NCERT Solutions for Class 11th: पाठ 7 - नए की जन्म कुंडली: एक
प्रश्न-अभ्यास
उत्तर
लेखक के अनुसार व्यक्ति अपने मन में उठने वाले विचारों को गंभीरता से लेता है। धूप तथा हवा ऐसे स्वाभाविक तत्व हैं, जो कवि के लिए महत्वपूर्ण है। कविता लिखते समय एक कवि अपने इंद्रियों के माध्यम से आंतरिक यात्रा करता है। वह कविता के माध्यम से स्वयं को प्रकट कर पाता है। यही कारण है कि लेखक ने कविता को हमारी भारतीय परंपरा का विचित्र परिणाम कहा है।
2. 'सौंदर्य में रहस्य न हो तो वह एक खूबसूरत चौखटा है।' व्यक्ति के व्यक्तित्व के माध्यम से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
लेखक का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति देखने में बहुत सुंदर दिखाई देता हो, परंतु उसमें कोई गुण न हो तो वह आकर्षक नहीं रहता| अपनी बात को लेखक कागज़ के माध्यम से स्पष्ट करते हैं। वह कहते हैं कि कोरा कागज़ देखने में अच्छा लगता है। उसमें मर्मवचन लिखा ही न हो, तो उसके सौंदर्य में रहस्य नहीं रहता है। रहस्य सौंदर्य को प्रभावशाली बनाता है। उसमें लोगों की रुचि बनती है। लोग उस रहस्य को सुलझाने में लग जाते हैं। लेखक का मित्र उसे बारह बर्षों के बाद मिलता है, जिसके बाल सफेद हो गए हैं तथा माथे पर लकीरें पड़ गई हैं परंतु वह
आज भी उसकी सुंदरता पर मुग्ध है, जो उसके अंतर का है।
3. सामान्य-असामान्य तथा साधारण-असाधारण के अंतर को व्यक्ति और लेखक के माध्यम से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
लेखक के अनुसार व्यक्ति असामान्य तथा असाधारण था क्योंकि वह अपने एक विचार या कार्य के लिए स्वयं को और अपनों को त्याग सकता है, वह असामान्य तथा असाधारण व्यक्ति है। वह अपने मन से निकलने वाले उग्र आदेशों को निभाने का मनोबल रखता है। ऐसा प्रायः साधारण लोग कर नहीं पाते हैं। वह सांसारिक समझौते करते हैं और एक ही परिपाटी में जीवन बीता देते हैं।
दूसरी ओर लेखक खुद को सामान्य इसलिए मानता है क्योंकि वह उस व्यक्ति के जैसा कुछ नहीं कर सका| उसने कभी अपने मन में विद्यमान उग्र आदेशों को निभा नहीं पाया। वह सदैव चुप रहा।
4. 'उसकी पूरी जिंदगी भूल का एक नक्शा है।' इस कथन द्वारा लेखक व्यक्ति के बारे में क्या कहना चाहता है?
