ व्यक्ति ही रक्तदान कर सकते हैं। एक समय में 300 मिलीलिटर रक्त ही लिया जाता है। मानव के शरीर में लगभग पाँच लीटर खून होता है। रक्तदान करने से शरीर में कोई कमज़ोरी नहीं आती। उन्होंने सभी को रक्तदान करने की प्रेरणा दी ताकि वह जरूरतमंद व्यक्ति के लिए जीवनदान बन जाए।
रक्त कणों का निर्माण हड्डियों के मध्य भाग मज्जा में बहुत-से कारखाने प्रोटीन, लौहतत्व और विटामिन रूपी कच्चे माल के द्वारा करते हैं। हमारे देश में अनीमिया होने का प्रमुख कारण पौष्टिक आहार की कमी है| एक और कारण है पेट में कीड़ों का हो जाना। डॉ० दीदी ने कहा कि इस रोग से बचने हेतु साफ़-स्वच्छ भोजन खाना चाहिए। शौचालय का प्रयोग करना चाहिए।
डॉ० दीदी ने कहा कि सफेद कण शरीर के वीर सिपाही हैं, जो रोगाणुओं से डटकर मुकाबला करते हैं उन्हें शरीर के अंदर नहीं आने देते। प्लेटलेट्स चोट लगने पर रक्त जमाव क्रिया में मदद करता है। यदि खून की कमी हो तो खून भी देना पड़ सकता है। सभी का खून एक समान नहीं होता। जाँच करने पर ही किसी का खून चढ़ाया जा सकता है। आपातकालीन स्थिति में ब्लड-बैंक से रक्त मिल सकता है। अनिल के पूछने पर कि क्या वह रक्तदान कर सकता है। डॉ० दीदी ने बताया कि 18 वर्ष की आयु से अधिक स्वस्थ व्यक्ति ही रक्तदान कर सकते हैं। एक समय में 300 मिलीलिटर रक्त ही लिया जाता है। मानव के शरीर में लगभग पाँच लीटर खून होता है। रक्तदान करने से शरीर में कोई कमज़ोरी नहीं आती। उन्होंने सभी को रक्तदान करने की प्रेरणा दी ताकि वह जरूरतमंद व्यक्ति के लिए जीवनदान बन जाए।
कठिन शब्दों के अर्थ -
• स्लाइड - खून जाँच करने का एक यंत्र द
• सूक्ष्मदर्शी - एक प्रकार का यंत्र, जिससे छोटी वस्तुएँ बड़ी करके दिखाई देती हैं
• अनीमिया - एक प्रकार का रोग जो खून की कमी से होता है
• जिज्ञासा - जानने की इच्छा
• प्लाज्मा - शरीर में रक्त का तरल भाग
• प्लेटलेट्स - शरीर में रक्त का वह भाग जिसमें लाल, सफ़ेद और बिना रंग के कण होते हैं
• बालूशाही - खाने योग्य गोल मिठाई
• अवतल - किनारों से मोटे तथा बीच से पतले
• लाभप्रद - लाभदायक
• ब्लड-बैंक - खून का बैंक
• निराधार - बिना आधार के
• नियमित - लगातार
• पीठ ठोकना - शाबाशी देना