NCERT Solutions for Class 6th: पाठ 18- ईश्वरचंद्र विद्यासागर हिंदी दूर्वा भाग-I
प्रश्न 1. पढ़ो और बोलो।
(क) ईश्वरचंद विद्यासागर मिदनापुर युवक सूटकेस
स्टेशन पोशाक कुर्ता धोती धन्यवाद
शर्म भूल चप्पल जनाब माफी
समापन विद्वान समाज सुधारक सदा
मौजूद बैलगाड़ी इज्जत समझ स्वयं
उत्तर
छात्र स्वयं प्रयास करें।
(ख) प्रसिद्ध - मशहूर
माफी - क्षमा
पाठ - पाठक
सम्मान - आदर
खुद - स्वयं
विचार - विचारक
गुस्सा - क्रोध
अजीब - विचित्र
सुधार - सुधारक
उत्तर
छात्र स्वयं प्रयास करें।
2. तालिका में से शब्द चुनकर वाक्य बनाओं।
(क)
मैं |
आज |
बाजार |
गया |
|
कल |
स्कूल |
|
|
परसों |
अस्पताल |
|
|
|
चिड़ियाघर |
|
मैं |
आज |
बाजार |
गई |
|
कल |
स्कूल |
|
|
परसों |
अस्पताल |
|
|
|
चिड़ियाघर |
उत्तर
1. मैं आज स्कूल गया।
2. मैं कल बाजार गया।
3. मैं कल अस्पताल गई।
4. मैं परसों चिड़ियाघर गई।
(ख)
मैं |
आज |
बाजार |
गया था |
हम |
कल |
स्कूल |
|
तुम |
परसों |
अस्पताल |
|
आप |
|
चिड़ियाघर |
गए थे |
1. मैं आज स्कूल गया था।
2. हम कल बाजार गए थे।
3. तुम परसों अस्पताल गए थे।
3. नमूने के अनुसार शब्द बनाओ।
नमूना
- सुधार– सुधारक
1. प्रचार ____
2. विचार ____
3. उद्धार ____
उत्तर
1. प्रचार– प्रचारक
2. विचार– विचारक
3. उद्धार– उद्धारक
नमूना
- मेरा नाम विद्यासागर है।
- मैं विद्यासागर हूँ।
1. मेरा नाम मोहन है।
_______
2. मेरा नाम शीला है।
_______
3. मेरा नाम राघव है।
_______
4. मेरा नाम पीटर है।
_______
5. मेरा नाम साधना है।
_______
उत्तर
1. मैं मोहन हूँ।
2. मैं शीला हूँ।
3. मैं राघव हूँ।
4. मैं पीटर हूँ।
5. मैं साधना हूँ।
मैं |
आज |
बाजार |
गई थी |
हम |
कल |
स्कूल |
|
तुम |
परसों |
अस्पताल |
गई थी |
आप |
|
मंदिर |
|
उत्तर
1. मैं कल बाजार गई थी।
2. तुम परसों स्कूल गई थी।
6. नमूने के अनुसार कोष्ठक में से शब्द चुनकर वाक्य पूरे करो।
(क) नमूना
- राम कुर्सी पर _____है। (बैठा)
- राम कुर्सी पर बैठा है।
बैठा, बैठे, खड़े, लेटे, खड़ी
1. श्रीनिवास जी बिस्तर पर ____ है।
2. माता जी कार के पास ____ है।
3. बंदर छत पर ____ है।
4. कुछ बच्चें भी वहाँ ____ हैं।
5. तुम यहाँ क्यों ___ हो?
उत्तर
1. श्रीनिवास जी बिस्तर पर लेटे हैं।
2. माता जी कार के पास खड़ी हैं।
3. बंदर छत पर बैठे हैं।
4. कुछ बच्चें भी वहाँ बैठे हैं।
5. तुम यहाँ क्यों खड़े हो?
