Extra Questions for Class 9 स्पर्श Chapter 13 गीत-अगीत - रामधारी सिंह दिनकर Hindi

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Extra Questions for Class 9 स्पर्श Chapter 13 गीत-अगीत - रामधारी सिंह दिनकर Hindi

Chapter 9 गीत - अगीत Sparsh Extra Questions for Class 9 Hindi

 अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. तटिनी के बारे में कवि क्या कहता है?

उत्तर

कवि बताता है कि नदी अत्यंत तीव्र गति से बहती है। उसके बहने में ऐसा स्वर सुनाई देता है मानो वह प्रेम गीत गा रही हो। वह किनारों से मन की बात कहकर अपने दिल का बोझ हल्का कर लेती है।


प्रश्न 2. निर्झरी कौन है?

उत्तर

निर्झरी नदी या झरना है।


प्रश्न 3. पाटल कौन है? वह किस अवस्था में है?

उत्तर

पाटल गुलाब है तथा वह मौन अवस्था में तट पर खड़ा हुआ है।


प्रश्न 4. शुकी किस अवस्था में बैठी हुई है?

उत्तर

शुकी ने अपने पंख फुला रखे हैं और वह घोंसले में रखे अंडों को सेने का काम कर रही है।


प्रश्न 5. प्रेयसी गीत को सुनकर क्या विचार करती है?

उत्तर

प्रेमी द्वारा गाए जा रहे गीत को सुनकर प्रेयसी विचार करती है कि ईश्वर ने उसे इस गीत की एक कड़ी क्यों नहीं बनाया? उसे भी इस गीत का हिस्सा होना चाहिए था।


प्रश्न 6. गीत और अगीत में कौन सुंदर है?

उत्तर

गीत और अगीत में अगीत सुंदर है, क्योंकि वह गीत का आधार है । वह गाया नहीं जाता, परंतु गीत को भावनाओं की शक्ति वही देता है। गीत गाया जाने के कारण सुंदर होता है, परंतु उसकी नींव अगीत ही होता है।


लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. शुक और शुकी पेड़ पर क्या करते हैं? कवि क्या कहना चाहता है ?

उत्तर

शुक पेड़ की घनी डाल पर बैठा सूरज की सतरंगी किरणों का स्पर्श पाकर मधुर गीत गाता है तथा घोंसले में बैठी शुक शुक का गीत सुनकर प्रसन्न होती है। प्रेम में मग्न हो वह अंडों पर पंखों को फैलाकर उन्हें सेने लगती है। कवि कहना चाहता है कि पशु-पक्षियों में भी प्रेम एवं वात्सल्य की अनुभूति होती है।


प्रश्न 2. नदी और गुलाब क्या कर रहे हैं? कविता के आधार पर बताइए ।

उत्तर

नदी अपने तटों से विरह की बात कर रही है। वह अपने कष्टों की बात तटों से सुनकर अपने मन को हल्का कर लेती है। दूसरी तरफ गुलाब अकेला खड़ा है। वह सोच रहा है कि यदि ईश्वर ने उसे स्वर दिया होता तो वह भी अपने मन की बात संसार को बता सकता था।


प्रश्न 3. नदी-तट पर खड़े गुलाब की मनोदशा क्या है?

उत्तर

नदी-तट पर खड़ा गुलाब यह सोचता है कि यदि ईश्वर ने उसे भी बोलने के लिए स्वर प्रदान किया होता तो वह भी अपने पतझर के सपनों के गीत संसार को सुना देता । स्वर न होने के कारण वह अपनी भावनाएँ व्यक्त नहीं कर सकता।


प्रश्न 4. 'गीत-अगीत' कविता में कवि की दुविधा क्या है? उसने अपनी दुविधा को किन उदाहरणों के माध्यम से अभिव्यक्त किया है?