उत्तर
लेखक ने अपने मित्र को 'पूरी जिंदगी भूल का एक नक्शा' इसलिए कहा है क्योंकि वह आजीवन अपने सिद्धांतों के अनुसार चलता रहा। व्यक्ति अपने जीवन में सफलता चाहता था लेकिन उसे मिली नहीं। उसने बहुत प्रयास किए हैं। उसकी भूल उसके प्रयासों की कहानी है। वह सफल तो नहीं हुआ परन्तु उसके संर्घषों को अनेदखा नहीं किया जा सकता है। प्रयास करना अधिक महत्वपूर्ण है। प्रायः लोग गिरने के डर से प्रयास नहीं करते हैं। परन्तु उसने इस डर को हटाकर प्रयास करता रहा|
उत्तर
भौतिकतावाद की दौड़ में मनुष्य इतनी तीव्र गति से दौड़ रहा है कि वह अपने सभी संबंधों को भूलता जा रहा है। आज परिवार का अर्थ पति-पत्नी और उनके बच्चों तक सीमित हो गया है। अन्य रिश्ते अब दूर होते चले गए हैं| परन्तु संयुक्त परिवार आज के समय में मनुष्य के लिए बहुत आवश्यक है क्योंकि किसी भी व्यक्ति की सर्वप्रथम शिक्षा, संस्कार, विकास, चरित्र का विकास इत्यादि परिवार के मध्य रहकर ही होता है। पैसा महत्वपूर्ण होने से व्यक्ति संकुचित हो गया है| सभी एक दूसरे की मददद करने बजाए एक दूसरे के प्रतिद्वंदी हो गए हैं| स्वयं को एक-दूसरे के मुकाबले अधिक अमीर बनाने और दिखाने में लगे हुए हैं।
उत्तर
लेखक का यह कथन बिलकुल सत्य है कि आज राजनीति करने वालों के पास समाज-सुधार का कोई कार्यक्रम नहीं है। वे केवल अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए राजनीति में आते हैं। यही कारण है कि राजनीति के पास समाज-सुधार का कोई कार्यक्रम नहीं है। राजनीति ने समाज को विकास के स्थान पर मतभेद और अशांति इत्यादि ही दी है। आज जातिभेद, आरक्षण आदि बातें राजनीति की देन हैं। यदि राजनीति देश के विकास का कार्य करती, तो भारत की स्थिति ही अलग होती।
उत्तर
इससे लेखक का तात्पर्य है कि अन्याय दोनों जगह हो सकता है। वह घर के बाहर भी हो सकता है और घर के अंदर भी हो सकता है। जब अन्याय को चुनौती देने की बात आती है, तो मनुष्य घर के अंदर के अन्याय को चुपचाप सह जाता है क्योंकि इसका कारण परिवारजन उसके अपने होते हैं। घर के बाहर अन्यायपूर्ण व्यवस्था को चुनौती देना सरल होता है। पूंजीपतियों के विरुद्ध विद्रोह, अन्याय के विरुद्ध संघर्ष आदि विद्रोह छेड़ने की बातें करते हैं|
8. 'जो पुराना है, अब वह लौटकर आ नहीं सकता। लेकिन नए ने पुराने का स्थान नहीं लिया।' इस नए और पुराने के अंतर्द्वद्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
पुराने से लेखक का मतलब परंपरागत संस्कार, जीवन-मूल्य, आस्थाएँ तथा धर्म-भावना से है और नए से मतलब आधुनिक वैज्ञानिक बुद्धि के अनुसार भौतिकतावादी जीवन-जीना है। आज स्थिति यह है कि पुराने को छोड़कर नए को अपनाने के मोह में हम नए को भी पूरी तरह से नहीं अपना पा रहे हैं। हमें यह भी पता नहीं कि 'नया' है क्या? यही कारण है कि आज नया जीवन, नए मान-मूल्य तथा नया न्याय सब कुछ परिभाषाहीन तथा आकार-रहित हो गए हैं। इनका कोई अस्तित्व दिखाई नहीं देता है। यह नए विचार, नई जीवन-पद्धति किसी नए व्यापक मानसिक सत्ता के अनुरूप अनुशासन नहीं दे सके। इन्होंने हमारी धार्मिक एवं दार्शनिक भावनाओं का स्थान भी नहीं लिया। सब कुछ गड़बड़ा गया है।
9. निम्नलिखित गद्यांशों की व्याख्या कीजिए-
(क) इस भीषण संघर्ष की हृदय भेदक ------- इसलिए वह असामान्य था।
उत्तर
