Extra Questions for Class 9 स्पर्श Chapter 11 आदमी नामा - नज़ीर अकबराबादी Hindi
Chapter 11 आदमी नामा Sparsh Extra Questions for Class 9 Hindi
प्रश्न 1. 'तेग मारना' से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
'तेग मारना' से अभिप्राय है जानलेवा हमला करना।
प्रश्न 2. 'टुकड़े चबाने से क्या अभिप्राय है?
उत्तर
इसका अर्थ है कि मनुष्य इतना दरिद्र है कि उसे सूखी रोटियाँ खानी पड़ती हैं। ऐसे व्यक्तियों को दो जून खाने को भी नहीं मिलता।
प्रश्न 3. नजीर अकबरावादी को और किन-किन नामों से जाना जाता है?
उत्तर
नजीर अकबरावादी को अकबरावादी, नजीर अकबर, अकबर नजीर आदि नामों से भी जाना जाता है।
प्रश्न 4. आदमी नामा कविता अनुसार आदमी किन कुकृत्यों से बुरा कहलाता है?
उत्तर
आदमी लोगों की जूतियाँ चुराकर, किसी की जान लेकर तथा किसी की इज्ज़त उतारकर वह बुरा कहलाता है।
प्रश्न 5. 'मुफ़लिस-ओ-गदा' का तात्पर्य बताइए।
उत्तर
गरीब भिखारी।
प्रश्न 6. धर्म के लिए मनुष्य क्या करता है?
उत्तर
धर्म के लिए मनुष्य मसजिद बनवाता है। वह इमाम बनता है तथा कुरान की व्याख्या करता है ।
प्रश्न 7. कवि नजीर अकबरावादी ने मुफलिस शब्द का प्रयोग समाज के किस वर्ग के लिए किया है?
उत्तर
मुफलिस शब्द गरीब वर्ग के लिए प्रयोग किया गया है।
प्रश्न 8. संसार में कैसे लोग पाए जाते हैं?
उत्तर
उत्तर-संसार में शरीफ़ व कमीने लोग भी पाए जाते हैं। यही शिष्य और गुरु भी होते हैं। आदमी ही राजा तथा वज़ीर होते हैं।
प्रश्न 9. 'इमाम' तथा 'खुतबाख्वाँ' में अंतर बताइए ।
उत्तर
‘इमाम' नमाज़ पढ़ाने का कार्य करने वाले को कहते हैं, जबकि 'खुतबाख्वाँ' कुरान शरीफ़ का अर्थ बताने वाला होता है।
प्रश्न 10. 'कारे दिलपज़ीर' का अर्थ बताइए ।
उत्तर
'कारे दिलपज़ीर' का अर्थ है-दिल को लुभाने वाले काम ।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. अच्छे आदमी क्या क्या कार्य करते हैं?
उत्तर
अच्छे आदमी संकट में फँसे व्यक्ति की सहायता करते हैं। वे दूसरे पर जान न्योछावर करते हैं। संसार में अच्छे काम करने वाले व्यक्ति भी होते हैं।
प्रश्न 2. अंशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर
ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर
-इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर
इस दुनिया में अच्छे काम करने वाले सज्जन पुरुष और दूसरों को सताने वाला कमीना से कमीना व्यक्ति भी आदमी ही है। दूसरों पर राज करने वाला राजा और मंत्री भी आदमी ही है। दूसरों को दुख पहुँचाने और दूसरों को सुख देने वाले दोनों ही तरह के लोग आदमी ही हैं।
प्रश्न 3. बुरे स्वभाव का व्यक्ति क्या-क्या कार्य करता है?
