Chapter 1 संसाधन एवं विकास Question Answer Class 10 Geography Hindi Medium

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Chapter 1 संसाधन एवं विकास Question Answer Class 10 Geography Hindi Medium

संसाधन एवं विकास Important Questions

अत्ति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. राष्ट्रीय वन नीति (1952) के अनुसार कितना प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र वनों के अन्तर्गत होना चाहिए।

उत्तर

33%


प्रश्न 2. प्राकृतिक संसाधन किसे कहते हैं ? इसके कोई दो उदाहरणलिखिए।

उत्तर

वह संसाधन जो हमें प्रकृति से प्राप्त होते हैं प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं।

उदाहरण – जल, वन इत्यादि।


प्रश्न 3. परती भूमि से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर

यह कृषि योग्य भूमि है जिस पर एक या इससे अधिक वर्ष तक खेती नहीं की गई है। यही खाली छोड़ी गई भूमि परती भूमि कहलाती है।


प्रश्न 4. आयु के आधार पर जलोढ़ मृदाएँ कितने प्रकार की होती हैं ?

उत्तर

आयु के आधार पर जलोढ़ मृदाएँ दो प्रकार की हैं :

  1. पुराना जलोढ़ (बांगर)
  2. नया जलोढ़ (खादर)


प्रश्न 4. उत्पत्ति के आधार पर दो संसाधनों के नाम लिखें।

उत्तर

दो संसाधनों के नाम:

  1. जैव संसाधन
  2. अजैव संसाधन


प्रश्न 5. नवीनीकरण संसाधन क्या है ? परिभाषा दीजिए।

उत्तर

वे संसाधन जिन्हें बार-बार पुनर्जीवित या पुन: उपयोग किया जा सकता है, नवीकरणीय संसाधन कहलाते हैं।

उदाहरण – जल, मिट्टी आदि।


प्रश्न 6. राजस्थान में किन ऊर्जा संसाधनों का बहुतायत है?

उत्तर

पवन और सौर ऊर्जा।


प्रश्न 7. भारत में अनेक प्रकार की मृदाए होने का क्या कारण है?

उत्तर

भारत में अनेक प्रकार के उच्चावच, भू-आकृतिया, जलवायु के कारण अनेक मृदाए विकसित हुई हैं।


प्रश्न 8. मृदा अपरदन क्या हैं?

उत्तर

मृदा के कटाव व उसके बहाव की प्रक्रिया को मृदा अपरदन कहते हैं।


प्रश्न 9. लाल मृदा का रंग लाल क्यों होता हैं?

उत्तर

लौह ऑक्साइड के कारण।


प्रश्न 10तीन राज्यों के नाम बताएँ काली मृदा पाई जाती है | इस पर मुख्य रूप से कौन सी फसल उगाई जाती है ?

उत्तर

महाराष्ट्र, गुजरात एवं मध्यप्रदेश में काली मृदा पायी जाती है। इस पर ज्यादातर कपास की खेती की जाती है।


लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाने चाहिए ?

उत्तर

पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपक्षय की रोकथाम के लिए निम्न कदम उठाए जाने चाहिए :-

  1. ढाल वाली जमीन पर समोच्च रेखाओं के समानातर हल चलने से ढाल की गति कम होती है । इसलिए ऐसे क्षेत्र में समोच्च जुताई को प्राथमिकता डी जाए।
  2. ढाल जमीन पर सोपान बनाए जाने चाहिए।
  3. फसलों के मध्य में घास की पट्टियाँ उगाकर भी मृदा अपक्षय कम किया जा सकता है, जिसे पट्टी कृषि कहते है।


प्रश्न 2. जैव और अजैव संसाधन क्या होते है ? कुछ उदाहरण दें |

उत्तर

जैव संसाधन: वे संसाधन जो जैव मंडल से उत्पन्न होते हैं, जैव संसाधन कहलाते है इनमें जीवन पाया जाता है |

जैसे - मानव, वनस्पति जगत, मत्स्य जीवन आदि।

अजैव संसाधन: ऐसे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से निर्मित होते है, अजैव संसाधन कहलाते है।

जैसे- जल, पवन, जीवाश्म ईंधन आदि।


प्रश्न 3. भारत में भूमि उपयोग प्रारुप का वर्णन करें | वर्ष 1960-61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई, इसका क्या कारण है ?

