Chapter 12 हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान Summary for Class 6 Hindi NCERT मल्हार
Summary of Chapter 12 Hind Mahasagar me Chhota sa Hindustan Class 6 Hindi
रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा लिखी गई कहानी "हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान" एक यात्रा वृत्तांत है, जिसमें लेखक मॉरिशस की यात्रा के दौरान अपने अनुभवों का वर्णन करते हैं। यह कहानी मॉरिशस के भारतीय समुदाय, उनकी संस्कृति, और वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य को उजागर करती है। इसमें मॉरिशस की भौगोलिक स्थिति, वहाँ की जनसंख्या, और भारतीयों की स्थिति का विस्तृत विवरण दिया गया है।
संक्षिप्त में सार
लेखक का यात्रा विवरण
कहानी "हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान" में लेखक रामधारी सिंह 'दिनकर' अपने मॉरिशस यात्रा के अनुभवों को साझा करते हैं। लेखक की यात्रा दिल्ली से 15 जुलाई को शुरू होती है। वे 16 जुलाई को मुंबई से और 17 जुलाई को नैरोबी (केन्या) से मॉरिशस के लिए रवाना होते हैं। नैरोबी में उनके पास एक रात और दो दिन ठहरने का समय मिलता है, इसलिए वे नैरोबी के नेशनल पार्क में घूमने जाते हैं।
नैरोबी का नेशनल पार्क एक विशाल जंगल है, जहाँ पेड़ों की कमी और घास की बहुतायत है। यहाँ वे सिंहों को देखने की कोशिश करते हैं। काफी समय तक सफर करने के बाद वे एक जगह पहुँचते हैं, जहाँ सिंह आराम कर रहे होते हैं। सिंहों की गतिविधियों को देखकर लेखक को एहसास होता है कि ये सिंह पर्यटकों की उपस्थिति से बिल्कुल अप्रभावित हैं। इसी दौरान कुछ दूर हिरनों का एक झुंड दिखता है, जिनके बीच एक जिराफ खड़ा होता है। जैसे ही सिंहों की नजर हिरनों पर पड़ती है, वे शिकार की तैयारी करने लगते हैं। हिरनों के झुंड में हलचल होती है, लेकिन वे तुरंत भागने के बजाय सतर्क होकर खड़े रहते हैं।
मॉरिशस का परिचय
मॉरिशस एक छोटा-सा द्वीप है जो हिंद महासागर में स्थित है। लेखक ने मॉरिशस को ‘हिंद महासागर का मोती’ और ‘भारत-सागर का सबसे खूबसूरत सितारा’ कहा है। मॉरिशस का क्षेत्रफल लगभग 720 वर्गमील है और यह द्वीप चारों ओर से समुद्र से घिरा हुआ है। मॉरिशस की अधिकांश जनसंख्या भारतीय मूल की है, जिनमें से 67 प्रतिशत लोग भारतीय वंश के हैं और उनमें से अधिकांश हिंदू हैं। इस कारण मॉरिशस को ‘छोटा-सा हिंदुस्तान’ भी कहा जा सकता है।
भारतीय संस्कृति का प्रभाव
मॉरिशस में भारतीय संस्कृति का गहरा प्रभाव है। यहां के लोग भारतीय त्योहारों को बड़े धूमधाम से मनाते हैं, जैसे दशहरा, और वे धार्मिक स्थलों पर जाकर पूजा-अर्चना करते हैं। मॉरिशस के मध्य में स्थित ‘गंगा-तालाब’ नामक झील एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां पर भक्तगण कांवड़ लेकर जाते हैं और वहां की पवित्र जल को अपने गांव के मंदिरों में चढ़ाते हैं। यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।
भाषा और समाज
मॉरिशस में मुख्य भाषा फ्रेंच है, लेकिन अधिकांश भारतीय मूल के लोग भोजपुरी बोलते हैं, जो वहां की दूसरी सबसे प्रमुख भाषा है। यहां की भोजपुरी भाषा में फ्रेंच के शब्द भी मिलते हैं, जिससे यह भाषा और भी अनोखी बन जाती है। भारतीय मूल के लोगों ने मॉरिशस की कृषि, विशेषकर गन्ने की खेती और चीनी उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
