NCERT Solutions for Chapter 2 सत्ता के समकालीन केंद्र Class 12 Political Science
एन.सी.आर.टी. सॉलूशन्स for Chapter 2 सत्ता के समकालीन केंद्र Class 12 समकालीन विश्व राजनीति
अभ्यास
प्रश्न 1. तिथि के हिसाब से इन सबको क्रम दें-
(क) विश्व व्यापार संगठन में चीन का प्रवेश
(ख) यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना
(ग) यूरोपीय संघ की स्थापना
(घ) आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना
उत्तर
(ख) यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना
(घ) आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना
(ग) यूरोपीय संघ कि स्थापना
(क) विश्व व्यापार संगठन में चीन का प्रवेश
प्रश्न 2. आसियान वे या आसियान शैली क्या है?
(क) आसियान वेफ सदस्य देशों की जीवन शैली है
(ख) आसियान सदस्यों के अनौपचारिक और सहयोगपूर्ण कामकाज की शैली को कहा जाता है।
(ग) आसियान सदस्यों की रक्षानीति है।
(घ) सभी आसियान सदस्य देशों को जोड़ने वाली सड़क है।
उत्तर
(ख) आसियान सदस्यों के अनौपचारिक और सहयोगपूर्ण कामकाज की शैली को कहा जाता है।
प्रश्न 3. इनमें से किसने 'खुले द्वार' की नीति अपनाई?
(क) चीन
(ख) यूरोपीय संघ
(ग) जापान
(घ) अमरीका
उत्तर
(क) चीन
प्रश्न 4. खाली स्थान भरें-
(क) 1992 में भारत और चीन के बीच ____ और _____ को लेकर सीमावर्ती लड़ाई हुई थी।
(ख) आसियान क्षेत्रीय मंच के कामों में ____ और ____ करना शामिल है।
(ग) चीन ने 1972 में ____ के साथ दोतरफा संबंध शुरू करके अपना एकांतवास समाप्त किया।
(घ) _____ योजना के प्रभाव से 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना हुई ।
(ड.) _____ आसियान का एक स्तम्भ है जो इसके सदस्य देशों की सुरक्षा के मामले देखता है।
उत्तर
(क) 1962 में भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों और लद्दाख के अक्साई चिन क्षेत्र को लेकर सीमावर्ती लड़ाई हुई थीं ।
(ख) आसियान क्षेत्र के मंच के कामों में आर्थिक विकास को तेज करना और सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास प्राप्त करना शामिल हैं।
(ग) चीन ने 1972 में अमेरिका के साथ दोतरफा सम्बन्ध शुरू करके अपना एकांतवास समाप्त किया ।
(घ) मार्शल योजना के प्रभाव से 1948 यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना हुई ।
(ड) आसियान सुरक्षा समुदाय आसियान का एक स्तम्भ है जो इसके सदस्य देशों कि सुरक्षा के मामले देखता है।
प्रश्न 5. क्षेत्रीय संगठनों की स्थापना के उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर
इन क्षेत्रीय संगठनों के पीछे मुख्य उद्देश्य राजनीतिक और आर्थिक शक्ति के नए केंद्र बनाना है जो अमेरिका के प्रभुत्व को सीमित कर सकते हैं। कई संगठन और क्षेत्रीय शक्तियां, जो कि यूरोपीय संघ हैं और एशिया में विशेष रूप से एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) का उदय हुआ। ये संगठन विश्व राजनीति में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये संगठन अंतर्राष्ट्रीय शांति और सहयोग के लिए भी काम करते हैं जो इस समय दुनिया के लिए सबसे आवश्यक है। महाशक्तियों के कई युद्धों और वर्चस्व ने छोटे राष्ट्रों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया । विश्व राजनीति में अब मानवतावादी अधिकार सबसे बड़ा मुद्दा है।
प्रश्न 6. भौगोलिक निकटता क्षेत्रीय संगठनों के गठन को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर
क्षेत्रीय संगठनों के निर्माण में भौगोलिक विशेषताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्र जो एक दूसरे के करीब हैं वे एक संगठन बना सकते हैं ताकि वे उन पर बेहतर काम कर सकें। हम यूरोपीय संघ और आसियान के उदाहरण देख सकते हैं जो मूल रूप से राष्ट्र हैं जो सीमाओं में एक दूसरे के करीब हैं। यह दर्शाता है कि इन राष्ट्रों की प्रकृति एक दूसरे के समान है जो क्षेत्र में करीब हैं। इसलिए इन संगठनों में राष्ट्रों की भौगोलिक स्थिति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यूरोपीय संघ में आर्थिक, राजनीतिक और राजनयिक और सैन्य प्रभाव है। यह दुनिया की जीडीपी के साथ सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी है।
प्रश्न 7. आसियान विजन 2020 के घटक क्या हैं?
