Extra Questions for Class 9 स्पर्श Chapter 8 शुक्रतारे के समान - स्वामी आनंद Hindi
Chapter 8 शुक्रतारे के समान Sparsh Extra Questions for Class 9 Hindi
प्रश्न 1. महादेव जी के सम्पर्क में आने वाले व्यक्ति उनके विषय में क्या सोचते थे?
उत्तर
महादेव जी के सम्पर्क में आने वाले व्यक्ति उनकी निर्मल प्रतिभा और मनोहारी स्वभाव के कायल हो जाते थे।
प्रश्न 2. हार्नीमैन कौन थे? उन्हें देश निकाले की सजा क्यों दी गई ?
उत्तर
हार्नीमैन ‘बंबई क्रॉनिकल' अखबार के संपादक थे। वे अंग्रेज़ सरकार पर तीखी टिप्पणियाँ करते थे। उनकी निडरता व कटु आलोचना के कारण उन्हें 'देश - निकाला' सजा देकर इंग्लैंड भेज दिया गया।
प्रश्न 3. महादेव भाई ने वकालत किसके साथ पढ़ी? यह पेशा उन्होंने क्यों छोड़ दिया?
उत्तर
महादेव भाई ने अपने मित्र नरहरि भाई के साथ वकालत पढ़ी। उन्होंने यह पेशा इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि इसमें झूठ को सच बनाना होता था। जबकि उनके संस्कार साहित्यिक थे।
प्रश्न 4. आकाश में चमकता तेजस्वी तारा किसे कहा गया है?
उत्तर
आकाश में चमकता तेजस्वी तारा शुक्रतारे को कहा गया है।
प्रश्न 5. महादेव जी मित्रों के बीच अपना परिचय किस प्रकार देते थे?
उत्तर
महादेव जी अपना परिचय गांधीजी का 'हम्माल' और उनके 'पीर - बावर्ची भिश्ती - खर' के रूप में देते थे।
प्रश्न 6. महादेव की गाँधीजी के बिना कल्पना क्यों नहीं हो सकती ?
उत्तर
महादेव का जीवन व उनके सारे कामकाज गांधीजी के साथ एकरूप हो गए थे। यही कारण है कि उन्हें गांधीजी से अलग करने की कल्पना नहीं की जा सकती थी।
प्रश्न 7. महादेव को साहित्यिक लेखन का समय न मिलने का क्या कारण था?
उत्तर
महादेव साहित्यिक लेखन के लिए समय इसलिए नहीं निकाल सके, क्योंकि वे गांधीजी के साथ स्वतंत्रता आन्दोलन में जुट गए। वे गांधीजी के लेखन कार्य को समय देने लग गए।
प्रश्न 8. नक्षत्र मंडल के शुक्रतारे को 'कलगी रूप तारा' क्यों कहा गया है?
उत्तर
शुक्रतारे को ‘कलगी रूप तारा' कहा जाता है, क्योंकि वह कलगी के समान चमकता है।
प्रश्न 9. लोग किन अत्याचारों की कहानियाँ किसको सुनाते थे? क्यों?
उत्तर
जलियाँवाला बाग कांड के बाद अंग्रेज़ों ने बेइंतहा जुल्म जनता पर किए । जनता उनके जुल्मों की कहानियाँ महात्मा गाँधी को सुनाती थी।
प्रश्न 10. 'आँखों में तेल डालकर देखना' से क्या तात्पर्य है?
उत्तर
इस मुहावरे का अर्थ है - पैनी दृष्टि से जाँच-पड़ताल करना, गांधीजी की हर बात पर दृष्टि रखना और उनके काम में कमियाँ खोजना।
प्रश्न 11. महादेव भाई सबके लाड़ले किस प्रकार बन गए?
उत्तर
गांधीजी के समुचित मार्गदर्शन, बेजोड़ लेखनकला तथा शत्रु के खिलाफ भी विनययुक्त विवाद करने की शिक्षा ने समाचार-पत्रों की दुनिया में महादेव भाई को सबका लाड़ला बना दिया।
प्रश्न 12. गांधीजी से मुलाकात करने के लिए कौन-कौन आते थे?
उत्तर
गांधीजी से मिलने के लिए बड़े-बड़े देशी-विदेशी राजपुरुष, राजनीतिज्ञ, प्रसिद्ध समाचार-पत्रों के प्रतिनिधि, पादरी, ग्रंथकार, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के संचालक आदि आते थे।
प्रश्न 13. महादेव की डायरी में कमी क्यों नहीं मिलती थी?
