NCERT Solutions for Class 10th: विकास अर्थशास्त्र
अभ्यास
1. सामान्यत: किसी देश का विकास किस आधार पर निर्धारित किया जा सकता है?
(क) प्रतिव्यक्ति आय
(क) प्रतिव्यक्ति आय
(ख) औसत साक्षरता दर
(ग) लोगों की स्वास्थ्य स्थिति
(घ) उपरोक्त सभी
► (घ) उपरोक्त सभी
2. निम्नलिखित पड़ोसी देशों में से मानव विकास के लिहाज से किस देश की स्थिति भारत से बेहतर है?
(क) बांग्लादेश
(ख) श्रीलंका
(ग) नेपाल
(घ) पाकिस्तान
(क) बांग्लादेश
(ख) श्रीलंका
(ग) नेपाल
(घ) पाकिस्तान
► (घ) पाकिस्तान
3. मान लीजिए कि एक देश में चार परिवार हैं। इन परिवारों की प्रतिव्यक्ति आय 5,000 रुपये है। अगर तीन परिवारों की आय क्रमश: 4,.000, 7,000 और 3,000 रुपये है, तो चौथे परिवार की आय क्या है?
(क) 7.500 रुपये
(ख) 3,000 रुपये
(ग) 2,000 रुपये
(घ) 6,000 रुपये
(क) 7.500 रुपये
(ख) 3,000 रुपये
(ग) 2,000 रुपये
(घ) 6,000 रुपये
► (घ) 6,000 रुपये
4. विश्व बैंक विभिन्न वर्गों का वर्गीकरण करने के लिये किस प्रमुख मापदण्ड का प्रयोग करता है? इस मापदण्ड की, अगर कोई हैं, तो सीमाएँ क्या हैं?
उत्तर
विश्व बैंक विभिन्न वर्गों का वर्गीकरण करने के लिए प्रति व्यक्ति आय मापदंड का उपयोग करते हैं।
• इससे यह पता नहीं चलता कि यह आय लोगों में किस तरह वितरित है। दो देशों की प्रति व्यक्ति आय समान होने पर भी एक देश दूसरे से अच्छा हो सकता है। इससे देश के आर्थिक विकास का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता।
• कई अन्य कारक विकास को प्रभावित करते हैं; जैसे शिशु मृत्यु दर, साक्षरता, स्वास्थ्य सुविधाएँ, आदि को महत्व नहीं दिया जाता है|
5. विकास मापने का यू.एन.डी.पी. का मापदण्ड किन पहलुओं में विश्व बैंक के मापदण्ड से अलग है?
उत्तर
विश्व बैंक का मापदंड प्रति व्यक्ति आय है, जबकि यू०एन०डी०पी० के मापदंड में प्रति व्यक्ति आय के अतिरिक्त शैक्षिक एवं स्वास्थ्य स्तर भी आते हैं जोकि विश्व बैंक के मापदंड से अधिक बेहतर हैं। यू०एन०डी०पी० के स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े मानक आय के साथ काफ़ी व्यापक स्तर पर विकास के माप के लिए इस्तेमाल किए जाने लगे हैं। यू०एन०डी०पी० मानव विकास रिपोर्ट इन्हीं मापदंडों के आधार पर तैयार करता है।
6. हम औसत का प्रयोग क्यों करते हैं? इनके प्रयोग करने की क्या कोई सीमाएँ हैं? विकास से जुड़े अपने उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
हम औसत का प्रयोग इसलिए करते हैं क्योंकि दो देशों की आर्थिक स्थिति को जाने का यह सबसे अधिक सरल मापदंड हैं। किसी देश की आय को यदि उसकी कुल जनसंख्या से विभाजित कर दिया जाए तो हमें उसकी औसत आय प्राप्त हो जाती हैं। उदाहरण के लिए अर्थशास्त्री आर्थिक विकास की दृष्टि से प्रति व्यक्ति आय या औसत आय को एक माप मानते हैं. लेकिन हो सकता है कि देश में औसत आय में वृद्धि हुई हो तथा धन और आय के वितरण से अधिक असमानताएँ आई हों, अर्थात् धनी व्यक्ति अधिक धनी हुए हैं और गरीब व्यक्ति और ग़रीब। इस प्रकार औसत आय धनी और निर्धन के बीच अंतर नहीं बतातो है। इसे विकास का अच्छा माप नहीं माना जा सकता है।
