Chapter 2 वन एवं वन्य जीव संसाधन Question Answer Class 10 Geography Hindi Medium
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वन एवं वन्य जीव संसाधन Important Questions
अत्ति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. प्रश्न 8 पारिस्थितिकी तंत्र क्या है ?
उत्तर
पौधों, जंतुओं और मानवों के अंर्तसंबंधों और अंतनिर्भरता के कारण बना जटिल भौतिक पर्यावरण।
प्रश्न 2. औपनिवेशिक काल में भारतीय वनों को होने वाले नुकसान का कोई एक कारण लिखिए ?
उत्तर
उपनिवेश काल में रेललाइन, कृषि, व्यवसाय, वैज्ञानिक, वानिकी और खनन क्रियाओं में वृद्धि।
प्रश्न 3. पौधे, पशु और सूक्ष्म जीव किनका पुनः सृजन करते हैं ?
उत्तर
हवा, पानी और मृदा का पौधे, पशु और सूक्ष्म जीव पुनः सृजन करते हैं।
प्रश्न 4. परिस्थितिकी तंत्र के उन प्राथमिक उत्पादकों का नाम लिखिए जिन पर दूसरे सभी जीव निर्भर करते हैं ?
उत्तर
हरे पौधे या वन।
प्रश्न 5. भारत में पाई जाने वाली कोई एक सुभेद्य जीव प्रजाति का नाम लिखिए ?
उत्तर
नीली भेड़ाएशियाई हाथी/गंगा नदी की डॉल्फिन इत्यादि।
प्रश्न 6. भारत में पाए जाने वाले किसी एक औषधीय पौधे का नाम लिखिए।
उत्तर
तुलसी, नीम, अर्जुन, जामुन, कचनार, बबूल इत्यादि
प्रश्न 7. राष्ट्रीय उद्यान क्या है ?
उत्तर
राष्ट्रीय उद्यान वह क्षेत्र है जो वन्यजीवों की सुरक्षा और आनंद के लिए राज्यों द्वारा संरक्षित है।
प्रश्न 8. पर्यावरणीय असंतुलन क्या है ?
उत्तर
पादप व जंतु प्रजातियों की कमी या ह्यस के कारण उत्पन्न संकट।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. आरक्षित वन किसे कहते हैं ? परिभाषित कीजिए।
उत्तर
आरक्षित वन ऐसे स्थायी वन क्षेत्र हैं जिनका रख-रखाव इमारती लकड़ी, अन्य वन पदार्थों और उनके बचाव के लिए किया जाता है।
प्रश्न 2. जैव विविधता से आप क्या समझते है ?
उत्तर
किसी क्षेत्र में बहुत सारे अलग-अलग पौधों और जानवरों की प्रजातियां पाई जाती है इसे ही हम जैव विविधता कहते हैं।
प्रश्न 3. भारत की जैवविविधता/पर्यावरणीय विनाश/निम्नीकरण हेतु कौन से तत्व उत्तरदायी हैं ?
उत्तर
- स्वतंत्रता पश्चात् कृषि विस्तार
- अधिक जनसंख्या
- नदी घाटी परियोजनाएं
- खनन
- अतिचारण और ईधन की लकड़ी का संग्रह
- संसाधनों तक असमान पहुँच व अन्यायपूर्ण उपभोग
- पर्यावास क्षति, अवैध शिकार, अति शोषण, विषाक्तता व वन अग्नि (दावानल)
- पर्यावरणीय प्रदूषण।
प्रश्न 4. वन संसाधनों के हृास के लिए चारा और ईधन आपूर्ति पूरी तरह उत्तरदायी क्यों नहीं है ?
