Chapter 13 पेड़ की बात Summary for Class 6 Hindi NCERT मल्हार

Summary of Ped ki Baat for Class 6 Hindi is available on this page of studyrankers website. This study material is prepared by our expert faculty teachers which is very useful for the students who need to study class 6 hindi ncert solutions. Chapter 13 Ped ki Baat NCERT Solutions class 6 helps the students in preparing for examination. We have covered all the questions and answers of the chapter 13 पेड़ की बात class 6 hindi ncert textbook. Students can find all the questions answers of 13 Ped ki Baat chapter which is in the textbook updated to latest pattern of cbse and ncert.

Summary of Chapter 13 Ped ki Baat Class 6 Hindi

"पेड़ की बात" एक बहुत ही रोचक और शिक्षाप्रद कहानी है, जो पेड़ों के जीवन और उनके विकास की प्रक्रिया को समझाती है। यह कहानी बीज से पेड़ बनने की अद्भुत यात्रा का वर्णन करती है और यह भी बताती है कि कैसे पेड़ हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं।


संक्षिप्त में सार

अंकुरित बीज का वह भाग जो धरती के अंदर जाता है उसे जड़ तथा भूमि के ऊपर का भाग तना कहलाता है। धीरे-धीरे पेड़ पर पत्तियाँ आती हैं जो कि सूर्य के प्रकाश की सहायता से पेड़ के लिए भोजन बनाती हैं। पेड़ों को भी भोजन की आवश्यकता होती है। जड़ों के माध्यम से मिट्टी में उपस्थित द्रव्य तने तथा पौधे के शेष भागों में पहुँचते हैं। पेड़ों से ही हमें प्राणवायु मिलती है जो कि हर मानव के लिए आवश्यक है। भोजन निर्माण ( प्रकाश संश्लेषण) की प्रक्रिया में पेड़ हमारे द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाई ऑक्साइड ग्रहण कर लेते हैं और इसके बदले हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं।

सभी पौधों को जीवित रहने के लिए प्रकाश की आवश्यकता ही नहीं, अनिवार्यता है। पेड़ों की लकड़ी को जलाने से जो गरमी व प्रकाश उत्पन्न होता है, वह सूर्य की ही गरमी व प्रकाश है। जिस प्रकार मानव जीवन का चक्र चलाने के लिए संतानोत्पत्ति होती है; उसी प्रकार बीज ही पेड़ों की संतान है। हमारी दूषित वायु पारस पत्थर के समान कार्य करके पेड़ों द्वारा ऑक्सीजन में बदल जाती है और फिर हमें फल-फूल प्राप्त होते हैं। वृक्षों के फूलों में शहद का संचय होता है, जिसका पान करने के लिए तितलियाँ व मधुमक्खियाँ पेड़ों से मित्रता कर लेती हैं। मधुमक्खियाँ तो पराग कणों के स्थानांतरण से प्रजनन प्रक्रिया में सहायक बनती है।

धीरे-धीरे पेड़ों की शक्ति क्षीण हो जाती है और बुढ़ापे की ओर अग्रसर होने लगते हैं। हवा के साथ पेड़ धरती की शरण में चले जाते हैं और अपनी संतान ( बीज) के लिए अपना बलिदान दे देते हैं।


कहानी का सार

  • बीज से पेड़ बनने की प्रक्रिया

लेखक ने बताया कि जब बीज को मिट्टी में बोया जाता है, तो वह धीरे-धीरे अंकुरित होता है। यह अंकुर मिट्टी के नीचे से ऊपर की ओर बढ़ता है। अंकुर का एक हिस्सा नीचे की ओर जड़ बनता है, जो मिट्टी में गहराई तक जाती है, जबकि दूसरा हिस्सा तने के रूप में ऊपर की ओर बढ़ता है। जड़ें मिट्टी से पोषक तत्व और पानी अवशोषित करती हैं, जिससे पेड़ का विकास होता है। तना पेड़ को मजबूती देता है और पत्तियों को सूरज की रोशनी तक पहुँचाता है।

