राजदूत संजय Class 7 Hindi Summary Bal Mahabharat
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राजदूत संजय Class 7 Hindi Summary Bal Mahabharat
उपप्लव्य नगर में रहते हुए पांडवों ने अपने मित्रों के सहयोग से सात अक्षौहिणी सेना एकत्र कर ली। वहीं कौरवों ने भी अपने मित्र राजाओं से मिलकर ग्यारह अक्षौहिणी सेना इकट्ठी कर ली। दूत ने महाराज धृतराष्ट्र से कहा कि युधिष्ठिर लड़ना नहीं चाहते। वे समझौते के अनुसार अपना हिस्सा चाहते हैं। भीष्म ने दूत के कथन का समर्थन किया किन्तु कर्ण ने विरोध करते हुए हुए कहा कि पांडव अज्ञातवास की अवधि समाप्त होने से पहले ही पहचाने गए हैं। अत: उनको पुन: बारह वर्ष के लिए वनवास में जाना होगा। इस पर भीष्म को बहुत क्रोध आ गया और उन्होंने कर्ण को चुप रहने के लिए कहा तथा युधिष्ठिर का प्रस्ताव मानने पर बल दिया अन्यथा युद्ध में उन्होंने दुर्योधन आदि सभी की मृत्यु की बात कही।
इस सब को सुनकर धृतराष्ट्र ने संजय को दूत बनाकर पांडवों को युद्ध न करने के लिए समझाने के लिए उपप्लव्य भेजा। संजय ने उपप्लव्य पहुँचकर युधिष्ठिर को महाराज धृतराष्ट्र का संदेश दिया कि वे युद्ध नहीं करना चाहते| युधिष्ठिर ने कहा कि हमें तो अपना राज्य मिलना चाहिए। हम श्रीकृष्ण की सलाह का पालन करेंगे। श्रीकृष्ण ने कहा कि मैं स्वयं हस्तिनापुर जाकर संधि की बात करूँगा। युधिष्ठिर ने संजय को कहा कि वे महाराज धृतराष्ट्र को जाकर कह दें कि यदि वे पाँचों भाइयों को एक-एक गाँव भी दे देंगे तो वे इसी से संतुष्ट हो जाएँगे।
संजय ने हस्तिनापुर जाकर युधिष्ठिर का संदेश दिया। भीष्म युधिष्ठिर की ओर से दुर्योधन को समझाते हैं। दुर्योधन ने संधि की बात को नकारते हुए कहा कि पांडव हमारी ग्यारह अक्षौहिणी सेना से डरकर ही पाँच गाँव पर आ गए हैं। मैं सुई की नोक के बराबर जमीन भी देने को तैयार नहीं हूँ। अब तो सारे फैसले युद्धभूमि में ही होंगे।
संजय के उपप्लव्य से चले जाने के बाद युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण को बताया कि उसे आशा नहीं कि कौरव पाँच गाँव भी देने के लिए तैयार होंगे। आप क्या कहते हैं? श्रीकृष्ण एक बार स्वयं हस्तिनापुर जाकर उन्हें समझाने का प्रयास करना चाहते हैं, जिससे युद्ध टाला जा सके। श्रीकृष्ण हस्तिनापुर के लिए चल पड़े।
शब्दार्थ -
• एकत्र करना - इकट्ठा करना
• यथाविधि - विधिपूर्वक
• हितचिंतक - भलाई चाहने वाले
• दर्प - घमंड
• डपोरशंख - मात्र डींगें मारने वाला
• संतप्त - दुःखी
• स्वत्वों - अपनों को
• चेष्टा - प्रयास