उत्तर
वन संसाधनों के हृास के लिए चारा और ईधन आपूर्ति पूरी तरह उत्तरदायी क्यों नहीं है क्योंकि चारे और ईधन हेतु लकड़ी की आवश्यकता पूर्ति मुख्यतः पेड़ो की टहनियां काटकर की जाती है न कि पूरे पेड़ को काटकर।
प्रश्न 5. I.U.C.N. के अनुसार मौजूदा पादप और जंतु प्रजातियों को किन तीन श्रेणियों में बांटा गया है ? वर्णन कीजिए।
उत्तर
- सामान्य
- संकट ग्रस्त
- सुभेद्य
- दुर्लभ
- स्थानिक
- लुप्त (वर्णन सहित)
प्रश्न 6. भारत में विभिन्न समुदायों ने किस प्रकार वनों और वन्य जीव संरक्षण और रक्षण में योगदान किया विस्तारपूर्वक विवेचना करें |
उत्तर
- राजस्थान के विशनोई समुदाय के गावों में काले हिरण, चिंकारा, नीलगाय एवं मोरों का शिकार वर्जित है |
- टिहरी के किसानों द्वारा लिए गए "बीज बचाओं" आन्दोलन तथा नवदानय ने सिद्ध कर दिया कि रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग के बिना भी आर्थिक रूप से व्यवहार्य कृषि संभव है ।
- इसी प्रकार छोटा नागपुर क्षेत्र में मुंडा तह संथाल जनजातियों द्वारा महुए एवं कदंब के वृक्षों की पूजा ने वृक्ष संरक्षण प्रदान किया है |
प्रश्न 7. मानव किसी क्षेत्र के पारिस्थितिक तंत्र को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर
- वनस्पति व वन्यजीवन का उपयोग करके।
- मानव के लालच के कारण इन संसाधनों का अति उपयोग होने लगा है।
- पेड़ काटकर और जानवरों के शिकार द्वारा उन्हें मारकर वे पर्यावरणीय असंतुलन पैदा करते हैं।
- परिणामस्वरूप कुछ पादप और जंतु लुप्त होने के कगार पर हैं।
- हमारे पर्यावरण के प्रति असंवेदनाशीलता दिखाकर और सतत पोषणीय विकास के अभाव द्वारा।
प्रश्न 8. मानव और दूसरे जीवधारी किसका निर्माण करते हैं ?
उत्तर
मानव और दूसरे जीवधारी एक जटिल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं, जिसका हम मात्र एक हिस्सा हैं और अपने अस्तित्व के लिए इसके विभिन्न तत्त्वों पर निर्भर करते हैं।
प्रश्न 9. वनों के कोई चार लाभ लिखें।
उत्तर
- वन हमें लकड़ी देता है।
- वन जल चक्र बनाए रखता है
- वन ऑक्सीजन प्रदान करते हैं।
- वन औषधीय पौधे उपलब्ध कराते हैं।
प्रश्न 10. वन विभाग द्वारा कौन से तीन प्रकारों में वन एवं वन्य जीव संसाधनों को वर्गीकृत किया गया है ?
उत्तर
- आरक्षित वन
- रक्षित वन
- अवर्गीकृत वन (वर्णन सहित)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. जैव विविधता क्या है ? यह जीवन के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है ?
उत्तर
जैव विविधता से अभिप्राय पृथ्वी पर पाई जाने वाली विभिन्न वनस्पति एवं प्राणियों की प्रजातियों से है, जो प्राय: अपने कार्यों एवंम आधार पर भिन्न भिन्न होते है | जैव विविधता मानव जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण है | मानव तथा दुसरे अन्य जीवधारी एक जटिल पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करते है तथा हम अपने अस्तित्त्व को बनाए रखने के लिए इसके विभिन्न तत्वों पर परस्पर निर्भर करते है । अतः ये हमारे लिए विभिन्न प्रकार से महत्त्वपूर्ण सिद्ध होते है । उअहरण के लिए हवा, पानी तथा मिट्टी आदि जीवन यापन के लिए आवश्यक है वहीं पौधे, पशु तथा विभिन्न सुक्ष्मजीवी इनका पुन: सृजन करते है । इस प्रकार से परस्पर निर्भर है |
प्रश्न 2. ऐसे कुछ उपाय सुझाइए जिनसे हमारे वन्य जीवन को होने वाले अविवेकी ह्यस पर नियंत्रण पाया जा सके ?
