Extra Question Answer for Chapter 5 रहीम के दोहे Class 6 Hindi NCERT मल्हार
Extra Question Answer for Chapter 5 रहीम के दोहे Class 6
We have included all types of important questions for Chapter 5 रहीम के दोहे class 6 hindi which could be asked in the examination. By studying these important questions which has been taken from the prescribed NCERT Hindi textbook Malhar for Class 6. Types of important questions included are True/False, MCQ, Very Short Answer Questions (VSAQ), Short Answer Questions (SAQ), Long Answer Questions (LAQ) and Paragraph Based Questions.
True/False (सही/गलत)
प्रश्न 1. रहीम के अनुसार, हर किसी की अपनी उपयोगिता होती है।
सही
प्रश्न 2. पेड़ अपने फलों का सेवन करते हैं।
गलत
प्रश्न 3. प्रेम का धागा टूटने के बाद फिर से जुड़ जाता है।
गलत
प्रश्न 4. विपत्ति में जो साथ दे, वही सच्चा मित्र होता है।
सही
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिए गए विकल्पों में से चुनिए-
(क) बड़ी वस्तु आने पर हमें किसे व्यर्थ नहीं समझना चाहिए-
(i) स्वयं को
(iii) चौड़ी वस्तु को
(ii) लंबी वस्तु को
(iv) छोटी वस्तु को
उत्तर
(iv) छोटी वस्तु को
(ख) ‘तरुवर फल नहीं खात हैं’ दोहे में प्रकृति का कौन-सा गुण बताया गया है?
(i) धैर्य का
(ii) परोपकार का
(iii) शीतलता का
(iv) उष्णता का
उत्तर
(ii) परोपकार का
(ग) ‘सरवर’ शब्द का अर्थ है-
(i) तालाब
(iii) वर
(ii) शर
(iv) नदी
उत्तर
(i) तालाब
(घ) रहीम जी ने प्रेम का धागा तोड़ने से क्यों मना किया है?
(i) वह कच्चा होता है।
(ii) उसे जोड़ने के लिए गाँठ लगानी पड़ती है ।
(iii) टूटकर गिर जाता है ।
(iv) उसे धरती से उठाना कठिन होता है।
उत्तर
(ii) उसे जोड़ने के लिए गाँठ लगानी पड़ती है ।
(ड़) पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून” पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
(i) यमक अलंकार
(ii) श्लेष अलंकार
(iii) मानवीकरण अलंकार
(iv) अनुप्रास अलंकार
उत्तर
(ii) श्लेष अलंकार
(च) कैसी विपदा को भली कहा गया है?
(i) बड़ी विपदा
(ii) लंबी विपदा
(iii) शारीरिक विपदा
(iv) थोड़े दिन की विपदा
उत्तर
(iv) थोड़े दिन की विपदा
रिक्त स्थान भरें (Fill in the Blanks)
1. रहीम कहते हैं, बड़े को देखकर छोटे को _____ नहीं देना चाहिए।
2. तलवार का काम _____ नहीं कर सकती।
3. प्रेम का धागा _____ नहीं तोड़ना चाहिए।
4. जिह्वा को ____ नहीं होना चाहिए।
5. संपत्ति के समय सभी ____ बन जाते हैं।
उत्तर
1. छोड़
2. सुई
3. छिटकाय
4. बावरी
5. सगे
एक शब्द उत्तर (One Word Answers)
प्रश्न 1. रहीम का पूरा नाम क्या है?
अब्दुर्रहीम खानखाना
प्रश्न 2. प्रेम के धागे को कैसा बताया गया है?
कोमल
प्रश्न 3. पेड़ क्या नहीं खाते हैं?
फल
प्रश्न 4. विपत्ति में जो साथ देता है, वह कैसा मित्र होता है?
सच्चा
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. जिह्वा की असंयमता से क्या होता है?
उत्तर
जिह्वा की असंयमता से स्वयं को ही नुकसान होता है, जैसे जूते खाने का दर्द होता है।
प्रश्न 2. “रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि । ” पंक्ति से क्या अभिप्राय है?