7. प्रतिव्यक्ति आय कम होने पर भी केरल का मानव विकास क्रमांक पंजाब से ऊँचा है। इसलिए प्रतिव्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड बिलकुल नहीं है। राज्यों की तुलना के लिये इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। क्या आप सहमत हैं? चर्चा कीजिए।
उत्तर
सबसे धनी राज्य होने के बावजूद पंजाब में केरल की तुलना में शिशु मृत्यु दर अधिक है। पंजाब की तुलना में केरल में कक्षा 1 से 4 में निवल उपस्थिति दर अधिक है। इससे पता चलता है कि मानव विकास सूचकांक में केरल एक बेहतर राज्य है। जेब में रखा धन जरूरी नहीं कि वह सब वस्तुएँ और सेवाएं खरीद सके जो एक बेहतर जीवन के लिए जरूरी हो सकती हैं। नागरिक कितनी भौतिक वस्तुएँ और सेवाएँ इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके लिए आय अपने आप में संपूर्ण रूप से पर्याप्त संकेतक नहीं है।
8. भारत के लोगों द्वारा ऊर्जा के किन स्रोतों का प्रयोग किया जाता है? ज्ञात कीजिए। अब से 50 वर्ष पश्चात क्या संभावनाएँ हो सकती हैं?
उत्तर
ग्रामीण क्षेत्रों में जलावन की लकड़ी ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। शहरी क्षेत्रों में रसोई के ईंधन के रूप में एलपीजी का इस्तेमाल अधिकतर घरों में होता है। इसके अलावा वाहनों के लिये पेट्रोलियम उत्पादों का इस्तेमाल होता है। आज से पचास वर्ष बाद जलावन की लकड़ी मिलना कठिन हो जायेगा क्योंकि तेजी से वन कम होते जा रहे हैं| आज भी, भारत विदेश से आयातित तेल पर निर्भर करता है क्योंकि आज तक उसके पास पर्याप्त स्टॉक नहीं है। इसलिए हमें किसी वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत को जल्दी ही विकसित करना होगा। गाँवों में गोबर गैस इसका एक अच्छा समाधान हो सकता है। सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा से पूरे देश की ऊर्जा की जरूरत को आसानी से पूरा किया जा सकता है।
9. धारणीयता का विषय विकास के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर
धारणीयता से हमारा अभिप्राय एक ऐसी निरंतर प्रक्रिया को धारण करना है जो भविष्य की नस्ल की उत्पादकता को हानि पहुँचाए बिना ही वर्तमान नस्ल की आवश्यकताओं की संतुष्टि को बनाए रखे।
धारणीयता का विषय विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसके बिना विकास अधूरा है। जब तक देश में बेरोज़गारी, गरीबी, धन व आय की असमानताएँ ख़त्म नहीं होतीं तथा आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षित नहीं रहता तब तक सही अर्थों में विकास नहीं हो सकता। यह तभी संभव होता है जब हम संसाधन का दोहन करने की बजाय उनका विवेकपूर्ण इस्तेमाल करते हैं।
धारणीयता का विषय विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसके बिना विकास अधूरा है। जब तक देश में बेरोज़गारी, गरीबी, धन व आय की असमानताएँ ख़त्म नहीं होतीं तथा आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षित नहीं रहता तब तक सही अर्थों में विकास नहीं हो सकता। यह तभी संभव होता है जब हम संसाधन का दोहन करने की बजाय उनका विवेकपूर्ण इस्तेमाल करते हैं।
10. धरती के पास सब लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन एक भी व्यक्ति के लालच को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। यह कथन विकास की चर्चा में कैसे प्रासंगिक है? चर्चा कीजिए।