उत्तर
महादेव को तेज गति से बिना गलती किए लंबी चर्चा को कागज पर लिखने का अभ्यास था। इसी कारण उनकी डायरी में कमी नहीं मिलती थी।
प्रश्न 14. बिहार व उत्तर प्रदेश के मैदान किससे बने हैं?
उत्तर
बिहार और उत्तर प्रदेश के हजारों मील लंबे मैदान गंगा, यमुना तथा अन्य दूसरी नदियों के परम उपकारी गाद से बने हैं।
प्रश्न 15. महादेव पीड़ितों के लिए क्या कार्य करते थे?
उत्तर
महादेव जी पीड़ितों की बातों की संक्षिप्त टिप्पणियाँ तैयार करके उन्हें गाँधीजी के समक्ष पेश करते थे तथा उनके साथ प्रत्यक्ष मुलाकात भी करवाते थे।
प्रश्न 16. गांधीजी से मुलाकात करने वाले वार्तालाप को किस प्रकार लिखते थे?
उत्तर
गांधीजी से मुलाकात करने वाले वार्तालाप को 'शॉर्टहैंड' में लिखते थे।
प्रश्न 17. 'सोने की कीमत वाले गाद' से लेखक का क्या तात्पर्य है?
उत्तर
'सोने की कीमत वाले गाद' से लेखक का तात्पर्य है - उपजाऊ जमीन । गंगा-यमुना के मैदान में पर्याप्त फसल उगती है, इसीलिए इसे सोने की कीमत वाला गाद कहा गया है।
प्रश्न 1. लेखक ने महादेव की तुलना उत्तर प्रदेश व बिहार के मैदानों से क्यों की?
उत्तर
लेखक ने महादेव की तुलना बिहार व उत्तर प्रदेश के मैदानों से इसलिए की है, क्योंकि महादेव का जीवन व व्यवहार बेहद सरल है। उनके व्यवहार से किसी को ठेस नहीं लगती।
प्रश्न 2. शुक्रतारे के विषय में लेखक क्या बताता है ?
उत्तर
लेखक का मत है कि शुक्र को चंद्र का साथी माना गया है। उसकी आभा - प्रभा के वर्णन में संसार के कवि थकते नहीं। इस तारे को सुबह या शाम को एक-दो घंटे के लिए देखा जाता है।
प्रश्न 3. गांधीजी के जीवन में महादेव का क्या स्थान रहा?
उत्तर
गांधीजी के जीवन में महादेव समा गए थे। वे उनके हृदय में रच-बस गए थे। महादेव की मृत्यु के बाद भी गांधीजी उन्हें भूल नहीं पाए थे। महादेव गांधीजी के सभी कार्यों को निष्ठा के साथ पूरा करते थे। इसी कारण महादेव की मृत्यु के बाद भी गाँधीजी 'प्यारेलाल' को 'महादेव' के नाम से अकसर संबोधित करते थे।
प्रश्न 4. क्रॉनिकल में जगह की तंगी का क्या कारण था ?
उत्तर
‘बॉम्बे क्रॉनिकल' अखबार में गांधीजी ब्रिटिश राज के जुल्मों व लोगों की समस्याओं के बारे में लिखते थे। ये लेख इतने अधिक होते थे कि इस मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक में जगह की कमी रहती थी।
प्रश्न 5. महादेव के किन्हीं दो गुणों को बताइए ।
उत्तर
महादेव देसाई के प्रमुख गुण निम्नलिखित थे-
- उनकी प्रथम श्रेणी की शिष्ट, संस्कार सम्पन्न भाषा और मनोहर लेखन शैली ।
- उनका शिष्ट व शालीन व्यवहार।
प्रश्न 6. महादेव भाई की लेखन शैली की क्या विशेषता थी?
उत्तर
प्रथम श्रेणी की शिष्ट, संस्कार संपन्न भाषा और मनोहारी लेखन शैली की ईश्वरीय देन महादेव को मिली थी। यद्यपि गाँधीजी के पास पहुँचने के बाद घमासान लड़ाइयों, आंदोलनों और समाचार-पत्रों की चर्चाओं के भीड़-भरे प्रसंगों के बीच केवल साहित्यिक गतिविधियों के लिए उन्हें कभी समय नहीं मिला, फिर भी गाँधीजी की आत्मकथा 'सत्य के प्रयोग' का अंग्रेज़ी अनुवाद उन्होंने किया, जो 'नवजीवन' में प्रकाशित होने वाले मूल गुजराती की तरह हर हफ्ते 'यंग इंडिया' में छपता रहा।
प्रश्न 7. महादेव भाई अपना अध्ययन कैसे करते थे?