उत्तर
हर वस्तु का अपना महत्व होता है। अतः किसी बड़ी या महँगी वस्तु के प्राप्त होने पर छोटी या सस्ती वस्तु को तुच्छ समझकर त्यागना नहीं चाहिए ।
प्रश्न 3. ‘रहिमन पानी राखिए’ में पानी शब्द से क्या अभिप्राय है?
उत्तर
यहाँ पानी शब्द के तीन अर्थ हैं- सम्मान, जल और चमक।
प्रश्न 4. लोग किस समय अपनापन दिखाते हैं?
उत्तर
जब हम धन-संपन्न और शक्ति-संपन्न होते हैं तो लोग अपनापन दिखाते हैं।
प्रश्न 5. हित अनहित से क्या अभिप्राय है?
उत्तर
हित शब्द का अर्थ भलाई है, अनहित शब्द हित का विलोम शब्द है जिसका अर्थ बुराई है।
प्रश्न 6. ‘तरुवर फल नहीं खात है’ दोहे से हमें क्या संदेश मिलता है ?
उत्तर
इस दोहे से परोपकार करने का संदेश मिलता है।
प्रश्न 7. ‘प्रेम’ शब्द का समानार्थी शब्द बताइए ।
उत्तर
प्रेम शब्द का समानार्थी शब्द प्रीत या लगाव हो सकता है।
प्रश्न 8. जीभ की गलती की सज़ा किसे भोगनी पड़ती है?
उत्तर
जीभ की गलती की सज़ा कपाल को भोगनी पड़ती है।
प्रश्न 9. सज्जन धन संचय किसलिए करते हैं?
उत्तर
सज्जन धन संचय दूसरों की भलाई के लिए करते हैं। उन्हें अपना कोई स्वार्थ नहीं होता।
प्रश्न 10. रहीम ने किस धागे को न तोड़ने के लिए कहा है?
उत्तर
रहीम ने प्रेम रूपी धागे को न तोड़ने के लिए कहा है।
प्रश्न 11. कई बार दिमाग को जिह्वा के कारण जूतियाँ क्यों खानी पड़ती है?
उत्तर
जिह्वा के कारण दिमाग को जूतियाँ खानी पड़ती है, क्योंकि कई बार यह सोचे-समझे बिना बोलती है।
प्रश्न 12. सच्चे मित्रों की क्या पहचान होती है?
उत्तर
सच्चे मित्र वही होते हैं जो मुश्किल समय में भी हमारा साथ नहीं छोड़ते। दुख हो या सुख सदा हमारे साथ रहते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. ‘चून’ के संदर्भ में पानी का क्या महत्व है?
उत्तर
‘चून’ के संदर्भ में पानी का विशेष महत्व है। ‘चून’ शब्द का प्रयोग चूने और आटे के लिए किया गया है। चूने में जब तक पानी न मिलाया जाए तो वह सफ़ेदी नहीं देता और आटे में जब तक पानी न मिलाया जाए तो रोटी नहीं बन सकती।
प्रश्न 2. प्रेम के धागे के बारे में रहीम का क्या कहना है?
उत्तर
रहीम का कहना है कि प्रेम का धागा कोमल होता है और इसे तोड़ना नहीं चाहिए क्योंकि टूटने के बाद यह पुनः नहीं जुड़ता और यदि जुड़ भी जाए तो उसमें गाँठ पड़ जाती है।
प्रश्न 3. सच्चे मित्र की पहचान कैसे होती है?
उत्तर
रहीम के अनुसार, सच्चे मित्र की पहचान विपत्ति के समय होती है, जब सच्चे मित्र कसौटी पर खरे उतरते हैं।
प्रश्न 4. रहीमदास ने बड़े को देखकर छोटे को न छोड़ने के लिए क्यों कहा है?
उत्तर
रहीमदास ने बड़े को देखकर छोटे को न छोड़ने के लिए कहा क्योंकि सभी का अपना-अपना महत्व होता है जैसे- जहाँ सुई काम आती है वहाँ तलवार काम नहीं आ सकती।
प्रश्न 5. संपत्ति होने पर लोगों का व्यवहार हमारे प्रति कैसे होता है?