उत्तर

‘गीत-अगीत' कविता में कवि की दुविधा है कि अपनी वेदना को मन-ही-मन अनुभव करना ठीक है या उसे प्रकट करना। वह निम्न उदाहरणों से अपनी दुविधा व्यक्त करता है-
नदी और किनारा, निर्झरी और गुलाब, शुक और शुकी, विरही गायक और उसकी राधा।


प्रश्न 5. कवि ने 'अगीत' को गीत के समान महत्त्व क्यों दिया है?

उत्तर

कवि गीत को भावनाओं का प्रकटीकरण मानता है। इसमें भावनाओं का महत्त्व शब्दों से अधिक है। शब्द बाह्य है, भावना अन्दरूनी। बाह्य अलंकरण मात्र होता है। शब्द उमड़ने से पहले जो भावनाएँ हृदय में होती हैं, उन्हीं का महत्त्व होता है। ये भावनाएँ हर मनुष्य में होती हैं। शब्दों के माध्यम से प्रकटीकरण सभी नहीं कर पाते। हृदय में उमड़ने वाली भावनाएँ किसी गीत से कम नहीं होतीं। अतः 'अगीत' का महत्त्व गीत के समान ही है।


प्रश्न 6. प्रकृति के साथ पशु-पक्षियों के संबंधों के बारे में स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर

प्रकृति के साथ पशु-पक्षियों के संबंधों के बारे में निम्नलिखित स्पष्टीकरण हैं-

  1. प्रकृति का श्रृंगार पशु-पक्षी हैं और प्रकृति इनका शृंगार है।
  2. प्रकृति की सुषमा को देखकर ही पशु-पक्षी मस्त होते हैं।
  3. ये प्रकृति को अपने सुरों से संगीतमयी बनाते हैं।
  4. प्रकृति के हर रूप के साथ रहकर पशु-पक्षी अपना स्नेह दर्शाते हैं।
  5. पशु-पक्षी प्रकृति की सफाई करके पर्यावरण को शुद्ध भी करते हैं।


प्रश्न 7. 'गीत-अगीत' कविता में कवि क्या कहना चाहता है?

उत्तर

इस कविता में कवि ने गीत-अगीत में अंतर स्पष्ट किया है। गीत वह होता है, जिसे स्वर दिया जा सके तथा स्वर न पाने वाले को अगीत कहा जाता है। कवि ने प्रकृति, पक्षियों तथा मानवों का उदाहरण देकर यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि जो भावनाएँ व्यक्त नहीं हो पातीं, उनका महत्त्व कम नहीं होता। वे दूसरे की प्रेरणा का स्रोत बनती हैं।


प्रश्न 8. मनुष्य प्रकृति के किस रूप से आंदोलित होता है?

उत्तर

मनुष्य प्रकृति के अनेक रूपों से आंदोलित होता है, जो निम्नलिखित हैं-

  1. प्रकृति का मोहक व शांत वातावरण उसे शांति प्रदान करता है ।
  2. प्रात:कालीन सूर्य से उसे उल्लास व स्फूर्ति प्राप्त होती है ।
  3. घुमड़ते बादलों को देखकर मनुष्य प्रसन्न होता है। उसमें आशा का संचार होता है।
  4. मनुष्य को प्रकृति अपने साथ हँसती रोती जान पड़ती है।


प्रश्न 9. गीत-अगीत में अंतर को स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर

गीत व अगीत—दोनों ही के भाव सौंदर्यपूर्ण, ममता व प्रेम से परिपूर्ण हैं। प्रेमी की पुकार सुनकर प्रेमिका खिंची चली आती है और नीम की छाया में छिपकर उसका गीत सुनती है। गाने में लीन प्रेमी और सुनने में लीन प्रेमिका । एक शब्दों से अपना प्रेम प्रकट करता है तो दूसरा मौन रहकर गाया जाने वाला गीत है और मौन रहकर प्रेम की अभिव्यक्ति अगीत है। दोनों ही अत्यन्त सुंदर हैं।

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