उत्तर
आसियान बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र संगठन में तेजी से बढ़ रहा है। आसियान की स्थापना 1967 में इस क्षेत्र के पांच देशों- इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड ने की थी। इसके विजन 2020 ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में आसियान के लिए एक बाहरी भूमिका को परिभाषित किया है। यह क्षेत्र में संघर्षों पर बातचीत की मौजूदा आसियान नीति को बनाता है। आसियान कंबोडियन संघर्ष, पूर्वी तिमोर संकट को भी समाप्त करता है और सालाना पूर्वी एशियाई सहयोग को पूरा करता है। हम कह सकते हैं कि आसियान एक विकासशील और बहुत ही सफल संगठन है।
प्रश्न 8. आसियान समुदाय के मुख्य स्तंभों और उनके उद्देश्यों को बताइए।
उत्तर
एसोसिएशन फॉर साउथ ईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) की स्थापना 1967 में पांच देशों द्वारा की गई थी। आसियान का मुख्य उद्देश्य सामाजिक प्रगति और सांस्कृतिक विकास के माध्यम से आर्थि विकास को आगे बढ़ना है। यह राष्ट्रों के बीच शांति और स्थिरता के लिए भी काम करता है। यह राष्ट्रों के बीच शांति और सहयोग का संबंध चाहता था ताकि यह इन राष्ट्रों में समृद्धि ला सके जो यूरोपीय राष्ट्रों की तरह बड़ी अर्थव्यवस्थाएं नहीं हैं। इन वर्षों में, 5 अन्य राष्ट्र भी आसियान में शामिल हुए, जिन्होंने इनकी ताकत को 10 तक बढ़ाया । आसियान समुदाय में तीन स्तंभ शामिल हैं, अर्थात्, आसियान सुरक्षा समुदाय, आसियान आर्थिक समुदाय और आसियान सामाजिक सांस्कृतिक समुदाय ।
प्रश्न 9. वर्तमान चीनी अर्थव्यवस्था किन तरीकों से अपनी नियंत्रित अर्थव्यवस्था से अलग है?
उत्तर
आर्थिक रूप से पिछड़े कम्युनिस्ट चीन पूंजीवादी दुनिया के साथ अपने संबंधों को गंभीर बनाना चाहते हैं। मॉडल, कृषि से संचित एक राज्य के स्वामित्व वाले भारी उद्योग क्षेत्र का निर्माण करना था। चीन ने घरेलू सामानों से आयात का विकल्प तय किया । यह मॉडल बड़े पैमाने पर औद्योगिक अर्थव्यवस्था की नींव स्थापित करने के लिए चीनी संसाधनों के उपयोग का नेतृत्व करता है। कुछ वर्षों के भीतर चीन इस प्रणाली द्वारा कई विकासशील देशों से आगे निकल गया। चीन ने अपने नागरिकों को शिक्षित करने और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया। कृषि ने उद्योग के लिए एक बड़ा अधिशेष भी उत्पन्न किया।
प्रश्न 10. यूरोपीय देशों ने अपनी द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की समस्या को कैसे हल किया? यूरोपीय संघ के गठन के लिए किए गए प्रयासों को संक्षेप में रेखांकित करें।
उत्तर
दूसरे विश्व युद्ध के कारण यूरोपीय राष्ट्रों में भारी विनाश हुआ। इन राष्ट्रों के बीच वैचारिक और समाजशास्त्रीय अंतर थे। इन कई मतभेदों को एक संगठन द्वारा हल करने की आवश्यकता थी जिसके कारण यूरोपीय संघ का गठन हुआ। सोवियत संघ के पतन ने यूरोप को तेजी से पटरी पर ला दिया और परिणामस्वरूप 1992 में यूरोपीय संघ की स्थापना हुई। इस प्रकार सामान्य विदेशी और सुरक्षा नीति, न्याय और घर के मामलों पर सहयोग और एकल मुद्रा के निर्माण के लिए एक नीव रखी गई थी। यूरोपीय संघ उन राष्ट्रों की रुप था, जिनकी आम संस्कृति और पहचान है।
प्रश्न 11. क्या चीजें यूरोपीय संघ को एक अत्यधिक प्रभावशाली क्षेत्रीय संगठन बनाती है?
उत्तर
यूरोपीय संघ उन महत्वपूर्ण देशों का एक समूह है जिनके पास सामान्य मुद्रा और विदेशी नीतियां हैं। यूरोपीय संघ का पूरी दुनिया में आर्थिक, कूटनीतिक, सैन्य और राजनीतिक प्रभाव है। यूरोपीय संघ सबसे बड़ा विश्व जीडीपी है। विश्व व्यापार में इसका हिस्सा हमसे तीन गुना बड़ा है, जो कि एकजुट देशों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली है। इसकी आर्थिक शक्ति अपने निकटतम पड़ोसियों के साथ- साथ एशिया और अफ्रीका को भी प्रभावित करती है। इसने कई स्तरों पर कई बार अमेरिका के वर्चस्व को चुनौती दी थी। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रों के बीच शांति और सहयोग को बढ़ावा देना है। इसने वैश्विक स्तर पर कई मुद्दों को हल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रश्न 12. चीन और भारत की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में एकध्रुवीय विश्व को चुनौती देने की काफी संभावनाएं हैं। क्या आप कथन से सहमत हैं?