भारत और मॉरिशस के संबंध
लेखक ने मॉरिशस को भारत का एक हिस्सा माना है, क्योंकि वहां के लोग भारतीय संस्कृति और परंपराओं का पालन करते हैं। मॉरिशस में भारतीय संस्कृति को देखने के बाद लेखक को गर्व महसूस होता है, और वह इस बात को रेखांकित करते हैं कि भारतीय संस्कृति कितनी जीवंत और स्थायी है।
कहानी का सार
‘हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान’ में कविवर रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी के द्वारा रचित है। जिसमें दिनकर जी ने अपनी यात्रा का वर्णन किया है। मॉरिशस हिंद महासागर का खूबसूरत सितारा है । कवि की यात्रा दिल्ली से 15 जुलाई को मुंबई से 16 जुलाई को और नैरोबी से 17 जुलाई को मॉरिशस के लिए प्रारंभ हुई। नैरोबी का नेशनल पार्क चिड़ियाघर नहीं है। शहर से बाहर बहुत बड़ा जंगल है, जिसमें घास अधिक तथा पेड़ कम हैं।
मॉरिशस द्वितीय भूमध्य रेखा से कोई बीस डिग्री दक्खिन और देशांतर रेखा 60 के पास, किंतु उससे पश्चिम की ओर बसा हुआ है। मॉरिशस की लंबाई 29 मील तथा चौड़ाई 20 मील है। मॉरिशस वह देश है जिसका कोई भी हिस्सा समुद्र से पंद्रह मील से ज्यादा दूर नहीं है। मॉरिशस में 67% लोग भारतीय हैं जिसमे 53% लोग हिंदू हैं। मॉरिशस की राजधानी पोर्टलुई की गलियों के नाम कलकत्ता, मद्रास, हैदराबाद तथा मुंबई (बंबई) हैं। इसके एक पूरे मोहल्ले का नाम काशी है। मॉरिशस में बनारस भी है, गोकुल भी है, और ब्रह्म स्थान भी है।
मॉरिशस की राजभाषा अंग्रेजी, किंतु संस्कृति की भाषा फ्रेंच है। मॉरिशस की जनता क्रेयोल बोलती है। क्रेयोल का फ्रेंच से वही संबंध है, जो संबंध भोजपूरी का हिंदी भाषा से है। मॉरिशस कृषि प्रधान देश है।
मॉरिशस के प्रत्येक ग्राम में शिवालय होता है। मॉरिशस के प्रत्येक प्रमुख ग्राम में हिंदू रामचरितमानस का पाठ ढोलक और झाँझ पर गायन करते हैं। भारत के पर्व त्यौहार मॉरिशस में भी प्रचलित हैं। शिवरात्रि वर्ष का सर्वश्रेष्ठ पर्व है। मॉरिशस के एक झील का नाम परी – तालाब है। परी – तालाब केवल तीर्थ ही नहीं पिकनिक स्थान भी है।
शिवरात्रि पर हिंदू श्वेत वस्त्र पहनकर कंधों पर काँवर लेकर परी – तालाब से जल लेकर अपने गाँव के शिवालय में जाकर शिवजी को जल चढ़ाकर अपने घर में प्रवेश करते हैं।
यहाँ के भारतीय अत्याचार सहकर भी अपने धर्म पर डटे रहे और इस द्वीप को उन्होंने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला जिस पर सभी भारतीयों को गर्व होना चाहिए ।
लेखक परिचय
आपने जो रोचक यात्रा-वृत्तांत पढ़ा है, उसे हिंदी के प्रसिद्ध लेखक रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने लिखा है । ‘दिनकर’ की रचनाओं की विशेषता है— भारत और भारत की संस्कृति । उनकी रचनाओं में वीरता, उत्साह और देशप्रेम का भाव अधिक है। स्वतंत्रता मिलने के बाद भी भारत का गौरव गान उनकी (1908-1974) रचनाओं का विषय बना रहा। उन्होंने आप जैसे बच्चों के लिए भी पुस्तकें लिखी हैं, जैसे— मिर्च का मज़ा, पढ़क्कू की सूझ और सूरज का ब्याह आदि।
निष्कर्ष
इस यात्रा विवरण में लेखक ने मॉरिशस की सुंदरता, उसकी भारतीय संस्कृति और वहां के लोगों की जीवनशैली का वर्णन किया है। उन्होंने मॉरिशस को ‘छोटा-सा हिंदुस्तान’ कहा है, जहां भारतीयता पूरी तरह से जीवित है और इसे देखना एक गर्व का अनुभव है। इस पाठ के माध्यम से लेखक ने भारतीयता के महत्व और उसकी वैश्विक पहचान को उजागर किया है।