उत्तर

भारत में भूमि इस्तेमाल का निम्नलिखित प्रारूप पाया जाता है :

  1. भारत के कुल सूचित इलाकों के केवल 54% हिस्से पर ही खेती की जाती है | यदि देखा जाए तो बोये गए इलाकेला % भी सामान्यतया विभिन्न राज्यों में अलग- अलग है | उदहारण के तौर पर पंजाब और हरियाणा में जहाँ 80% भूमि पर खेती की जाती है, वहीं अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर एवं मिजोरम जैसे राज्यों में मात्र 10% भूमि पर ही खेती की जाती है।
  2. भारत का संपूर्ण भौगोलिक क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग कि.मी. है लेकिन इसके 93% भाग के ही भू प्रयोग आंकड़े उपलब्ध है।


प्रश्न 4. भारत में पाए जाने वाले संसाधनों का वर्णन कीजिए ?

उत्तर

क्रोमाइट ओडीशा व कर्नाटक, बॉक्साइट बिहार, मध्य प्रदेश एवं गुजरात, मैगनीज मध्य प्रदेश, ओडीशा व महाराष्ट्र तथा तांबा, सीसा एवं जिंक अयस्क बिहार और राजस्थान में पाये जाते हैं। गौण खनिजों (जिप्सम, स्टिएटाइट, रॉक-फॉस्फेट आदि) तथा बहुमूल्य पत्थरों के भंडार भी राजस्थान तक सीमित है।

 

प्रश्न 5. संभाव्य संसाधन किसे कहते हैं ? इसके कोई दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर

वे संसाधन जो किसी विशेष क्षेत्र में उपलब्ध तो हैं लेकिन उनका पूर्ण रूप से उपयोग नहीं किया गया है, संभाव्य संसाधन कहलाते हैं। उदाहरण- गुजरात, राजस्थान में सौर ऊर्जा और राजस्थान में पवन ऊर्जा।


प्रश्न 6. मृदा निर्माण के तीन कारकों की व्याख्या कीजिए|

उत्तर

मृदा एक जीवित तंत्र हैं जिसे बनने में लाखों वर्ष लग जाते हैं| यह सबसे महत्वपूर्ण नवीकरणीय योग्य प्राकृतिक संसाधन हैं|

  1. मृदा बनने की प्रक्रिया में तापमान परिवर्तन, बहते जल की क्रिया, पवन, हिमनदी और अपघटन क्रियाओ का भी योगदा रहता हैं|
  2. मृदा जैव व अजैव दोनों प्रकार से बनती हैं|
  3. सूखे क्षेत्रों की मृदा अधिक क्षारीय होती अहिं परन्तु सहीं उपचार और सिंचाई करके ही इनकी पैदावार में वृद्धि की जा सकती हैं|


प्रश्न 7. भूमि निम्नीकरण के क्या कारण हैं ? 

उत्तर

भूमि निम्नीकरण के कारण:

  • अनियंत्रित खनन।
  • अति पशु चारण की समस्या कई राज्यों में व्याप्त है।
  • बढ़ता औद्योगिकरण और उससे निकलते जहरीले पदार्थ।
  • वृक्षों की कटाई।
  • आधिक सिंचाई।


प्रश्न 8. पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाने चाहिए ? Most Important

उत्तर

पहाड़ी क्षेत्रों में मिट्टी के कटाव को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाने पड़ते हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  1. सीढ़ीदार कृषि
  2. समोच्च जुताई
  3. पट्टी कृषि
  4. पेड़ों को कतारों में लगाकर रक्षक पट्टी बनाना।


प्रश्न 9. मृदा निर्माण में कौन कौन से कारक उत्तरदायी हैं ? स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर

मृदा निर्माण में निम्नलिखित तत्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

  • शैल
  • जलवायु 
  • पेड़-पौधे 
  • अति चारण 
  • वर्षा


प्रश्न 10. भूमि संरक्षण के कुछ उपाए बताइए? 