(ख) नमूना
- राघव अभी कमरे में बैठा है।
- राघव पहले से कमरें में बैठा था।
1. वूटन इस समय दरवाजे पर खड़ा है।
2. सना अभी कुर्सी पर बैठी है।
3. चंचल अभी चारपाई पर लेटा हैं।
4. अक्षय इस समय पेड़ के नीचे बैठा है।
5. घना अभी पेड़ के नीचे खड़ी है।
उत्तर
1.वूटन पहले से दरवाजे पर खड़ा था।
2. सना पहले से कुर्सी पर बैठी थी।
3. चंचल पहले से चारपाई पर लेटा हुआ था।
4. अक्षय पहले से पेड़ के नीचे बैठा था।
5. घना पहले से पेड़ के नीचे खड़ी थी।
(ग) नमूना
- गाड़ी प्लेटफार्म पर खड़ी होती है।
- गाड़ी प्लेटफार्म पर खड़ी हुई है।
1. फूलवाली वहाँ खड़ी होती हैं।
2. सब्जीवाला गली में खड़ा होता है।
3. दूधवाला दरवाजे पर खड़ा होता है।
4. बस गली में खड़ी होती है।
5. रूपा लाइन में खड़ी होती है।
उत्तर
1. फूलवाली वहाँ खड़ी हुई हैं।
2. सब्जीवाला गली में खड़ा हुआ हैं।
3. दूधवाला दरवाजे पर खड़ा हुआ हैं।
4. बस गली में खड़ी हुई हैं।
5. रूपा लाइन में खड़ी हुई है।
रविवार |
1 |
8 |
15 |
22 |
29 |
सोमवार |
2 |
9 |
16 |
23 |
30 |
मंगलवार |
3 |
10 |
17 |
24 |
31 |
बुधवार |
4 |
11 |
18 |
25 |
|
बृहस्पतिवार |
5 |
12 |
19 |
26 |
|
शुक्रवार |
6 |
13 |
20 |
27 |
|
शनिवार |
7 |
14 |
21 |
28 |
नमूना
- पंद्रह तारीख को ___ है।
- पंद्रह तारीख को रविवार है।
1. बीस तारीख को ____ है।
2. ____ को एक तारीख है।
3. पच्चीस तारीख को ____ है।
4. ____ को तीस तारीख है।
5. दूसरा शनिवार ____ तारीख को है।
उत्तर
1. बीस तारीख को सोमवार हैं।
2. बुधवार को एक तारीख है।
3. पच्चीस तारीख को शनिवार है।
4. वीरवार को तीस तारीख है।
5. दूसरा शनिवार ग्यारह तारीख को है।
8. प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
1. ईश्वरचन्द विद्यासागर कौन थे?
उत्तर
ईश्वरचंद विद्यासागर एक प्रसिद्ध समाज सुधारक थे। वे बंगाल के निवासी थे। वे बहुत विद्वान थे। उन्होंने समाज हित के लिए अनेक कार्यों में योगदान दिया।
उत्तर
स्टेशन पर एक भी कुली न देखकर युवक को बहुत गुस्सा आया और उसने कहा की यह कैसा अजीब स्टेशन है। यहाँ पर एक भी कुली नहीं है।
उत्तर
युवक को जब स्टेशन पर कोई भी कुली नहीं दिखा तो एक आदमी ने उसका सामान उठा लिया। उसका सामान उठाने वाले आदमी ईश्वरचंद विद्यासागर थे।
उत्तर
स्टेशन पर कोई भी कुली न होने के कारण एक आदमी ने युवक का सामान उठा लिया। जब उसने युवक का सामान उसकी जगह पर पहुंचा दिया तो युवक उसे पैसे देने लगा लेकिन आदमी ने मना करते हुए आदमी से कहा ‘मुझे पैसे नहीं चाहिए।’
उत्तर
जब आदमी ने पैसे लेने से मना कर दिया था तो युवक को समझ आ गया था की मुझे अपना काम स्वयं ही करना चाहिए था। इससे उसको यह सीख मिली की कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता है। अपना काम करने में कोई शर्म नहीं होती है।