उत्तर
हमारे पास संपत्ति होने पर लोगों का व्यवहार बहुत अच्छा रहता है। बहुत से लोग कई तरीकों से हमारे बन जाते हैं लेकिन उनकी असली पहचान संपत्ति न रहने पर होती है।
प्रश्न 6. पेड़ और तालाब के उदाहरण से रहीम क्या समझाना चाहते हैं?
उत्तर
रहीम समझाना चाहते हैं कि जैसे पेड़ अपने फलों का सेवन नहीं करते और तालाब अपना पानी नहीं पीते, वैसे ही समझदार व्यक्ति अपनी संपत्ति को दूसरों के लाभ के लिए संचित करते हैं।
प्रश्न 7. प्रकृति हमें क्या सीख देती है? रहीमदास के दोहे के आधार पर बताइए ।
उत्तर
प्रकृति हमें परोपकार करने की सीख देती हैं जैसे – वृक्ष अपने फल नहीं खाते, सरोवर अपना जल नहीं पीते, ऐसे ही हमें भी अपना जीवन दूसरों की सहायता करके जीना चाहिए।
प्रश्न 8. प्रेम रूपी धागे को तोड़ना क्यों नहीं चाहिए?
उत्तर
प्रेम रूपी धागे को तोड़ना नहीं चाहिए क्योंकि यदि संबंधों में प्रेम रूपी धागा एक बार टूट जाता है तो मन में गाँठ बन जाती है अर्थात संबंध ठीक हो जाने पर भी मन-मुटाव रह ही जाता है।
प्रश्न 9. हमें अपनी जिह्वा से सोच-समझकर क्यों बोलना चाहिए?
उत्तर
हमें अपनी जिह्वा से सोच-समझकर बोलना चाहिए क्योंकि यदि हम बिना सोचे-समझे कुछ बोल देते हैं तो कई बार दूसरे को बूरा लग जाता है और हमें शर्मिंदा होना पड़ता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. हमारे जीवन में पानी का अत्यधिक महत्व है क्यों और कैसे?
उत्तर
हमारे जीवन में पानी का बहुत महत्व है। इसे बनाए रखना चाहिए। यदि पानी न हो तो मोती का कोई महत्व न रहेगा। पानी अर्थात चमक के बिना मोती बेकार है, पानी अर्थात सम्मान के बिना मनुष्य जीवन व्यर्थ है और जल के बिना आटे की रोटी नहीं बन सकती और चूना अपनी सफ़ेदी भी पानी के बिना नहीं देता।
प्रश्न 2. प्रकृति मानव को क्या संदेश देती है?
उत्तर
यदि हम प्रकृति को ध्यानपूर्वक देखते हैं तो उससे हमें अनेक गुण सीखने को मिलते हैं। धरती गुणों की खान है । धरती से हमें अन्न, जल, फल आदि सभी कुछ मिलता है। धरती से बड़ा धैर्य का उदाहरण नहीं हो सकता। पेड़-पौधे हमें अन्न और हमारी जीवन रक्षक वायु प्रदान करते हैं। इस प्रकार प्रकृति हमें परस्पर प्रेम-पूर्वक रहने का संदेश देती है।
प्रश्न 3. जिह्वा के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहते हैं?
उत्तर
जिह्वा का हमारे व्यक्तित्व में महत्वपूर्ण योगदान है। इस जिह्वा के माध्यम से जहाँ एक तरफ हम समाज में अपना स्थान बना सकते हैं, वहीं दूसरी तरफ इसका दुरुपयोग करके हम समाज में बदनामी और उपहास का पात्र भी बन सकते हैं। इसलिए मुँह से शब्द निकालने से पहले भली-भाँति विचार करना आवश्यक है। कम बोलो पर उचित बोलो।
प्रश्न 4. रहीम जिह्वा को बावरी अर्थात पागल क्यों कहते हैं?