  • पेड़-पौधों का भोजन ग्रहण करना

लेखक ने पेड़-पौधों के भोजन ग्रहण करने की प्रक्रिया का वर्णन किया है। पेड़-पौधों के “दाँत” नहीं होते, इसलिए वे ठोस भोजन नहीं कर सकते। वे मिट्टी से पानी और घुले हुए पोषक तत्वों को जड़ों के माध्यम से अवशोषित करते हैं। इसके अलावा, पत्तियाँ सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके “फोटोसिंथेसिस” की प्रक्रिया के माध्यम से ऊर्जा का उत्पादन करती हैं। पत्तियों में स्थित छोटे-छोटे रोमछिद्र (स्टोमेटा) हवा से कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करते हैं, जिसे पेड़ ऑक्सीजन में परिवर्तित करके वातावरण में छोड़ते हैं।

  • प्रकाश और पेड़-पौधे

प्रकाश पेड़-पौधों के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लेखक बताते हैं कि पेड़-पौधों की पत्तियाँ हमेशा प्रकाश की ओर बढ़ने का प्रयास करती हैं। अगर किसी पौधे को अंधेरे में रखा जाए, तो वह प्रकाश की तलाश में अपनी दिशा बदलता है। वनस्पतियों में एक प्रकार की प्रतिस्पर्धा होती है, जिसमें सभी पौधे सूर्य के प्रकाश को पाने के लिए तेजी से ऊपर की ओर बढ़ने का प्रयास करते हैं। बेल-लताएँ भी पेड़ों से लिपटकर ऊपर की ओर बढ़ती हैं ताकि वे भी सूर्य की रोशनी प्राप्त कर सकें।

  • पेड़-पौधों का पर्यावरणीय योगदान

पेड़-पौधे न केवल ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं, बल्कि वे हमारे वातावरण को भी स्वच्छ रखते हैं। जब हम सांस लेते हैं, तो हम कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं, जो पेड़-पौधों के लिए भोजन का स्रोत बनता है। पेड़ इस कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके वातावरण को शुद्ध करते हैं। इसके अलावा, पेड़-पौधे अपनी पत्तियों और शाखाओं से पर्यावरण में सुखद सुगंध और हरियाली का अनुभव कराते हैं, जिससे मानव जीवन को मानसिक और शारीरिक संतुलन मिलता है।

  • पेड़-पौधों की संरचना और जीवन

लेखक ने बताया कि पेड़-पौधे भी जीवित होते हैं और उन्हें भी हमारी तरह भोजन, पानी, और प्रकाश की आवश्यकता होती है। पेड़-पौधे जड़ों, तनों, और पत्तियों के माध्यम से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। जैसे-जैसे पेड़ बड़ा होता है, वह अपनी शाखाओं और पत्तियों के माध्यम से बढ़ता जाता है और अंततः एक विशाल पेड़ बन जाता है।

  • प्राकृतिक संसाधनों का संचय

पेड़ अपने जीवन के दौरान अपने शरीर में रस और पोषक तत्वों का संचय करते हैं, जिससे वे अपनी संतानों, यानी बीजों को पोषण प्रदान कर सकते हैं। पेड़ अपने जीवन के अंत में भी अपनी संतानों के लिए सब कुछ समर्पित कर देता है।

  • पेड़ों का अंत

जब पेड़ का जीवन समाप्त होने को आता है, तो उसकी शाखाएँ और पत्तियाँ सूखने लगती हैं। धीरे-धीरे, पेड़ की शाखाएँ टूटने लगती हैं, और अंत में पूरा पेड़ जड़ सहित धरती पर गिर जाता है। लेकिन अपने जीवन के अंत से पहले, पेड़ अपनी संतानों के रूप में बीज छोड़ जाता है, जो आगे चलकर नए पेड़ बनते हैं।


लेखक परिचय

प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीशचंद्र बसु का बचपन प्रकृति का अवलोकन करते हुए बीता। पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं से प्रेम करते हुए उनकी शिक्षा आरंभ हुई। वे जीवविज्ञान, भौतिकी, वनस्पति विज्ञान तथा विज्ञान कथा लेखन में रूचि रखने एक बहुविद् व्यक्ति थे। उन्होंने सिद्ध किया कि पौधों का एक निश्चित जीवनचक्र व एक प्रजनन प्रणाली होती है और वे अपने परिवेश के प्रति जागरूक होते हैं।


कहानी से शिक्षा

कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीवन का प्रत्येक हिस्सा महत्वपूर्ण होता है और प्रकृति की हर छोटी-बड़ी चीज का अपना महत्व है। पेड़-पौधों की जीवन यात्रा हमें धैर्य, संघर्ष, और निस्वार्थ प्रेम की प्रेरणा देती है। वे हमारे जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं। हमें पेड़ों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति जागरूक होना चाहिए।

Previous Post Next Post