उत्तर
यह मशहूर कथन महात्मा गांधी का है। इस कथन का अर्थ यह है कि धरती के पास पर्याप्त मात्रा में प्राकृतिक संसाधन हैं। लेकिन उनका लाभ केवल एक अकेला व्यक्ति नहीं उठा सकता बल्कि सभी व्यक्ति मिलकर ही उसका लाभ उठा सकते हैं। यदि हम प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करते रहेंगे तो आने वाली पीढ़ियों के लिये कुछ नहीं बचेगा। इसलिए हमें अपने लोभ पर काबू पाना होगा और प्रकृति से केवल उतना ही लेने की आदत डालनी होगी जितना जरूरी है।
11. पर्यावरण में गिरावट के कुछ ऐसे उदाहरणों की सूची बनाइए जो आपने अपने आसपास देखे हों।
उत्तर
पर्यावरणीय क्षरण के कुछ उदाहरण:
• वनों की कटाई
• मृदा अपरदन
• भूजल का गिरता स्तर
• ओजोन परत का क्षरण और ऑटोमोबाइल से दहन से अत्यधिक वायु प्रदूषण होता है
• पानी का प्रदूषण
• वनों की कटाई
• मृदा अपरदन
• भूजल का गिरता स्तर
• ओजोन परत का क्षरण और ऑटोमोबाइल से दहन से अत्यधिक वायु प्रदूषण होता है
• पानी का प्रदूषण
12. तालिका 1.6 में दी गई प्रत्येक मद के लिए ज्ञात कीजिए कि कौन सा देश सबसे ऊपर है और कौन सा सबसे नीचे।
उत्तर
मापदण्ड | सबसे ऊपर | सबसे नीचे |
प्रति व्यक्ति आय | श्रीलंका | म्यांमार |
अधिकतम आयु | श्रीलंका | म्यांमार |
साक्षरता दर | श्रीलंका | बांग्लादेश |
स्कूल में नामांकन की दर | श्रीलंका | पाकिस्तान |
13. नीचे दी गई तालिका में भारत में व्यस्कों (15-49 वर्ष आयु वाले) जिनका बी.एम.आई. सामान्य से कम है (बी.एम.आई. <18.5kg/ms) का अनुपात दिखाया गया है। यह वर्ष 2015-16 में देश के विभिन्न राज्यों के एक सर्वेक्षण पर आधारित है। तालिका का अध्ययन करके निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
स्रोत : राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4, 2015-16, http://rchiips.org.
(क) केरल और मध्य प्रदेश के लोगों के पोषण स्तरों की तुलना कीजिए।
(ख) क्या आप अन्दाज लगा सकते हैं कि देश में लगभग हर पाँच में से एक व्यक्ति अल्पपोषित क्यों है, यद्यपि यह तर्क दिया जाता है कि देश में पर्याप्त खाद्य है? अपने शब्दों में विवरण दीजिए।
(क) केरल और मध्य प्रदेश के लोगों के पोषण स्तरों की तुलना कीजिए।
(ख) क्या आप अन्दाज लगा सकते हैं कि देश में लगभग हर पाँच में से एक व्यक्ति अल्पपोषित क्यों है, यद्यपि यह तर्क दिया जाता है कि देश में पर्याप्त खाद्य है? अपने शब्दों में विवरण दीजिए।
उत्तर
(क) केरल के लोगों का पोषण स्तर मध्य प्रदेश के पुरुषों और महिलाओं दोनों की तुलना में काफी अधिक है। अल्पपोषितों का अनुपात मध्य प्रदेश की तुलना में केरल में कम है।
(ख) देश में पर्याप्त भोजन है, फिर भी देश में 40% लोग निम्नपोषित हैं क्योंकि:
→ बड़ी संख्या में लोग इतने गरीब हैं कि वे पौष्टिक भोजन नहीं ले सकते।
→ अधिकांश राज्यों में, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) ठीक से काम नहीं करती है और गरीब लोगों को सस्ते खाद्य पदार्थ नहीं मिल सकते हैं।
→ देश के कई हिस्सों में शैक्षिक और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। इससे लोग पिछड़े और गरीब बने रहते हैं जिससे वे पौष्टिक भोजन प्राप्त करने में असमर्थ हैं।