उत्तर
महादेव भाई साहित्यिक पुस्तकों की तरह ही वर्तमान राजनीतिक प्रवाहों और घटनाओं से संबंधित अद्यतन जानकारी वाली पुस्तकें भी पढ़ते रहते थे। हिंदुस्तान से संबंधित देश-विदेश की ताजी से ताजी राजनीतिक गतिविधियों और चर्चाओं की नई-से-नई जानकारी उनके पास मिल सकती थी। सभाओं में, कमेटियों की बैठकों में या दौड़ती रेलगाड़ियों के डिब्बों में ऊपर की बर्थ पर बैठकर, ठूंस-ठूंसकर भरे अपने बड़े-बड़े झोलों में रखे ताजे - से-ताजे समाचार-पत्र, मासिक - पत्र और पुस्तकें वे पढ़ते रहते अथवा 'यंग इंडिया' और 'नवजीवन' के लिए लेख लिखते रहते।
प्रश्न 8. शुक्र तारे के समान किसे बताया गया और क्यों?
उत्तर
शुक्र तारे के समान महादेव भाई देसाई को बताया गया है, जो गाँधी जी के परम सहयोगी थे। आकाश के तारों में शुक्र का कोई जोड़ नहीं। शुक्र, चन्द्र का साथी। जिस प्रकार शुक्र तारा नक्षत्र मण्डल में ऐन शाम या सवेरे घण्टे दो घण्टे दिखता है, पर अपनी आभा-प्रभा से आकाश को जगमगा देता है, उसी प्रकार महादेव भाई आधुनिक भारत की स्वतन्त्रता के उषाकाल में अपने स्वभाव व विद्वता से देश-दुनिया को मुग्ध करके अचानक अस्त हो गए।
प्रश्न 9. गांधीजी से मिलने कौन-कौन आता था?
उत्तर
बड़े-बड़े देशी-विदेशी राजपुरुष, देश-विदेश के अग्रगण्य समाचार-पत्रों के प्रतिनिधि, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के संचालक, पादरी, ग्रंथकार आदि गांधीजी से मिलने के लिए आते थे। ये लोग खुद या इनके साथी-संगी भी गांधीजी के साथ बातचीत को 'शॉर्टहैंड' में लिखा करते थे।
प्रश्न 10. विद्यार्थी अवस्था में महादेव भाई क्या करते थे? महादेव भाई की साहित्यिक गतिविधियों में क्या देन है?
उत्तर
महादेव भाई पहले सरकार के अनुवाद विभाग में नौकरी करते थे। 1917 में वे गाँधी जी के पास आए और उनके वैयक्तिक सहायक बन गए। महादेव भाई को शिष्ट सम्पन्न भाषा और मनोहारी लेखन शैली की ईश्वरीय देन मिली थी। गाँधी जी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ (मूल गुजराती) का अंग्रेजी अनुवाद महादेव भाई ने किया। टैगोर के नाटक ‘विदाई का अभिशाप’ और शरत बाबू की कहानियों का अनुवाद उनकीसाहित्यिक देन है।
प्रश्न 1. महादेव की साहित्यिक देन क्या है? ‘शुक्र तारे के समान’ पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर
प्रश्न 2. महादेव जी की दिनचर्या क्या थी?
उत्तर
महादेव जी लगातार चलने वाली यात्राओं, हर स्टेशन पर दर्शनों के लिए इकट्ठा हुई जनता के विशाल समुदायों, सभाओं, मुलाकातों, बैठकों, चर्चाओं और बातचीतों के बीच व्यस्त रहते थे। वे स्वयं कब खाते, कब नहाते, कब सोते या कब अपनी हाज़तें रफ़ा करते, किसी को इसका कोई पता नहीं चल पाता। वे एक घंटे में चार घंटों के काम निपटा देते। काम में रात और दिन के बीच कोई फ़र्क शायद ही कभी रहता हो । वे सूत भी बहुत सुंदर कातते थे। अपनी इतनी सारी व्यस्तताओं के बीच भी वे कातना कभी चूकते नहीं थे।
प्रश्न 3. 'यंग इंडिया' का कार्यभार गांधीजी के पास कैसे आया?