उत्तर
रहीमदास ने जिह्वा को बावरी कहा है जैसे एक पागल कुछ भी कहने से पूर्व सही-गलत नहीं सोचता, वैसे ही जिह्वा भी कई बार ऐसा कुछ बोल देती है कि दिमाग को जूते खाने पड़ते हैं अर्थात मनुष्य को पछताना पड़ता है।
प्रश्न 5. रहीम ने सुई और तलवार के उदाहरण किस संदर्भ में दिए हैं?
उत्तर
रहीमदास का मानना है कि हमें प्रत्येक वस्तु को या मनुष्य को समान महत्व देना चाहिए। क्योंकि एक का स्थान दूसरा नहीं ले सकता जैसे सुई कपड़े सिलने के काम आती है और तलवार युद्ध में। इन दोनों का प्रयोग एक-दूसरे के स्थान पर नहीं किया जा सकता।
प्रश्न 6. वर्तमान में भी रहीमदास के दोहों की सार्थकता ज्यों की त्यों है- कैसे?
उत्तर
वर्तमान समय में भी रहीमदास के दोहों की प्रासिंगता ज्यों की त्यों बनी है। जैसे बड़े को पाकर छोटों को मत छोड़ो, सज्जन लोगों की भाँति दूसरों की सहायता करना एवं परोपकार की भावना से प्रेरित होना चाहिए। किसी के साथ प्रेम संबंधों को तोड़ना नहीं चाहिए, विपदा के दिनों में यह पता चल जाता है कि कौन हमारा हितैषी है और कौन अहितैषी । हमें अपनी जीभ से सोच-समझकर बोलना चाहिए और सच्चा मित्र वही होता है जो विपत्ति के समय में भी काम आए। ये सभी तथ्य वर्तमान में भी आवश्यक हैं और भविष्य में भी रहेंगे । इसीलिए रहीमदास जी के दोहों को उपयोगी माना जाता है।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
निम्नांकित काव्यांशों को ध्यानपवूक पढ़िए आर दिए गए प्रश्ना के उत्तर यथासंभव लिखिए या चुनिए-
प्रश्न 1.
रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि ।
जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तलवारि ।।
(क) इस दोहे का क्या भावार्थ है?
(i) छोटों का महत्व न भूलो।
(ii) बड़प्पन मत दिखाओ
(iii) बड़े और छोटे सभी का महत्व है।
(iv) अहंकार भूलो।
उत्तर
(i) छोटों का महत्व न भूलो।
(ख) लोग बड़े-छोटे के घालमेल में क्या गलती करते हैं?
(i) वे बड़ों को महत्व देते हैं।
(ii) वे छोटों को भूल जाते हैं।
(iii) वे छोटों को महत्व देते हैं।
(iv) वे बड़ों को भूल जाते हैं।
उत्तर
(ii) वे छोटों को भूल जाते हैं।
(ग) ‘तरवारि’ किसकी प्रतीक है?
(i) बड़े की
(ii) हिंसा की
(iii) संघर्ष की
(iv) युद्ध की
उत्तर
(i) बड़े की
(घ) ‘सुई’ किसकी प्रतीक है?
(i) छुटपन की
(ii) छोटे लोगों की
(iii) नीच लोगों की
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(ii) छोटे लोगों की
प्रश्न 2.
तरुवर फल नहिं खात हैं सरवर पियहिं न पान ।
कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान ।।
(क) इस दोहे में किस भावना को दर्शाया गया है?
(i) परोपकार
(ii) दयालुता
(iii) दरिद्रता
(iv) सहिष्णुता
उत्तर
(i) परोपकार
(ख) वृक्ष की विशेषता क्या होती है?
(i) वह पत्तों से घिरा रहता है।
(ii) वह कभी अपने फल नहीं खाता।
(iii) वह डालियों से झुक जाता है।
(iv) वह मीठे फल प्रदान करता है।
उत्तर
(ii) वह कभी अपने फल नहीं खाता।
(ग) सरोवर क्या ग्रहण नहीं करते?