उत्तर
बुरे स्वभाव का व्यक्ति दूसरे के टुकड़ों पर पलता है; वह चोरी करता है; दूसरे की इज़्ज़त उतारता है तथा जान से मारने पर उतारू हो जाता है।
प्रश्न 4. 'आदमीनामा' कविता में कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर
यह एक नज़्म है। इसमें कवि ने आदमी के विभिन्न रूप बताए हैं। संसार में अमीर-गरीब, राजा - वज़ीर, मालदार-दरिद्र आदि सभी प्रकार के व्यक्ति हैं। आदमी ही मसजिद बनवाता है तथा वहाँ जूते चुराने वाला भी व्यक्ति ही होता है। आदमी ही सहायता करता है तथा आदमी ही अपमान करता है। आदमी अपने भाग्य तथा कर्म के अनुसार अलग-अलग होते हैं। दुखी होकर आदमी ही सहायता के लिए पुकार लगाता है और उसकी सहायता के लिए जो दौड़ा आता है, वह भी आदमी ही। आदमी ही धर्मात्मा है तथा वही चोर भी। वह अच्छा भी है तथा बुरा भी।
प्रश्न 5. आदमी अच्छा और बुरा कब कहलाता है? आदमीनामा काव्य के आधार पर लिखिए।
उत्तर
कर्मों के आधार पर ही आदमी अच्छा और बुरा कहलाता है। जब वह अच्छे कर्म करता है तो अच्छा आदमी और बुरे कर्म करने वाला बुरा आदमी कहलाता है।
प्रश्न 6. आदमीनामा कविता में कवि का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर
कवि के मुख्य उद्देश्य निम्न है-
- आदमी को उसकी अच्छाइयों, बुराइयों, सीमाओं व सम्भावनाओं से परिचित करवाना।
- आदमी को उसकी स्वाभाविक विविधता से परिचित करवाना।
- आदमी को उसकी असलियत का आईना दिखाना।
प्रश्न 7. 'आदमीनामा' कविता में कवि ने आदमी के स्वभाव की किस विचित्रता को दर्शाया है?
उत्तर
कवि ने आदमी के स्वभाव की विचित्रता को दर्शाया है। आदमी मित्र भी है तथा शत्रु भी, वह किसी पर अपनी जान न्योछावर करता है तो वह दूसरे की जान भी ले लेता है। आदमी ही दूसरे की इज़्ज़त उतारता है।
निबंधात्मक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. आदमी नामा कविता का कौन-सा अंश आपको अच्छा लगा और क्यों?
उत्तर
- यां’ आदमी पै जान को वारे है आदमी
- और आदमी पै तैग को मारे है आदमी
- पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी।
- चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी।
- और सुनके दौड़ता है सो है वो भी आदमी।
मुझे ये पंक्तियाँ इसलिये अच्छी लगी क्योंकि इसमें दूसरे के लिये अपनी जान न्यौछावर करने वाली भावना है तो वही तलवारी चलाकर दूसरे की जान ले लेने वाला भी आदमी है। इन पंक्तियों में एक आदमी के मुसीबत में पड़ने पर दूसरे आदमी को सहायता के लिये पुकारने पर आदमी परोपकार की भावना से भर दूसरे आदमी की सहायता करने के लिये दौड़ पड़ता है।
प्रश्न 2. नज़ीर की रचनाएँ जीवन के उल्लास व सच्चाई को उजागर करती हैं- स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर
नज़ीर दुनिया के रंग में रंगे हुए एक महाकवि थे। इनकी कविताओं में दुनिया हँसती- बोलती, जीती-जागती, चलती-फिरती और जीवन का त्योहार मनाती नज़र आती है। ये अपनी रचनाओं में मनोविनोद करते हैं। हँसी-ठिठोली करते हैं। ज्ञानी की तरह नहीं, मित्र की तरह सलाह-मशविरा देते हैं, जीवन की समालोचना करते हैं। 'सब ठाठ पड़ा रह जाएगा, जब लाद चलेगा बंजारा' जैसी नसीहत देने वाला यह कवि अपनी रचनाओं में जीवन का उल्लास व जीवन की सच्चाई उजागर करता है।
प्रश्न 3. नज़ीर अकबराबादी ने आदमी के चरित्र की विविधता को किस तरह उभारा है? आदमी नामा कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
कवि नज़ीर अकबराबादी ने ‘आदमी नामा’ कविता में आदमी के चरित्र को उसके स्वभाव और कार्य के आधार पर उभारा है। उनका कहना है कि दुनिया में लोगों पर शासन करने वाला आदमी है, तो गरीब, दीन-दुखी और दरिद्र भी आदमी है। धनी और मालदार लोग आदमी हैं तो कमजोर व्यक्ति भी आदमी है। स्वादिष्ट पदार्थ खाने वाला आदमी है तो दूसरों के सूखे टुकड़े चबाने वाला भी आदमी है। इसी प्रकार दूसरों पर अपनी जान न्योछावर करनेवाला आदमी है तो किसी पर तलवार उठाने वाला भी आदमी है। एक आदमी अपने कार्यों से पीर बन जाता है तो दूसरा शैतान बन जाता है। इस तरह कवि ने आदमी के चरित्र की विविधता को उभारा है।