उत्तर
'क्रॉनिकल' के निडर अंग्रेज़ संपादक हार्नीमैन को सरकार ने देश निकाले की सज़ा देकर इंग्लैंड भेज दिया। उस समय मुंबई के तीन नए नेता थे-शंकर लाल बैंकर, उम्मर सोबानी और जमनादास द्वारकादास । इनमें अंतिम श्रीमती बेसेंट के अनुयायी थे। ये नेता 'यंग इंडिया' नाम का एक अंग्रेजी साप्ताहिक भी निकालते थे, लेकिन उसमें 'क्रॉनिकल' वाले हार्नीमैन ही मुख्य रूप से लिखते थे। उनको देश निकाला मिलने के बाद इन लोगों को हर हफ्ते साप्ताहिक के लिए लिखने वालों की कमी रहने लगी। ये नेता गांधीजी के प्रशंसक थे और उनके सत्याग्रह आंदोलन में बंबई (मुंबई) के बेजोड़ नेता भी थे। इन्होंने गांधीजी से विनती की कि वे 'यंग इंडिया' के संपादक बन जाएँ। गांधीजी को तो इसकी सख्त जरूरत थी ही। उन्होंने विनती तुरंत स्वीकार कर ली।
प्रश्न 4. उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वायसराय लम्बी साँस-उसाँस लेने लगते थे। शुक्र तारे के समान पाठ के आधार पर आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
भारत में उनके अक्षरों का कोई सानी नहीं था। वायसराय के नाम जाने वाले गाँधी जी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते थे। बड़े-बड़े सिविलियन और गर्वनर कहा करते थे कि सारी ब्रिटिश सर्विसों में महादेव के समान अक्षर लिखने वाला कहीं खोजने पर नहीं मिलता था। महादेव भाई गाँधी जी को जो पत्र लिखते थे, उनके पास ऐसा व्यक्ति देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वायसराय लम्बी साँस लेते थे, क्योंकि उनके पास सुन्दर अक्षर लिखने वाला कोई लेखक नहीं था।प्रश्न 5. बिहार और उत्तर प्रदेश के मैदानों की महादेव देसाई के व्यक्तित्व में क्या झलक मिलती थी ?
उत्तर
बिहार और उत्तर प्रदेश के हजारों मील लंबे मैदान गंगा, यमुना और दूसरी नदियों के परम उपकारी, सोने की कीमत वाले ‘गाद' के बने हैं। सौ-सौ कोस चलने पर भी रास्ते में सुपारी फोड़ने लायक एक पत्थर भी कहीं मिलेगा नहीं । इसी तरह महादेव के संपर्क में आने वाले किसी को भी ठेस या ठोकर की बात तो दूर रही, खुरदरी मिट्टी या कंकरी भी कभी चुभती नहीं थी। उनकी निर्मल प्रतिभा उनके संपर्क में आने वाले व्यक्ति को चंद्र शुक्र की प्रभा के साथ दूधों नहला देती थी। उसमें सराबोर होने वाले के मन से उनकी इस मोहिनी का नशा कई-कई दिनों तक उतरता न था।
प्रश्न 6. 'महादेव भाई देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारे की तरह अचानक अस्त हो गए' - आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
लेखक कहता है कि आकश में शुक्रतारा अपनी चमक व खूबसूरती के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है। यह अल्पकाल ही अस्त हो जाता है। इसी तरह महादेव भाई अपनी योग्यता, प्रतिभा व कार्यक्षमता से दुनिया में मशहूर थे। उनकी अकाल मृत्यु का कारण अत्यधिक कार्य - व्यस्तता थी। उनका लेखन अत्यंत सुंदर व त्रुटिरहित था। उनके लेखों की भाषा शिष्ट होती थी। वे सभी की सहायता करते थे। गांधीजी के बिना उनकी कल्पना नहीं की जा सकती। उनका हर क्षण व कार्य गांधीजी को समर्पित था। वे जो भी कार्य करते थे, वे सटीक व सुंदर होते थे। उनका व्यवहार प्रशंसनीय था। उनकी मृत्यु असमय हो गई।
प्रश्न 7. इस संस्मरण का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर
लेखक ने गांधीजी के निजी सचिव महादेव भाई देसाई की बेजोड़ प्रतिभा और व्यस्ततम दिनचर्या को उकेरा है। लेखक अपने इस रेखाचित्र के नायक के व्यक्तित्व और उसकी ऊर्जा, उनकी लगन और प्रतिभा से अभिभूत है । महादेव भाई की सरलता, सज्जनता, निष्ठा, समर्पण, लगन और निरभिमान को लेखक ने पूरी ईमानदारी से शब्दों में पिरोया है। लेखक के अनुसार कोई भी महान व्यक्ति, महानतम कार्य तभी कर पाता है, जब उसके साथ ऐसे सहयोगी हों जो उसकी तमाम इतर चिंताओं और उलझनों को अपने सिर ले लें। गांधीजी के लिए महादेव भाई और भाई प्यारेलाल जी ऐसी ही शख्सियत थे।