(i) सुगंधित पदार्थ
(ii) हवा
(iii) जल
(iv) पूजा की सामग्री
उत्तर
(iii) जल
(घ) ‘परकाज’ शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
(i) दूसरा काज
(ii) दूसरों के काम आना
(iii) दूसरों के हित के लिए
(iv) नई चीजें लेना
उत्तर
(iii) दूसरों के हित के लिए
प्रश्न 3.
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय ।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाए ।।
(क) ‘रहिमन धागा प्रेम का’ का क्या आशय है?
(i) धागा प्रेम के समान कच्चा है।
(ii) प्रेम धागे के समान कच्चा है।
(iii) प्रेम धागे के समान अटूट है।
(iv) प्रेम और धागा एक जैसे हैं।
उत्तर
(iii) प्रेम धागे के समान अटूट है।
(ख) धागे और प्रेम में क्या समानता होती है?
(i) दोनों बाँधते हैं
(ii) दोनों तोड़ते हैं
(iii) दोनों जोड़ते हैं
(iv) दोनों टूटते हैं।
उत्तर
(iii) दोनों जोड़ते हैं
(ग) प्रेम के धागे को तोड़ने का क्या आशय है?
(i) दुश्मनी बनाना
(ii) मित्रता तोड़ना
(iii) मित्रता करना
(iv) प्रेम भाव समाप्त करना ।
उत्तर
(iv) प्रेम भाव समाप्त करना ।
(घ) ‘टूटे से फिर ना मिले’ का आशय है-
(i) प्रेम टूटने से फिर लोग नहीं मिलते।
(ii) एक बार टूटने पर प्रेमी नहीं मिल पाते।
(iii) प्रेम टूटने से फिर मन नहीं मिलते।
(iv) टूटने का अवसर बार-बार नहीं मिलता।
उत्तर
(iii) प्रेम टूटने से फिर मन नहीं मिलते।
प्रश्न 4.
रहिमन पानी राखिये, बिनु पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।।
(क) ‘रहिमन पानी राखिए’ का आशय है-
(i) रहीम के लिए पानी रखो।
(ii) भगवान के लिए पानी की रक्षा करो।
(iii) रहीम कहते हैं- पानी बनाए रखो ।
(iv) पानी को रखा रहने दो।
उत्तर
(iii) रहीम कहते हैं- पानी बनाए रखो ।
(ख) ‘बिन पानी सब सून’ का आटे के प्रसंग में क्या अर्थ है?
(i) पानी न हो तो रोटी नहीं खाई जा सकती।
(ii) पानी न हो तो रोटी नहीं बन सकती।
(iii) पानी न हो तो रोटी में स्वाद नहीं आता ।
(iv) पानी न हो तो रोटी सूनी लगती है ।
उत्तर
(ii) पानी न हो तो रोटी नहीं बन सकती।
(ग) मोती के संदर्भ में पानी का क्या अर्थ है?
(i) तालाब
(ii) सीपी
(iii) चमक
(iv) मूल्य
उत्तर
(iii) चमक
(घ) ‘मानुष’ के संदर्भ में पानी का आशय है-
(i) मान-सम्मान
(ii) गुण
(iii) स्वभाव
(iv) भोजन
उत्तर
(i) मान-सम्मान
प्रश्न 5.
रहिमन बिपदाहू भली, जो थोरे दिन होय ।
हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय ।।
(क) रहीम ने कैसी विपत्ति को सही कहा है?
(i) जो थोड़े दिन की होती है।
(ii) जो मेहमान की भाँति आती है।
(iii) जो क्षणिक होती है।
(iv) जो सदैव रहती है।
उत्तर
(i) जो थोड़े दिन की होती है।
(ख) थोड़े दिन की विपदा को ‘भला’ क्यों कहा गया है ?
