Objective Questions for Class 10 Sparsh Chapter 4 मनुष्यता Hindi
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Chapter 3 बिहारी के दोहे Objective Questions for Class 10 Sparsh Hindi
I. विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी,
मरो परन्तु यों मरो कि याद जो करे सभी।
हुई न यों सु-मृत्यु तो वृथा मरे, वृथा जिए,
मरा नहीं वहीं कि जो जिया न आपके लिए।
वही पशु-प्रवृत्ति है कि आप आप ही चरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
उसी उदार की कथा सरस्वती बखानती,
उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती।
उसी उदार की सदा सजीव कीर्ति कूजती,
तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती।
अखंड आत्म भाव जो असीम विश्व में भरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
1. कवि ने 'सुमृत्यु' किसे कहा है?
(a) शुभ दिन में मृत्यु
(b) बिना डरे मृत्यु
(c) सब याद करें ऐसी मृत्यु
(d) भगवान को याद करते हुए मृत्यु
► (c) सब याद करें ऐसी मृत्यु
2. पशुप्रवृत्ति है
(a) अपना भरण पोषण
(b) अपने परिवार का भरण पोषण
(c) अपने झुंड में रहना
(d) चुपचाप चरते रहना
► (a) अपना भरण पोषण
3. कवि किसे मनुष्य मानता है?
(a) जो परोपकारी हो
(b) जो वीर और साहसी हो
(c) जो दूसरों के लिए जीवन दे दे
(d) जो प्रसिद्ध हो
► (a) जो परोपकारी हो
4. उदार से क्या अभिप्राय है?
(a) स्वच्छंद और स्वतंत्र
(b) कृपालु और सहनशील
(c) दानशील और सहृदय
(d) दयालु और आज्ञाकारी
► (c) दानशील और सहृदय
5. अखंड आत्म भाव का आशय है
(a) संपूर्ण एकता और आत्मीयता
(b) ऐसी आत्मा जिसे तोड़ा न जा सके
(c) सांप्रदायिकता की भावना
(d) भिन्नता का अनुभव करना
► (a) संपूर्ण एकता और आत्मीयता
II. क्षुदार्त रंतिदेव ने दिया करस्थ थाल भी,
तथा दधीचि ने दिया परार्थ अस्थिजाल भी।
उशीनर क्षितीश ने स्वमांस दान भी किया,
सहर्ष वीर कर्ण ने शरीर-चर्म भी दिया।
अनित्य देह के लिए अनादि जीव क्या डरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
1. कवि के अनुसार सच्चा मनुष्य कौन है?
(a) जो मनुष्य के कल्याण के लिए मरता और जीता है
(b) जो मनुष्य केवल अपने लिए जीता है
(c) जो मनुष्य दूसरों का हित न कर सके
(d) जो मनुष्य दूसरों की निंदा करता रहे
► (a) जो मनुष्य के कल्याण के लिए मरता और जीता है
2. रंतिदेव ने कौन-सा दुर्लभ कार्य किया है?
(a) रंतिदेव राजा ने अपनी सारी संपत्ति दान में दे दी
(b) रंतिदेव राजा ने दुष्टों का संहार किया
(c) स्वयं भूख से पीड़ित होने पर भोजन का थाल भिक्षु को सौंप दिया
(d) उपर्युक्त सभी
► (c) स्वयं भूख से पीड़ित होने पर भोजन का थाल भिक्षु को सौंप दिया
3. दधीचि को किसलिए याद किया जाता है?
(a) क्योंकि उन्होंने राक्षसों का संहार किया
(b) क्योंकि वे दानवीर थे
(c) क्योंकि वे एक प्रसिद्ध ऋषि हुए हैं
(d) क्योंकि उन्होंने अपनी हड्डियाँ असुरों के संहार के लिए देवताओं को दान दे दी थी
► (d) क्योंकि उन्होंने अपनी हड्डियाँ असुरों के संहार के लिए देवताओं को दान दे दी थी
4. 'अनित्य देह के लिए अनादि जीव क्या डरे', से क्या तात्पर्य है?
(a) देह अर्थात शरीर नित्य है और आत्मा अनित्य तो मुत्य से क्या डरना|
(b) नश्वर शरीर के लिए अमर जीव नहीं डरता है।
(c) हमारा शरीर नष्ट न होने वाला है तो हमें डर किस बात का
(d) उपर्युक्त सभी
► (b) नश्वर शरीर के लिए अमर जीव नहीं डरता है।
5. अपना माँस किस राजा ने दान दिया था?