इन पंक्तियों में लेखक अपने उस मित्र के संबंध में बता रहा है जो आजीवन अपने सिद्धांतों के अनुसार चलता रहा। इसके कारण उसके जीवन में बहुत कठिनाइयाँ आईं, परंतु वह अपने मार्ग से विचलित नहीं हुआ। इन कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए उसे अनेक असफलताओं का सामना करना पड़ा। उसका हृदय विचलित हो जाता था, परंतु वह प्रत्येक संघर्ष का सामना करता रहा। इन सब स्थितियों से भी वह घबराया नहीं था क्योंकि उसमें अभी भी विसंगतियों से टकराने की शक्ति थी। यही कारण था कि वह एक सामान्य व्यक्ति न होकर असामान्य व्यक्ति था।
(ख) लड़के बाहर राजनीति या साहित्य के मैदान में ------- घर के बाहर दी गई।
उत्तर
लेखक के अनुसार आज की युवापीढ़ी के स्वभाव में अंतर हैं। वे घर से बाहर साहित्य और राजनीति की अनेकों बातें करते हैं। उसके बारे में सोचते हैं और करते भी हैं। जब यह बात घर की आती है, तो उनका व्यवहार बदल जाता है। अन्याय दोनों जगह हो सकता है। वह घर के बाहर भी हो सकता है और घर के अंदर भी हो सकता है। जब अन्याय को चुनौती देने की बात आती है, तो मनुष्य घर के अंदर के अन्याय को चुपचाप सह जाता है क्योंकि इसका कारण घर के लोग उसके अपने होते हैं। घर के बाहर अन्यायपूर्ण व्यवस्था को चुनौती देना सरल होता है। पूंजीपतियों के विरुद्ध विद्रोह, शासन के विरुद्ध विद्रोह आदि विद्रोह सरलता से खड़े हो जाते हैं।
(ग) इसलिए पुराने सामंती अवशेष बड़े मजे ------- शिक्षित परिवारों की बात कर रहा है।
उत्तर
इन पंक्तियों में लेखक का मित्र उसे बताता है कि किस प्रकार अभी भी हम पुरानी परंपराओं से जकड़े हुए हैं। नई पीढ़ी घर से बाहर तो क्रांति की बातें करती है परंतु घर में पुरानी परंपराओं का ही अनुसरण करती है। यही कारण है कि अब भी हमारे परिवार पुराने सामंती रीति-रिवाजों को अपना रहे हैं। इस प्रकार हम लोग पुराने और नए के प्रति अवसरवादी दृष्टिकोण अपना रहे हैं। जिस अवसर पर जो अच्छा लगता है वैसा ही हम करते हैं। आज की पीढ़ी वैज्ञानिक दृष्टिकोण लिए हुए है। उसने धर्म को नकार दिया है। चूंकि धर्म हमारी संस्कृति का आधार है। अतः इसे पूर्णरूप से निकालना संभव नहीं है। हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हर बात को परखते हैं लेकिन कई चीज़ें हमारी समझ से परे होती हैं, तो हम उसे धर्म के क्षेत्र में लाकर खड़ा कर देते हैं। प्रायः यह स्थिति शिक्षित परिवारों में देखने को मिलती हैं।
(घ) मान-मूल्य, नया इंसान ------- वे धर्म और दर्शन का स्थान न ले सके।
उत्तर
लेखक के अनुसार नए की पुकार हम लगाते हैं लेकिन नया है क्या इस विषय में हमारी जानकारी शून्य के बराबर है। हमने सोचा ही नहीं है कि यह नया मान-मूल्य हो, एक नया मनुष्य हो या क्या हो? जब हम यह नहीं जान पाए, तो जो स्वरूप उभरा था, वह भी शून्यता के कारण मिट गया। उनको दृढ़ तथा नए जीवन, नए मानसिक सत्ता का रूप धारण करना था पर वे प्रश्नों के उत्तर न होने के कारण समाप्त हो गए। वे हमारे धर्म और दर्शन का स्थान नहीं ले सके। वे इनका स्थान तभी ले पाते जब हम इन विषयों पर अधिक सोचते।
10. निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए-
उत्तर