उत्तर

भूमि संरक्षण (Soil Conservation) के कुछ उपाय निम्नलिखित है :

  • भूमि के अनुचित प्रयोग पर रोक।
  • वन (Forest) के कटाव पर रोक।
  • घास (Grass) एवं वनस्पतियों (Flora) के उगाने की व्यवस्था।
  • जल (Water) निकासी की पर्याप्त और समुचित व्यवस्था।
  • फसल चक्र (Crop Rotation) का प्रयोग और भूमि परीक्षण की व्यवस्था।


प्रश्न 11. उन पर्यावरणीय समस्याओं का वर्णन कीजिए जो संसाधनों के अति उपयोग से सामने आ सकती हैं ? 

उत्तर

संसाधनों के अति उपभोग से निम्नलिखित समस्या उत्पन्न हो सकती है।

  • मृदा अपरदन 
  • वैश्विक तापन
  • प्रदूषण
  • जलवायु परिवर्तन 
  • मरूस्थलीकरण
  • जैव-विविधता का अभाव 


प्रश्न 12. भारत में पाई जाने वाली मृदा के प्रकारों पर एक नोट लिखिए। 

उत्तर

भारत में पाई जाने वाली प्रमुख प्रकार की मिट्टी- जलोढ़ मिट्टी, लाल मिट्टी, काली मिट्टी, पहाड़ी मिट्टी, रेगिस्तानी मिट्टी, लवणीय और क्षारीय मिट्टी, लेटराइट मिट्टी और पीट मिट्टी। जलोढ़ मिट्टी- जलोढ़ मिट्टी नदी द्वारा लाए गए तलछट के जमाव से बनती है।


प्रश्न 13. जलोढ़ मृदा की विशेषताएँ लिखिए|

उत्तर

जलोढ़ मृदा की निम्नलिखित विशेषताएं:

  1. इसमें रेत, सिल्ट और मृतिका के विभिन्न अनुपात पाए जाते हैं|
  2. मृदाओ की पहचान कणों के आधार पर होती हैं|
  3. कणों के आकार के अतिरिक्त आयु के आधार पर जलोढ़ मृदा के दो प्रकार हैं- खादर और बांगर|


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. उत्त्पत्ति के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण कीजिए| संसाधन नियोजन की आवश्कता क्यों है?

उत्तर

उत्त्पति के आधार पर संसाधनों को दो वर्गों में बाँटा गया हैं:

  1. जैव संसाधन
  2. अजैव संसाधन 

(i) जैव संसाधन: वे संसाधन जो जीव मंडल से जीवन लिए जाते है तथा जो सजीव होते जिनमें जीवन है वे जैव संसाधन कहलाते है।

जैसे- मनुष्य , वनस्पति जात , प्राणिजात , मत्स्य जेवण , पशुधन आदि।

(ii) अजैव संसाधन: वे संसाधन जो निर्जाव होते है जिसमे जीवन नहीं होता वे अजीव संसाधन कहलाते है जैसे चट्टने और धातुएँ।

संसाधन नियोजन की आवश्कता:
संसाधन नियोजन आवश्यक है क्योंकि सभी स्थानों पर अलग-अलग प्रकार के संसाधन पाए जाते हैं | कहीं पर कुल संसाधन अधिक मात्रा में पाए जाते ही कही कुछ संसाधन पे नहीं जाता है यदि संसाधनों का नियोजन नहीं पे जनर वाले संसाधन उपलब्ध नहीं जाता है यादि संसाधनों का नियोजन नहीं होगा तो कुछ स्थानों के लोगों का वहाँ पर नहीं पाए जाने वाले संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाएँगे । यह हमारी भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी आवश्यक है।


प्रश्न 2. प्रौद्योगिक और आर्थिक विकास के कारण संसाधानों का अधिक उपभोग कैसे हुआ है ?

