लंका विजय सार NCERT Class 6th Hindi
लंका पर आक्रमण करने के लिए वानरसेना किष्किंधा से दहाड़ती, गरजती किलकारियाँ भरती रवाना हुई। समुद्र के किनारे महेंद्र पर्वत पर आकर सेना ने डेरा डाला। सेना का नेतृत्त्व नल कर रहे थे। सुग्रीव के सेनापति जामवंत व हनुमान सबसे पीछे थे। राम की शक्तियों को लेकर राक्षसों के मन में डर बैठ गया था। राक्षसों को हताशा देखकर विभीषण ने रावण को जाकर समझाया कि वह राम को सीता लौटा दे क्योंकि हताश सेना युद्ध नहीं कर सकती। रावण को इस बात पर क्रोध आ गया और उसने विभीषण को अपना शत्रु बताकर लंका से निकल जाने के लिए कहा।
विभीषण उसी रात लंका से निकल गए। वे अपने चार सेवकों के साथ समुद्र पार कर राम के शिविर में पहुंच गए और सुग्रीव से कहा कि वे लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण हैं और श्री राम की शरण में आए हैं। सुग्रीव विभीषण को राम के पास ले गए। राम ने उनका स्वागत-सत्कार किया। विभीषण ने राम को रावण, लंका और उसकी सेना की जानकारी दी। राम ने उन्हें लंका की राजगद्दी देने का आश्वासन दिया|
राम की सेना के सामने एक बड़ी चुनौती समुद्र थी। समुद्र के कहने पर नल ने समुद्र पर पाँच दिन में पुल बना दिया जिसके द्वारा सारी वानर-सेना समुद्र पार कर लंका के किनारे पहुँच गई। यह खबर सुनकर रावण ने भी अपने सैनिकों को तैयार रहने के आदेश दे दिए|
राम ने अपनी सेना को चार भागों में बाँट कर लंका को घेरने का आदेश दिया| राम ने अंगद को भेजकर सुलह करने का अंतिम प्रयास करने की कोशिश की परन्तु रावण ने इसे ठुकरा दिया|
भयानक युद्ध हुआ। दोनों ओर से अनेक वीर योद्धा मारे गए। मेघनाद ने रावण की ओर से मोर्चा संभाला| उसके बाण से राम और लक्ष्मण मूर्च्छित होकर गिर गए| मेघनाद ने उन्हें मृत समझा और रावण को सूचना देने महल की ओर दौड़ गया। विभीषण के उपचार से राम-लक्ष्मण की मूर्च्छा दूर हो गई।
रावण की सेना के अनेक महाबली मारे गए| ये सुनकर रावण ने कमान संभाल ली| राम के बाणों ने उसका मुकुट धरती पर गिरा दिया| उसने लौटकर कुम्भकर्ण को जगाया| उसे देखकर वानर सेना में खलबली मच गयी| उसने हनुमान और अंगद को घायल कर दिया| राम और लक्ष्मण ने बाणों की वर्षा से कुम्भकर्ण को मार दिया| रावण निराश हो गया|
मेघनाद ने रावण को संभाला| मेघनाद और लक्ष्मण के बीच भीषण युद्ध हुआ| अंत में लक्ष्मण ने महल में मेघनाद को मार गिराया| अकेला बचा रावण युद्ध के लिए निकला विभीषण को राम की सेना में देख रावण उबल पड़ा। उसने विभीषण पर निशाना लगाया। लक्ष्मण ने बाण बीच में ही काट दिया। दूसरा चलाया तो लक्ष्मण बीच में आ गए जिससे वे अचेत हो गए। वैद्य सुषेण को बुलाया गया। हनुमान संजीवनी बूटी लाए। सुग्रीव ने लक्ष्मण के स्वस्थ होने की सूचना राम तक पहुँचाई।
राम-रावण युद्ध भयानक था। रावण का एक बाण राम को लगा उनके रथ की ध्वजा कटकर गिर पड़ी। राम ने प्रहार किया। बाण रावण के मस्तक में लगा। रक्त की धारा बह निकली। रावण के हाथ से धनुष छूट गया। वह पृथ्वी पर गिर पड़ा। मारा गया। बची हई राक्षस सेना जान बचाकर भागी। रणक्षेत्र में केवल विभीषण दु:खी था।राम ने विभीषण को समझाया| विभीषण को लंका का राजा बनाया गया| सीता को अशोक वाटिका से लाया गया। सीता आई तो सबको अपनी कल्पनाओं से ऊपर सुन्दर सौम्य लगी।