पुराने से लेखक का मतलब परंपरागत संस्कार, जीवन-मूल्य, आस्थाएँ तथा धर्म-भावना से है और नए से मतलब आधुनिक वैज्ञानिक बुद्धि के अनुसार भौतिकतावादी जीवन-जीना है। आज स्थिति यह है कि पुराने को छोड़कर नए को अपनाने के मोह में हम नए को भी पूरी तरह से नहीं अपना पा रहे हैं। हमें यह भी पता नहीं कि 'नया' है क्या? यही कारण है कि आज नया जीवन, नए मान-मूल्य तथा नया न्याय सब कुछ परिभाषाहीन तथा आकार-रहित हो गए हैं। इनका कोई अस्तित्व दिखाई नहीं देता है। यह नए विचार, नई जीवन-पद्धति किसी नए व्यापक मानसिक सत्ता के अनुरूप अनुशासन नहीं दे सके। इन्होंने हमारी धार्मिक एवं दार्शनिक भावनाओं का स्थान भी नहीं लिया। सब कुछ गड़बड़ा गया है।
9. निम्नलिखित गद्यांशों की व्याख्या कीजिए-
(क) इस भीषण संघर्ष की हृदय भेदक ------- इसलिए वह असामान्य था।
उत्तर
इन पंक्तियों में लेखक अपने उस मित्र के संबंध में बता रहा है जो आजीवन अपने सिद्धांतों के अनुसार चलता रहा। इसके कारण उसके जीवन में बहुत कठिनाइयाँ आईं, परंतु वह अपने मार्ग से विचलित नहीं हुआ। इन कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए उसे अनेक असफलताओं का सामना करना पड़ा। उसका हृदय विचलित हो जाता था, परंतु वह प्रत्येक संघर्ष का सामना करता रहा। इन सब स्थितियों से भी वह घबराया नहीं था क्योंकि उसमें अभी भी विसंगतियों से टकराने की शक्ति थी। यही कारण था कि वह एक सामान्य व्यक्ति न होकर असामान्य व्यक्ति था।
(ख) लड़के बाहर राजनीति या साहित्य के मैदान में ------- घर के बाहर दी गई।
उत्तर
लेखक के अनुसार आज की युवापीढ़ी के स्वभाव में अंतर हैं। वे घर से बाहर साहित्य और राजनीति की अनेकों बातें करते हैं। उसके बारे में सोचते हैं और करते भी हैं। जब यह बात घर की आती है, तो उनका व्यवहार बदल जाता है। अन्याय दोनों जगह हो सकता है। वह घर के बाहर भी हो सकता है और घर के अंदर भी हो सकता है। जब अन्याय को चुनौती देने की बात आती है, तो मनुष्य घर के अंदर के अन्याय को चुपचाप सह जाता है क्योंकि इसका कारण घर के लोग उसके अपने होते हैं। घर के बाहर अन्यायपूर्ण व्यवस्था को चुनौती देना सरल होता है। पूंजीपतियों के विरुद्ध विद्रोह, शासन के विरुद्ध विद्रोह आदि विद्रोह सरलता से खड़े हो जाते हैं।
(ग) इसलिए पुराने सामंती अवशेष बड़े मजे ------- शिक्षित परिवारों की बात कर रहा है।
उत्तर
इन पंक्तियों में लेखक का मित्र उसे बताता है कि किस प्रकार अभी भी हम पुरानी परंपराओं से जकड़े हुए हैं। नई पीढ़ी घर से बाहर तो क्रांति की बातें करती है परंतु घर में पुरानी परंपराओं का ही अनुसरण करती है। यही कारण है कि अब भी हमारे परिवार पुराने सामंती रीति-रिवाजों को अपना रहे हैं। इस प्रकार हम लोग पुराने और नए के प्रति अवसरवादी दृष्टिकोण अपना रहे हैं। जिस अवसर पर जो अच्छा लगता है वैसा ही हम करते हैं। आज की पीढ़ी वैज्ञानिक दृष्टिकोण लिए हुए है। उसने धर्म को नकार दिया है। चूंकि धर्म हमारी संस्कृति का आधार है। अतः इसे पूर्णरूप से निकालना संभव नहीं है। हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हर बात को परखते हैं लेकिन कई चीज़ें हमारी समझ से परे होती हैं, तो हम उसे धर्म के क्षेत्र में लाकर खड़ा कर देते हैं। प्रायः यह स्थिति शिक्षित परिवारों में देखने को मिलती हैं।
(घ) मान-मूल्य, नया इंसान ------- वे धर्म और दर्शन का स्थान न ले सके।
उत्तर