उत्तर

प्रौद्योगिकी और आर्थिक विकास के चलते संसाधनों का अति इस्तेमाल हुआ है जिसके निम्नलिखित कारण हैं:

  1. आर्थिक विकास कई प्रकार के नये संसाधनों का दोहन करने के लिए बाध्य करता है जिससे उनका अति दिन होता है ।
  2. जब किसी देश में प्रौद्योगिकी के विकास के परिणामस्वरूप आर्थिक विकास होता है तो वहाँ के लोगों के जीवन स्तर में वृद्धि होती है | इसके परिणामस्वरूप मानवीय आवश्यकताएँ बढ़ती है और संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होता है |
  3. चूंकि प्रौद्योगिकी और आर्थिक विकास आपस में अन्त: संबधित है, अत: इसके फलस्वरूप संसाधनों का अति इस्तेमाल होता है |


प्रश्न 3. संसाधनों का वर्गाकरण को लिखिए |

उत्तर

संसाधनों का वर्गाकरण कई प्रकार से किए गए हैं:

  1. उत्पति के आधार पर: जैव और अजैव |
  2. समाप्यता के आधार पर: नवीकरण योग्य और अनवीकरण योग्य |
  3. स्वामित्व के आधार पर: व्यकितगत, समुदायिक, राष्ट्रीय और अतंराष्ट्रीय |
  4. विकास के स्तर के आधार पर: संभावी, विक्सित, भंडार और संचित कोष |


प्रश्न 4. उत्पति तथा समाप्यता के आधार पर संसाधनों की व्याख्या लिखिए |

उत्तर

उत्पति के आधार पर संसाधनों की व्याख्या:

  • जैव संसाधन: वे संसाधन जो जीव मंडल से जीवन लिए जाते है तथा जो सजीव होते जिनमें जीवन है वे जैव संसाधन कहलाते है|
    जैसे- मनुष्य, वनस्पति जात, प्राणिजात, मत्स्य जेवण, पशुधन आदि |
  • अजैव संसाधन: वे संसाधन जो निर्जीव होते है जिसमे जीवन नहीं होता वे अजीव संसाधन कहलाते है|
    जैसे- चट्टने और धातुएँ |

समाप्यता के आधार पर संसाधनों की व्याख्या :-

  • नवीकरण योग्य: वे संसाधन जिन्हें पुन: उत्पन्न किया जा सकता है और ये कभी खत्म नहीं होते | ये संसाधन प्राकृतिक रूप से प्राप्त होते है |
    जैसे- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल वन व वन्य जीवन |
  • अनवीकरण योग्य: वे संसाधन जिन्हें बनने में लाखों-करोड़ों वर्ष लगते है ये दुबारा उत्पन्न नहीं किए जा सकते | कभी भी खत्म हो सकते है जैसे धातुएँ तथा जीवाश्म ईंधन |


प्रश्न 5. खादर एवं बांगर में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

खादर एवं बांगर में निम्नलिखित अंतर हैं:

खादर

  • नवीन जलोढ़ मृदा
  • अधिक बारीक व रेतीली
  • बार-बार नवीकरण संभव
  • नदी के पास डेल्टा तथा बाढ़ निर्मित मैदानों में पाई जाती है।

बांगर

  • प्राचीन जलोढ़ मृदा 
  • कंकड़ व कैल्शियम कार्बोनेट 
  • बार-बार नवीकरण नहीं। 
  • नदी से दूर ऊँचे स्तर पर पाई जाती है।


प्रश्न 6. प्रौद्योगिक और आर्थिक विकास के कारण संसाधनों का अधिक उपभोग कैसे हुआ ?

उत्तर

संसाधन हमें प्रकृति द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराये जाते हैं। लेकिन मनुष्य संसाधनों का दोहन कर रहा है। तकनीकी और आर्थिक विकास के कारण संसाधनों की अधिक खपत कैसे हुई, इसके कुछ कारण इस प्रकार हैं:

  1. प्रौद्योगिकी में वृद्धि के साथ हम संसाधनों का आसानी से और तेजी से दोहन कर सकते हैं।
  2. प्रौद्योगिकी के विकास के साथ हमें अधिक आराम की आवश्यकता होती है जिसके लिए अधिक संसाधनों की आवश्यकता होती है।
  3. विकास के साथ, हमें मानव शक्ति की तुलना में अधिक यांत्रिक शक्ति की आवश्यकता होती है जिसके कारण संसाधनों की अधिक खपत होती है।

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