(a) राजा रंतिदेव ने
(b) दधीचि ने
(c) कर्ण ने
(d) उशीनर के राजा ने
► (d) उशीनर के राजा ने
III. रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में
सन्त जन आपको करो न गर्व चित्त में
अन्त को हैं यहाँ त्रिलोकनाथ साथ में
दयालु दीन बन्धु के बडे विशाल हाथ हैं
अतीव भाग्यहीन हैं अंधेर भाव जो भरे
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
1. मनुष्य को किसका घमंड भूलकर भी नहीं करना चाहिए?
(a) धन-दौलत
(b) पढ़ाई
(c) शक्ति
(d) गरीबी
► (a) धन-दौलत
2. कविता के अनुसार भाग्यहीन कौन है?
(a) जो अधीर हो
(b) जो धन-दौलत से भरपूर हो
(c) जो खुद को सर्वोच्च समझो
(d) जो गरीबों को धिक्कारता हो
► (a) जो अधीर हो
3. कविता के अनुसार किसके हाथ विशाल हैं?
(a) अकेले मनुष्य के
(b) धनी व्यक्ति के
(c) मदांध व्यक्ति के
(d) ईश्वर के
► (d) ईश्वर के
4. सच्चा मनुष्य कौन है?
(a) जो स्वयं को सर्वोच्च समझे
(b) जो धनी हो
(c) जो परमार्थ में अपने प्राण भी दे दे
(d) जो ईश्वर पर विश्वास न करे
► (c) जो परमार्थ में अपने प्राण भी दे दे
5. यहाँ कोई अनाथ नहीं हैं, क्योंकि
(a) सबके माता-पिता जीवित हैं
(b) सरकार सबका ध्यान रखती है
(c) त्रिलोकीनाथ नामक व्यक्ति सबके साथ है
(d) ईश्वर सबकी सहायता करता है
► (d) ईश्वर सबकी सहायता करता है
IV. चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए¸
विपत्ति विप्र जो पड़ें उन्हें ढकेलते हुए।
घटे न हेल मेल हाँ¸ बढ़े न भिन्नता कभी¸
अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी।
तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तरे¸
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
1. हमें अपने इच्छित मार्ग पर कैसे चलना चाहिए?
(a) प्रसन्नतापूर्वक
(b) दुखपूर्वक
(c) चिंतित होकर
(d) क्रोधपूर्वक
► (a) प्रसन्नतापूर्वक
2. किससे हेलमेल नहीं घटना चाहिए?
(a) मित्रों से
(b) मनुष्यों से
(c) शत्रुओं से
(d) स्त्रियों से
► (b) मनुष्यों से
3. भाई-चारे की भावना से-
(a) आपसी वैमनस्य दूर होता है
(b) आपसी वैमनस्य बढ़ता है
(c) आपस में लोग नहीं मिलते
(d) इनमें से कोई नहीं
► (a) आपसी वैमनस्य दूर होता है
4. “तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तरे' का आशय है
(a) व्यक्ति दूसरों का कल्याण करे
(b) व्यक्ति में अकल्याण की भावना हो
(c) व्यक्ति को भलाई करना चाहिए
(d) तीनों में से कोई नहीं
► (a) व्यक्ति दूसरों का कल्याण करे
5. 'अतर्क एक पंथ' से अभिप्राय है
(a) अतर्क एक रास्ता है
(b) तर्क नहीं करना मूर्खता है
(c) एकता की राह विवाद रहित है
(d) तर्क करने से एकता बढ़ती है
► (c) एकता की राह विवाद रहित है
सही/गलत करें-
1. जो व्यक्ति दूसरों के लिए जीता है, उसका मरना भी कोई महत्व नहीं रखता|
2. उदार व्यक्ति अखंड आत्मीय भाव असीम विश्व में भरता है|
3. भूख से व्याकुल रंतिदेव ने माँगने पर अपना माँस दान में दे दिया|
4. देवताओं को बचाने के लिए रंतिदेव ने अपनी हड्डियों को व्रज बनाने के लिए दिया।
5. सहानुभूति, उपकार और करुणा की भावना मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी है|
उत्तर
1. गलत, जो व्यक्ति केवल अपने लिए जीता है, उसका मरना भी कोई महत्व नहीं रखता|
2. सही|
3. गलत, भूख से व्याकुल रंतिदेव ने माँगने पर अपना भोजन का थाल भी दे दिया|
4. गलत, देवताओं को बचाने के लिए दधीचि ने अपनी हड्डियों को व्रज बनाने के लिए दिया।
5. सही|