Extra Questions for Class 10 Sparsh Chapter 10 बड़े भाई साहब Hindi
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Extra Questions for Class 10 Sparsh Chapter 10 बड़े भाई साहब Hindi
1. लेखक कमरे में आकर क्यों डर जाता था?
उत्तर
लेखक के बड़े भाई बहुत अनुशासनप्रिय थे। उसे लगता था कि कमरे में जाकर जैसे ही बड़े भाई का सामना होगा वह उससे सवाल-जवाब करेंगे, अभी तक कहाँ थे इस बारे में भी पूछेंगें और डाँटेंगे। इन्हीं कारणों से वह कमरे में आकर डर जाता था।
2. लेखक को किस चीज़ में खुशी मिलती थी?
उत्तर
लेखक को खेलने-कूदने और घूमने-फिरने में बहुत खुशी मिलती थी। इसी कारण मौका पाते ही वह होस्टल से बाहर आ जाता था। कभी कंकरियाँ उछालता, कभी तितलियाँ उड़ाता और कहीं कोई साथी मिल जाता तो खूब मटरगश्ती करता।
3. लेखक डाँट सुनने के बाद क्या करता था?
उत्तर
बड़े भाई की डाँट सुनने के बाद लेखक की आँखों में आँसू आ जाते थे। वह भविष्य में गलती को न दोहराने का संकल्प लेता था। फटाफट टाइम-टेबल बनाने लगता था।
4. लेखक को क्या काम पहाड़ लगता था?
उत्तर
लेखक को एक घंटा भी किताब लेकर बैठना पहाड़ लगता था। उसका पढ़ाई में बिलकुल मन नहीं लगता था। उसकी रुचि खेलों तथा मनोरंजक गतिविधियों में अधिक रहती थी।
5. शैतान का क्या हाल हुआ और क्यों?
उत्तर
शैतान को अपने ऊपर यह अभिमान हो गया था कि वही ईश्वर का सबसे बड़ा भक्त है। इस अभिमान के कारण उसे स्वर्ग से नरक में धकेल दिया गया था। उसका अंत बहुत बुरा हुआ।
6. लेखक टाइम-टेबल पर अमल क्यों नहीं कर पाता था?
उत्तर
लेखक बड़े भाई की डाँट सुनने के बाद एक ऐसा टाइम-टेबल बनाता था जिसमें खेलने-कूदने तथा अन्य किसी मनोरंजन का समय बिलकुल नहीं रहता। इसी कारण वह उस पर अमल नहीं कर पाता था।
7. अंग्रेज़ी भाषा के विषय में बड़े भाई साहब के क्या विचार थे?
उत्तर
अंग्रेज़ी के बारे में बड़े भाई साहब कहते थे कि इसे पढ़ना कोई हँसी-खेल नहीं है। अंग्रेज़ी पढ़ने के लिए रात-दिन आँखें फोड़नी पड़ती हैं। कोई भी ऐरा-गैरा अंग्रेज़ी नहीं पढ़ सकता। बड़े-बड़े विद्वान भी शुद्ध अंग्रेज़ी नहीं लिख पाते। अंग्रेज़ी पढ़ने-समझने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है।
8. इस पाठ द्वारा हमारी शिक्षा पद्धति की कौन-सी कमी की जानकारी मिलती है?
उत्तर
इस पाठ के द्वारा हमें शिक्षा व्यवस्था में फैले रटंत विद्या के दोषों को पता चलता है जो चीज़ों को सिखाने से ज़्यादा रटाने पर ज़ोर देती है| शिक्षा में व्यवहारिक ज्ञान के बजाय रटने वाली पद्धति को बढ़ावा देने से छात्रों की सिखने की प्रवृत्ति में कमी आती है|
9. लेखक की स्वच्छंदता का परिणाम क्या हुआ?
उत्तर
लेखक के स्वच्छंद होने से उसने पढ़ना-लिखना बिलकुल छोड़ दिया और खेल-कूद में समय व्यतीत करने लगा| उसने भाई के बड़े भाषणों और फटकारों की भी अवहेलना शुरू कर दी| भाई के अनुशासन और नसीहतों को मानना भी छोड़ दिया।
10. निराशा के बादल फटने पर क्या होता?
उत्तर
बड़े भाई की फटकार सुनकर लेखक का मन निराश हो जाता था परन्तु जब निराशा समाप्त हो जाती थी तो वह मन में दृढ़ निश्चय करता कि वह लगनपूर्वक पढ़ाई करेगा। इसके लिए वह एक टाइम-टेबल तैयार करता जिसके अनुसार पढ़ाई कर सके।
11. लेखक के अनुसार बड़े भाई की रचनाओं को समझना छोटा मुँह बड़ी बात थी| कैसे?
उत्तर
बड़े भाई स्वाभाव से अध्ययनशील थे| वे हमेशा किताब खोले बैठे रहते कभीकभी एक ही नाम या शब्द या वाक्य दस-बीस बार लिख डालते। कभी एक शेर को बार-बार सुंदर अक्षरों में नकल करते। कभी ऐसी शब्द-रचना करते, जिसमें न कोई अर्थ होता, न कोई सामंजस्य। लेखक ने बहुत प्रयत्न किया की वह इन सबका मतलब निकाल सकें परन्तु वे असफल रहते| बड़े भाई नौवीं जमात में थे और लेखक पाँचवीं में। उनकी रचनाओं को समझना मेरे लिए छोटा मुँह बड़ी बात थी। इसमें व्यंग्य है चूँकि बड़े भाई साहब कक्षा में अनुत्तीर्ण होते थे|
12. बड़े भाई साहब को अपने मन की बात क्यों दबानी पड़ती थी ?
उत्तर
बड़े भाई छोटे भाई से पाँच साल बड़े थे| वे माता-पिता और परिवार से दूर हॉस्टल में रहते थे। बड़े भाई साहब का भी मन खेलने, पतंग उड़ाने और तमाशे देखने का करता था परन्तु वे सोचते थे की अगर वो बड़े होकर मनमानी करेंगे तो छोटे भाई को गलत रास्ते पर जाने से कैसे रोकेंगे। छोटे भाई का ध्यान रखना वे अपना कर्तव्य मानते थे इसीलिए उन्हें अपनी इच्छाए दबनी पड़ती थी।