उत्तर
हम आधुनिक दुनिया में चीन के उदय को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। नियमित रूप से और विश्व स्तर पर, चीन के साथ पुनर्मिलन के लिए आर्थिक शक्ति बन गई है। चीन की अर्थव्यवस्था का एकीकरण और विश्व राजनीति में चीन का वर्चस्व काफी स्पष्ट है। विश्व राजनीति में चीन के उदय का डर भी दिखाई दे रहा है। लैटिन अमेरिका और अफ्रीका में भारी निवेश ने इसे वैश्विक खिलाड़ी बना दिया। भारत की उभरती शक्ति विभिन्न स्तरों के माध्यम से काफी दिखाई देती है। 1998 में भारत के परमाणु परीक्षण, कभी-कभी चीन से खतरे के आधार पर उचित थे, इससे अधिक बातचीत बंद नहीं हुई। भारत के बढ़ते परिवहन व्यापार और व्यापार संबंधों ने अन्य देशों के लिए एक वैश्विक चिंता का विषय बना दिया। भारत और चीन की बढ़ती वैश्विक शक्ति में कई स्तरों पर एकध्रुवीय दुनिया को चुनौती देने की स्पष्ट क्षमता है।
प्रश्न 13. मुल्कों की शांति और स्त्रीदी क्षेत्रीय आर्थिक संगठनों को बनाने और मजबूत करने पर टिकी है । इस कथन की पुष्टि करें।
उत्तर
लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए विश्व में शांति एवं व्यवस्था का होना आवश्यक है। इसके साथ- साथ प्रत्येक देश का आर्थिक विकाश होना भी आवश्यक है। इन दोनों शर्तों को क्षेत्रीय आर्थिक संगठन बनाकर पूरा किया जा सकता है । इसीलिए कहा जाता है, कि विश्व शांति एवं समृद्धि के लिए क्षेत्रीय आर्थिक संगठन आवश्यक है | अतः अधिकांश महाद्वीपों में क्षेत्रीय आर्थिक संगठन बने हुए हैं, जैसे यूरोप में यूरोपीय संघ, एशिया में आशियाँ तथा सार्क| ए से संगठन सम्बंधित देशों के आर्थिक विकास को अधिक बढ़ावा देने तथा इन्हें युद्द से दूर रखते हैं, ताकि क्षेत्र एवं विश्व में शांति बनी रही ।
प्रश्न 14. भारत और चीन के बीच विवाद के मामलों की पहचान करें और बताएँ कि वृहत्तर सहयोग के लिए इन्हें वैफसे निपटाया जा सकता है। अपने सुझाव भी दीजिए।
उत्तर
भारत तथा चीन दो पड़ोसी देश है। दोनों देशों के मध्य ऐसे बहुत से मुद्दे है, जो दोनों देशो के संबंधो में तनाव भी पैदा करते है ।
- सीमा विवाद : भारत- चीन के बीच सबसे तनावपूर्ण मुद्दा सीमा विवाद है । 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ, उस समय चीन ने बहुत से भारतीय क्षेत्र पर अधिकार कर लिया, जिसे आज भी चीन अपना क्षेत्र बताता है।
- मैकमोहन रेखा : मैकमोहन रेखा वह रेखा है जो भारत तथा चीन के क्षेत्रो की सीमा निश्चित करती है यह रेखा 1914 में भारत- चीन तथा तिब्बत के प्रतिनिधियों के एक सम्मेलन द्वारा निश्चित की गयी थी । 1956 तक चीन ने मैकमोहन रेखा को स्वीकार करने से स्पष्ट इंकार कर दिया था, किन्तु 1956 के बाद चीन ने इस सीमा रेखा सम्बन्धी अपनी आपत्ति को प्रकट करना आरंभ क्र दिया था ।
- चीन का पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करना : चीन ने सैदेव पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति की है, जिनका प्रयोग पाकिस्तान भारत के विरुद करता है । इसके लिए भारत ने कई बार चीन से अपना विरुद जताया है।
- भारत द्वारा दलाई लामा को समर्थन देना : चीन को सैदेव इस बात पर आपत्ति रही है कि भारत दलाई लामा का समर्थन करता है । भारत और चीन के सहयोग के लिए सर्वप्रथम अपने सीमा विवाद को सुलझाना चाहिए। दोनों देशों को इस प्रकार का रास्ता निकालना चाहिए जो दोनों देशों को मंजूर हो। चीन को मैकमोहन रेखा के विषय में भारत से सहयोग करना चाहिए। चीन द्वारा पाकिस्तान को की गयी हथियारों की आपूर्ति भारत-चीन संबंधो में तनाव पैदा करती है । अतः चीन को पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति के समय सतर्क रहने की आवश्यकता है। दलाई लामा के विषय पर भी दोनों देशो को बातचीत द्वारा सर्वसमान्य उपाय निकालना चाहिए इन सभी उपायों द्वारा ही इस क्षेत्रो का विकास हो सकता है ।