(i) वह कुछ ही दिन परेशान करती है।
(ii) वह कोई सीख नहीं देती।
(iii) वह हमें यह बोध करवाती है कि हमारा हितैषी कौन है।
(iv) इनमें से कोई नहीं है।
उत्तर
(iii) वह हमें यह बोध करवाती है कि हमारा हितैषी कौन है।
(ग) ‘जगत’ शब्द से तात्पर्य है-
(i) संसार
(ii) भूमि
(iii) देश
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(i) संसार
(घ) विपत्ति हमें किसकी पहचान करवाती है?
(i) यह सज्जन की पहचान करवाती है।
(ii) यह दुर्जन की पहचान करवाती है।
(iii) यह हितैषी/अहितैषी की पहचान करवाती है।
(iv) यह मनुष्य को सबक सिखाती है।
उत्तर
(iii) यह हितैषी/अहितैषी की पहचान करवाती है।
प्रश्न 6.
रहिमन जिह्वा बावरी, कहि गइ सरग पताल ।
आपु तो कहि भीतर रही, जूती खात कपाल ।।
(क) ‘जिह्वा’ शब्द से आप क्या समझते हैं?
(i) जीभ
(ii) सिर
(iii) मुँह
(iv) कपोल
उत्तर
(i) जीभ
(ख) ‘कहि गई सरग पाताल’ पंक्ति का अर्थ बताइए-
(i) स्वर्ग से पाताल तक की बातें
(ii) न जाने कहाँ-कहाँ की बातें
(iii) जो बातें दूसरों को अच्छी नहीं लगती
(iv) (क) और (ख) दोनों।
उत्तर
(iv) (क) और (ख) दोनों।
(ग) जीभ किसके भीतर रहती है?
(i) मुँह के
(ii) दिमाग के
(iii) पाताल में
(iv) स्वर्ग में
उत्तर
(i) मुँह के
(घ) कई बार दिमाग को पछताना क्यों पड़ता है?
(i) क्योंकि कई बार जीभ बिना सोचे-समझे कुछ भी बोल देती है जो किसी के लिए हानिकारक होता है।
(ii) जीभ बोलने से पूर्व दिमाग को कुछ बताती नहीं है।
(iii) जीभ सदा दिमाग को मात देना चाहती है।
(iv) जीभ के कुछ भी बोल देने पर दिमाग को ताने सुनने पड़ते हैं और तब जीभ प्रसन्न होती है।
उत्तर
(i) क्योंकि कई बार जीभ बिना सोचे-समझे कुछ भी बोल देती है जो किसी के लिए हानिकारक होता है।
प्रश्न 7.
कहि रहीम संपति सगे बनत बहुत बहु रीत ।
बिपति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत । ।
(क) संपत्ति आने पर क्या होता है?
(i) संबंधी घर पर आने लगते हैं।
(ii) अधिक लोगों से जान-पहचान होती है।
(iii) लोग रिश्ते-नाते बनाने के अनेक ढंग निकाल लेते हैं।
(iv) लोग ईर्ष्या करते हैं।
उत्तर
(iii) लोग रिश्ते-नाते बनाने के अनेक ढंग निकाल लेते हैं।
(ख) रिश्ते नाते कब तक साथ देते हैं?
(i) जब तक हमारे पास अधिक धन-दौलत होती है।
(ii) जब हम बलशाली होते हैं।
(iii) जब हमारा स्वभाव हँसमुख होता है।
(iv) जब हम विदेश गमन की सोचते हैं।
उत्तर
(i) जब तक हमारे पास अधिक धन-दौलत होती है।
(ग) सच्चे मित्र की क्या विशेषता होती है?
(i) सच्चा मित्र हर कार्य में सहयोगी होता है।
(ii) मार्गदर्शक होता है।
(iii) सदा सच बोलता है।
(iv) मुश्किल के समय भी मित्र का साथ नहीं छोड़ता ।
उत्तर
(iv) मुश्किल के समय भी मित्र का साथ नहीं छोड़ता ।
(घ) सच्चे मित्र को कब परखा जा सकता है?
(i) समारोह में
(ii) सबके समक्ष
(iii) विपत्ति आने पर
(iv) हर पल
उत्तर
(iii) विपत्ति आने पर