उत्तर
- सरकार द्वारा प्रभावी, वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम।
- भारत सरकार ने लगभग चौदह जैव निचय (जैव संरक्षण स्थल) प्राणि-जात व पादप-जात, हेतु बनाए हैं।
- सन् 1992 से भारत सरकार द्वारा कई वनस्पति उद्यानों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता दी गई है।
- बाघ परियोजना, गैंडा परियोजना, ग्रेट इंडियन बर्टड परियोजना तथा कई अन्य ईको-विकासीय (पारिस्थितिक विकासीय) परियोजनायें शुरू की गई हैं।
- 89 राष्ट्रीय उद्यान, 490 वन्य जीव अभयारण्य तथा प्राणी उद्यान बनाये गये हैं।
- इन सबके अतिरिक्त हम सभी को हमारे प्राकृतिक पारिस्थितक व्यवस्था के महत्त्व को हमारी उत्तरजीविता के लिए समझना अति आवश्यक है।
प्रश्न 3. विस्तारपूर्वक बताएँ कि मानव क्रियाएँ किस प्रकार प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणिजात के ह्रास के कारक है ?
उत्तर
- बढ़ती खाघान्न जरूरतों की पपूर्ति हेतु पेड़ों की कटाई वन संसाधनों में कमी लिए एकं प्रमुख उत्तरदायी कारक रहा |
- अत्यधिक पशुचारण, ईंधन के लिए लकड़ी तथा संवर्द्धन वृक्षारोपण अर्थात् एकल वृक्ष जातियों के बड़े पैमाने पर रोपण ने भी वनस्पति विनाश में बड़ी भूमिका निभाई है |
- जंगलों की बर्बादी के लिए खनन क्रियाएँ भी काफी सीमा तक जिम्मेदार है |
- 1952 से बड़ी विकास परियोजनाओं के कारण भी 5000 वर्ग किमी. जंगलों को साफ़ करना पड़ता है ।
- इसके अतिरिक्त औपनिवेशिक काल में रेलवे लाइन, कृषि, वाणिज्य वानिकी और खनन क्रियाओं से जंगली को सर्वधिक क्षति पहुँची है ।
प्रश्न 4. वन और वन्य जीव संरक्षण में सहयोगी रीति रिवाजों के बारे में लिखिए |
उत्तर
भारत एक सांस्कृतिक विविधता वाला देश है जहाँ लोगों के अलग - अलग रीति रिवाज के द्वारा वह प्राय: कृ से अपनी निकटता को व्यक्त करता है | इन रिवाजों में जंगली जीवों से संबधित कुछ रीति रिवाज है जो वन एवं वन्य जीवों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है | राजस्थान का विश्नोई समाज खेजरी के पेड़ों, कलले हिरण, चिंकारा आदि के संरक्षण के लिए पुरे भारत में विख्यात है । इसी प्रकार बिहार के छोटा नागपुर क्षेत्र में मुंडा एवं संथाल जनजातियों द्वारा महुआ और कदंब के वृक्षों की पूजा व उड़ीसा तथा बिहार के छोटा में शादी के अवसर पर इमली तथा आम के वृक्षों की पूजा इनके संरक्षण में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही है | पुरे भारत में तुलसी के पौधें को पवित्र समझकर पूजा की जर्तिन है |
प्रश्न 5. वर्णन करें कि समुदायों ने भारत में वनों और वन्य जीवन को कैसे संरक्षित और सुरक्षित किया है।
उत्तर
भारत में कई पारंपरिक समुदाय अभी भी जंगलों में रहते हैं और वन उपज पर निर्भर हैं। ये समुदाय वनों के संरक्षण के लिए सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
उदाहरण निम्नलिखित हैं –
- राजस्थान के सरिस्का बाघ रिजर्व में ग्रामीणों ने खनन गतिविधियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
- राजस्थान के अलवर जिले में, पांच गांवों के स्थानीय समुदायों ने 1,200 हेक्टेयर वन भूमि पर अपने नियम और कानून निर्धारित किए हैं। उन्होंने इसका नाम भैरोदेव डाकव ‘सोनचुरी’ रखा है। इन ज़मीनों पर शिकार की अनुमति नहीं है और बाहरी अतिक्रमण निषिद्ध है।
- प्रसिद्ध चिपको आंदोलन वनों की कटाई को रोकने के लिए हिमालय क्षेत्र में शुरू किया गया था। स्थानीय समुदाय के लोगों ने बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया। स्वदेशी प्रजातियों की खेती और संरक्षण किया गया।
पर्यावरण की रक्षा में स्थानीय समुदायों को शामिल करने और वनों के क्षरण को रोकने से कई लाभ प्राप्त हुए हैं।