अभिमन्यु Class 7 Hindi Summary Bal Mahabharat
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अभिमन्यु Class 7 Hindi Summary Bal Mahabharat
द्रोणाचार्य के देखते-देखते ही अभिमन्यु ने चक्रव्यूह तोड़ दिया और वह अंदर प्रवेश कर गया। वह कौरव-दल को नष्ट करते हुए आगे बढ़ रहा था। जिस स्थान से अभिमन्यु ने चक्रव्यूह में प्रवेश किया था वहाँ से जब पांडव तथा उनकी सेना प्रवेश करने लगी तो जयद्रथ अपनी सेना के साथ उन पर टूट पड़ा और उसने उन्हें चक्रव्यूह में प्रवेश करने से रोक दिया। अभिमन्यु अंदर अकेला रह गया। अभिमन्यु ने भयंकर युद्ध किया। उसके हाथों से दुर्योधन का पुत्र लक्ष्मण मारा गया। यह देखकर दुर्योधन ने अभिमन्यु का अभी वध करने का आदेश दिया।
इस आदेश को पाते ही द्रोण, अश्वत्थामा, वृहदबल, कृतवर्मा आदि छह महारथी अभिमन्यु पर टूट पड़े। कर्ण ने दुर्योधन की सलाह पर अभिमन्यु के घोड़ों की रास काट डाली और उस पर पीछे से वार किया। अभिमन्यु के घोड़े व सारथी मारे गए। उसका धनुष कट गया। वह टूटे हुए रथ का पहिया उठाकर ही घुमाकर भयानक युद्ध करता रहा। तभी दुःशासन के पुत्र ने घायल अभिमन्यु के सिर पर गदा से प्रहार किया तो वह वहीं गिर कर मर गया।
इस आदेश को पाते ही द्रोण, अश्वत्थामा, वृहदबल, कृतवर्मा आदि छह महारथी अभिमन्यु पर टूट पड़े। कर्ण ने दुर्योधन की सलाह पर अभिमन्यु के घोड़ों की रास काट डाली और उस पर पीछे से वार किया। अभिमन्यु के घोड़े व सारथी मारे गए। उसका धनुष कट गया। वह टूटे हुए रथ का पहिया उठाकर ही घुमाकर भयानक युद्ध करता रहा। तभी दुःशासन के पुत्र ने घायल अभिमन्यु के सिर पर गदा से प्रहार किया तो वह वहीं गिर कर मर गया।
संशप्तकों को हराकर शिविर में पहुँचते ही अर्जुन को अभिमन्यु के वध का समाचार मिला तो वह बिलख पड़ा।श्रीकृष्ण ने उसे समझाकर शांत किया। युधिष्ठिर ने अर्जुन और श्रीकृष्ण को अभिमन्यु के वध की पूरी बात बताई। यह सब सुनकर अर्जुन ने प्रतिज्ञा की जयद्रथ का कल सूर्यास्त होने से पहले वध करके रहूँगा। अर्जुन की प्रतिज्ञा सुनकर जयद्रथ भयभीत हो उठा| वह दुर्योधन से अपने देश लौट जाने की आज्ञा लेने गया परंतु दुर्योधन ने उसे पूरी रक्षा का वचन देकर जाने से रोक दिया।
अगले दिन के युद्ध में व्यूह रचना करते समय द्रोणाचार्य ने जयद्रथ को युद्ध के मैदान से बारह मील दूर भूरिश्रवा, कर्ण, अश्वत्थामा, शल्य, वृषसेन आदि महारथियों और उनकी सेना के साथ रखा। अर्जुन आते ही भोजों की सेना पर टूट पड़ा फिर कृतवर्मा और सुदक्षिण को हराकर श्रुतायुध पर टूट पड़ा। श्रुतायुध अपनी ही गदा से मर गया। तब अर्जुन ने भोजराज को अपने बाणों से मार दिया। कौरव-सेना को मारता हुआ अर्जुन जयद्रथ के निकट पहुँच गया। जयद्रथ की रक्षा में लगे आठ महारथी अर्जुन का मुकाबला करने लगे।
शब्दार्थ -
• नियत - निश्चित
• जी तोड़ - पूरी तरह से
• समता - समानता
• अनुकरण - पीछे-पीछे चलना
• कूच करना - चले जाना
• आर्त स्वर - दुःखी स्वर
• रास - लगाम
• प्राण पखेरू उड़ना - मृत्यु हो जाना
• जनार्दन - श्रीकृष्ण
• अभेद्य - जिसे भेदा न जा सके
• निःशंक - शंका रहित
• काम तमाम करना - मृत्यु प्रदान करना।