लेखक के अनुसार नए की पुकार हम लगाते हैं लेकिन नया है क्या इस विषय में हमारी जानकारी शून्य के बराबर है। हमने सोचा ही नहीं है कि यह नया मान-मूल्य हो, एक नया मनुष्य हो या क्या हो? जब हम यह नहीं जान पाए, तो जो स्वरूप उभरा था, वह भी शून्यता के कारण मिट गया। उनको दृढ़ तथा नए जीवन, नए मानसिक सत्ता का रूप धारण करना था पर वे प्रश्नों के उत्तर न होने के कारण समाप्त हो गए। वे हमारे धर्म और दर्शन का स्थान नहीं ले सके। वे इनका स्थान तभी ले पाते जब हम इन विषयों पर अधिक सोचते।
10. निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) सांसारिक समझौते से ज्यादा विनाशक कोई चीज़ नहीं।
उत्तर
लेखक के अनुसार मनुष्य जीवन में समझौते करता है। ये समझौते करना उचित नहीं है। एक या दो समझौते हों, तो किया जा सकता है पर हर बार समझौते करना भयानक स्थिति को पैदा कर देता है। समझौतावादी दृष्टिकोण पलायन की स्थिति है। हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। हमें लड़ना चाहिए तभी हम अपने अस्तित्व को एक ठोस धरातल दे पाएँगे।
(ख) बुलबुल भी यह चाहती है कि वह उल्लू क्यों न हुई!
उत्तर
इसका अभिप्राय है कि हमें अपने से अधिक दूसरे अच्छे लगते हैं। हम दूसरे से प्रभावित होकर वैसा बनना चाहते हैं। हम स्वयं को नहीं देखते हैं। अपने गुणों पर हमारा ध्यान ही नहीं जाता है।
(ग) मैं परिवर्तन के परिणामों को देखने का आदी था, परिवर्तन की प्रक्रिया को नहीं।
उत्तर
लेखक कहता है कि मेरे सामने बहुत बदलाव हुए। मैंने उन बदलावों से हुए परिणाम देखें। अर्थात यह देखा कि बदलाव हुआ, तो उसका लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा। इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि जब बदलाव हो रहे तो वह क्यों और कैसे हो रहे थे? इस प्रक्रिया पर मेरा कभी ध्यान ही नहीं गया।
(घ) जो पुराना है, अब वह लौटकर आ नहीं सकता।
उत्तर
जो समय बीत गया है, उसे हम लौटाकर नहीं ला सकते हैं। जो चला गया, वह चला गया।
उत्तर
लेखक के अनुसार मनुष्य जीवन में समझौते करता है। ये समझौते करना उचित नहीं है। एक या दो समझौते हों, तो किया जा सकता है पर हर बार समझौते करना भयानक स्थिति को पैदा कर देता है। समझौतावादी दृष्टिकोण पलायन की स्थिति है। हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। हमें लड़ना चाहिए तभी हम अपने अस्तित्व को एक ठोस धरातल दे पाएँगे।
(ख) बुलबुल भी यह चाहती है कि वह उल्लू क्यों न हुई!
उत्तर
इसका अभिप्राय है कि हमें अपने से अधिक दूसरे अच्छे लगते हैं। हम दूसरे से प्रभावित होकर वैसा बनना चाहते हैं। हम स्वयं को नहीं देखते हैं। अपने गुणों पर हमारा ध्यान ही नहीं जाता है।
(ग) मैं परिवर्तन के परिणामों को देखने का आदी था, परिवर्तन की प्रक्रिया को नहीं।
उत्तर
लेखक कहता है कि मेरे सामने बहुत बदलाव हुए। मैंने उन बदलावों से हुए परिणाम देखें। अर्थात यह देखा कि बदलाव हुआ, तो उसका लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा। इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि जब बदलाव हो रहे तो वह क्यों और कैसे हो रहे थे? इस प्रक्रिया पर मेरा कभी ध्यान ही नहीं गया।
(घ) जो पुराना है, अब वह लौटकर आ नहीं सकता।
उत्तर
जो समय बीत गया है, उसे हम लौटाकर नहीं ला सकते हैं। जो चला गया, वह चला गया।