विभीषण उसी रात लंका से निकल गए। वे अपने चार सेवकों के साथ समुद्र पार कर राम के शिविर में पहुंच गए और सुग्रीव से कहा कि वे लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण हैं और श्री राम की शरण में आए हैं। सुग्रीव विभीषण को राम के पास ले गए। राम ने उनका स्वागत-सत्कार किया। विभीषण ने राम को रावण, लंका और उसकी सेना की जानकारी दी। राम ने उन्हें लंका की राजगद्दी देने का आश्वासन दिया|
राम की सेना के सामने एक बड़ी चुनौती समुद्र थी। समुद्र के कहने पर नल ने समुद्र पर पाँच दिन में पुल बना दिया जिसके द्वारा सारी वानर-सेना समुद्र पार कर लंका के किनारे पहुँच गई। यह खबर सुनकर रावण ने भी अपने सैनिकों को तैयार रहने के आदेश दे दिए|
राम ने अपनी सेना को चार भागों में बाँट कर लंका को घेरने का आदेश दिया| राम ने अंगद को भेजकर सुलह करने का अंतिम प्रयास करने की कोशिश की परन्तु रावण ने इसे ठुकरा दिया|
भयानक युद्ध हुआ। दोनों ओर से अनेक वीर योद्धा मारे गए। मेघनाद ने रावण की ओर से मोर्चा संभाला| उसके बाण से राम और लक्ष्मण मूर्च्छित होकर गिर गए| मेघनाद ने उन्हें मृत समझा और रावण को सूचना देने महल की ओर दौड़ गया। विभीषण के उपचार से राम-लक्ष्मण की मूर्च्छा दूर हो गई।
रावण की सेना के अनेक महाबली मारे गए| ये सुनकर रावण ने कमान संभाल ली| राम के बाणों ने उसका मुकुट धरती पर गिरा दिया| उसने लौटकर कुम्भकर्ण को जगाया| उसे देखकर वानर सेना में खलबली मच गयी| उसने हनुमान और अंगद को घायल कर दिया| राम और लक्ष्मण ने बाणों की वर्षा से कुम्भकर्ण को मार दिया| रावण निराश हो गया|
मेघनाद ने रावण को संभाला| मेघनाद और लक्ष्मण के बीच भीषण युद्ध हुआ| अंत में लक्ष्मण ने महल में मेघनाद को मार गिराया| अकेला बचा रावण युद्ध के लिए निकला विभीषण को राम की सेना में देख रावण उबल पड़ा। उसने विभीषण पर निशाना लगाया। लक्ष्मण ने बाण बीच में ही काट दिया। दूसरा चलाया तो लक्ष्मण बीच में आ गए जिससे वे अचेत हो गए। वैद्य सुषेण को बुलाया गया। हनुमान संजीवनी बूटी लाए। सुग्रीव ने लक्ष्मण के स्वस्थ होने की सूचना राम तक पहुँचाई।
राम-रावण युद्ध भयानक था। रावण का एक बाण राम को लगा उनके रथ की ध्वजा कटकर गिर पड़ी। राम ने प्रहार किया। बाण रावण के मस्तक में लगा। रक्त की धारा बह निकली। रावण के हाथ से धनुष छूट गया। वह पृथ्वी पर गिर पड़ा। मारा गया। बची हई राक्षस सेना जान बचाकर भागी। रणक्षेत्र में केवल विभीषण दु:खी था।राम ने विभीषण को समझाया| विभीषण को लंका का राजा बनाया गया| सीता को अशोक वाटिका से लाया गया। सीता आई तो सबको अपनी कल्पनाओं से ऊपर सुन्दर सौम्य लगी।
शब्दार्थ -
• कूच - प्रस्थान
• अनभिज्ञ - अनजान
• शुभचिंतक - शुभ चाहने वाले
• विस्मय - हैरानी
• चौतरफा - चारों तरफ से
• वैभव - समृद्धि
• शस्त्रागार - जहाँ शस्त्र रखें जाते हैं
• तुमुलनाद - हर्षयुक्त ध्वनि
• अंत्येष्टि - मरने के बाद होने वाला क्रिया कर्म
• अंक-गोद
• कूच - प्रस्थान
• अनभिज्ञ - अनजान
• शुभचिंतक - शुभ चाहने वाले
• विस्मय - हैरानी
• चौतरफा - चारों तरफ से
• वैभव - समृद्धि
• शस्त्रागार - जहाँ शस्त्र रखें जाते हैं
• तुमुलनाद - हर्षयुक्त ध्वनि
• अंत्येष्टि - मरने के बाद होने वाला क्रिया कर्म
• अंक-गोद